फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने मंगलवार को पुणे के मंजर खुर्द की एक फैक्ट्री से करीब 900 किलो नकली पनीर जब्त की। इसकी कीमत 1.98 लाख बताई जा रही है। साथ ही मिलावटी पनीर बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला स्किम्ड दूध और 2.24 लाख का आरबीडी पेमोलिन तेल भी पकड़ा गया।
दरअसल पनीर ही नहीं, दूध और घी में भी मिलावट को लेकर अक्सर खबरें आती रहती हैं। दिवाली के आसपास तो हर साल मिलावटी मावा यानी खोया पकड़ा जाता है।
आज जरूरत की खबर में हम दूध से बनी मिलावटी चीजों की पहचान का प्रोसेस बताएंगे। इसे खाने से क्या-क्या हेल्थ रिलेटेड प्रॉब्लम्स होंगी, इसकी भी बात करेंगे।
सबसे पहले बात करते हैं पनीर की
पनीर की मांग बढ़ी है, इसलिए इसे सिंथेटिक तरीके से तैयार किया जा रहा है। आपने अक्सर यह भी सुना होगा कि प्योर पनीर है या सिंथेटिक।
सवाल- ये सिंथेटिक पनीर होता क्या है?
जबाव- यह नकली पनीर होता है। नकली यानी आर्टिफिशियल तरीके से पनीर को बनाने के लिए उसमें खराब दूध, आटा, डिटर्जेंट पाउडर, पामोलिन तेल, ग्लिसरॉल मोनोस्टियरेट पाउडर और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे केमिकल मिलाया जाता है।
अब जाहिर-सी बात है कि ये सारी चीजें सेहत को नुकसान पहुंचाती हैं। यही वजह है कि डॉक्टर भी मरीज को घर पर बना पनीर खाने की सलाह देते हैं।
पनीर की प्योरिटी चेक करने का सबसे आसान तरीका यह है कि इसे हाथों से मसलकर देखें। मिलावटी पनीर का चूरा बन जाएगा, क्योंकि यह पाउडर मिल्क से बनता है। प्योर पनीर के साथ ऐसा नहीं होगा।
नीचे लगे क्रिएटिव में पढ़ें मार्केट से पनीर लाने के बाद उसकी प्योरिटी चेक करने के लिए आपको क्या करना होगा।
नकली पनीर खाने से हेल्थ रिलेटेड ये प्रॉब्लम हो सकती हैं
दूध से बनी ज्यादातर चीजों में मिलावट देखी जा रही है। इसलिए पनीर के बाद अब बात करते हैं घी की।
घी को लेकर अक्सर बुजुर्ग कहते हैं कि हम लोग पुराने समय का घी खाकर बड़े हुए हैं, इसलिए मजबूत हैं। तुम लोगों की तरह मिलावटी घी नहीं खाया हमने। सच ही कहते हैं घी अगर प्योर खाया जाए, तो ये हेल्थ के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है।
इससे बॉडी को डिटॉक्स किया जा सकता है। इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल भी होता है। इसके बावजूद सवाल उठता है कि क्या मार्केट में प्योर घी मिलता है? दावा तो सारी कंपनियां करती हैं। हकीकत क्या है, इसे जानने के लिए हम आपको कुछ टिप्स और ट्रिक्स बताएंगे।
नकली घी इस्तेमाल करने से इन 7 बीमारियों का है खतरा
दूध की प्योरिटी चेक करते हैं क्या आप?
घी बनाओ, पनीर बनाओ या फिर दही जमाओ। इन सबके लिए जो चीज सबसे जरूरी है वो है दूध। और दूध ही है जो असली नहीं मिल पा रहा। इसलिए यह जानना सबसे जरूरी है कि जो दूध आप ले रहे हैं वो कितना प्योर है।
अब मिलावटी दूध कितना खतरनाक है ये जानते हैं। उससे पहले पढ़ लें WHO ने क्या कहा…
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी WHO ने भारत सरकार को मिलावटी दूध को लेकर अलर्ट किया था। इसके अनुसार अगर सरकार ने दूध में मिलावट को लेकर सख्त कदम नहीं उठाए, तो 2025 तक देश के 87% लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो जाएंगे।
चलते-चलते
इस मामले में कानून क्या कहता है, ये जान लेते हैं एडवोकेट सचिन नायक से।
सवाल- मिलावटी चीजों के खिलाफ कहां शिकायत कर सकते हैं?
जवाब- मिलावटी चीजों की शिकायत आप फूड सेफ्टी और स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इंडिया यानी FSSAI के कानून के तहत कर सकते हैं। याद रखें कि इसके लिए आप डायरेक्ट मैजिस्ट्रेट के पास नहीं जा सकते है।
पनीर के उदाहरण से ही इसे समझते हैं। अगर पनीर मिलावटी है, तो उसका सैंपल लेकर आपको फूड सेफ्टी अथॉरिटी के पास जाना होगा। वहां एक लिखित शिकायत दर्ज करानी होगी कि जो पर्टिकुलर प्रोडक्ट हम रख रहे हैं, उसमें मिलावट है। अथॉरिटी लैब भेजकर उसकी जांच करवाएगी, जैसे ही रिपोर्ट आपके फेवर में आएगी, वारंट जारी हो जाएगा।
सवाल- क्या हर शहर में फूड सेफ्टी के अधिकारी होते हैं?
जवाब- हां, हर शहर में एक फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर मौजूद हैं। उनका काम इंस्पेक्शन और जांच दोनों है।
देश के सभी राज्यों के फूड सेफ्टी डेजिगनेटेड ऑफिसर की जानकारी के लिए यहां क्लिक करें
सवाल-मिलावट करने वालों के लिए कानून में क्या सजा है?
जवाब- खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलावटी सामान बेचने वाले दुकानदारों पर जुर्माने का प्रावधान है। उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। अगर किसी ने मिलावटी खाने की कोई चीज खा ली है, तो उसके लिए नॉन बेलेबल वारंट जारी होगा। इसके बाद दोषी को 6 महीने से 3 साल की जेल होगी। अगर मिलावटी चीज किसी ने नहीं खाई है, तो बेलेबल वारंट दोषी के खिलाफ जारी होगा।
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