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आज हिंदी बोलने वालों का दिन है। आज हम 52 करोड़ से ज्यादा लोगों की मातृभाषा का त्योहार मना रहे हैं। यह अच्छा है कि हम आज के दिन हिंदी को याद करते हैं, लेकिन क्या हम रोजाना हिंदी बोलने और लिखने के मामले में इस भाषा के साथ न्याय कर पा रहे हैं? हम कई बार हिंदी लिखने या शब्दों को बोलने में गलती कर बैठते हैं।
18वीं सदी के मशहूर लेखक डॉक्टर सैमुअल जॉनसन ने कहा था, "भाषा विचारों की पोशाक है।" उनकी बात पर गौर किया जाए तो साफ है कि अगर भाषा गलत होगी तो हम विचारों को सही तरीके से दूसरों तक नहीं पहुंचा पाएंगे। तो आइए आज इस हिंदी दिवस पर हम जानते हैं कि कैसे सही हिंदी लिखें और बोलें...।
आखिर हम हिंदी में क्यों गलतियां करते हैं?
हिंदी को सुधारने का तरीका क्या हो सकता है? अच्छी हिंदी कैसे लिखें और बोलें? इसी तरह के कुछ सवालों को लेकर हमने हिंदी के वरिष्ठ लेखक, साहित्यकार और पत्रकार रहे डॉक्टर धनंजय चोपड़ा से बात की। डॉक्टर चोपड़ा "प्रयोजनमूलक हिंदी और मीडिया लेखन" समेत 15 किताबों के लेखक हैं और फिलहाल इलाहबाद विश्वविद्यालय में सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज के समन्वयक हैं। आइए इस वीडियो के जरिए जानते हैं कि डॉ.धनंजय क्या टिप्स दे रहे हैं...
L-S-R-W फॉर्मूला: जो आपको लिखने, बोलने और पढ़ने में गलतियों से बचाएगा
करीब 13 वर्षों से हिंदी पढ़ा रहीं भोपाल की वरिष्ठ अध्यापिका लाली वर्मा भाषा सुधारने के लिए L-S-R-W फॉर्मूले की सलाह देती हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम चार बातों का ध्यान रखते हैं तो हिंदी में गलतियों की संभावना कम हो जाएगी।
क्या है L-S-R-W फॉर्मूला?
क्या हिंग्लिश से कमजोर हो रही है हिंदी?
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख डॉक्टर राखी तिवारी हिंदी के कमजोर होने का कारण लिखने में हिंग्लिश का शामिल होना और स्कूली शिक्षा में हिंदी को केवल विषय मानने को बताती हैं।
3 तरीके: जो हिंदी को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं
पॉजिटिव- जिस काम के लिए आप पिछले कुछ समय से प्रयासरत थे, उस कार्य के लिए कोई उचित संपर्क मिल जाएगा। बातचीत के माध्यम से आप कई मसलों का हल व समाधान खोज लेंगे। किसी जरूरतमंद मित्र की सहायता करने से आपको...
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