नाक में उंगली डालना। हम में से अधिकांश लोग इसे करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही इसे स्वीकार करेंगे। अगर ऐसे करते हुए हम रंगे हाथ पकड़े जाते हैं तो हम शर्म से इधर-उधर देखने लगते हैं। इसे आम तौर पर लोग सिर्फ एक गलत आदत मानते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि आपकी यह आदत आपको बीमार कर सकती है।
मेडिकल टर्म में नाक में उंगली डालने को राइनोटिलेक्सोमेनिया कहते हैं।
साइकोलॉजिस्ट डॉ. प्रीतेश गौतम और फिजिशयन राजेश सिंह से आज इस आदत के बारे में चर्चा करते हैं…
सबसे पहले समझ लें कि नाक में बाल होते हैं?
नाक में बाल हवा को फिल्टर करने का काम करते हैं। जब हम हवा नाक से खींचते हैं तब नाक में पाए जाने वाले बाल हवा में मौजूद धूल कण, पराग कण और एलर्जन को फेफड़े में जाने से रोकते हैं। नाक के बाल वहां मौजूद म्यूकस मेम्ब्रेन को बाहर निकालने से रोकते हैं।
अब वापस बात करती हूं नाक में उंगली डालने की आदत पर। यह एक गलत आदत है। इसे सुधारा जा सकता है। लेकिन इससे शरीर पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ता। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो यह आपकी गलती है। नीचे लगी क्रिएटिव में पढ़ें कि यह कितना खतरनाक है…
हाल ही में हुई रिसर्च से अब इसे डिटेल में समझते हैं
ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने चूहों पर एक स्टडी की। जिसमें ये बात सामने आई कि बैक्टीरिया नाक की नली से होता हुआ चूहों के मस्तिष्क यानी ब्रेन में पहुंच गया। इस बैक्टीरिया की वजह से अल्जाइमर का संकेत मिला।
यह स्टडी साइंस मैगेजीन साइंटिफिक रिपोर्ट्स में पब्लिश हुई। जिसमें कहा गया है कि ‘कलामीडिया न्यूमेनिए’ नाम का बैक्टीरिया इंसानों को संक्रमित कर सकता है। यही बैक्टीरिया न्यूमोनिया के लिए जिम्मेदार होता है।
रिसर्चर और प्रोफेसर जेम्स सेंट जॉन ने कहा कि यह अच्छी आदत नहीं है। अगर नाक में उंगली डालने की वजह से कोई नाक की परत को नुकसान पहुंचाता है, तो बैक्टीरिया दिमाग तक पहुंच सकता है। इसकी वजह से आप अपने सूंघने की क्षमता को खो सकते हैं। यह अल्जाइमर की शुरुआती भी हो सकती है।
सवाल- ये अल्जाइमर क्या है, जिसका जिक्र रिसर्चर्स ने किया है?
जवाब- अल्जाइमर दिमाग से रिलेटेड बीमारी है। जिसमें लोगों की याददाश्त कमजोर या पूरी तरह से खत्म हो जाती है। सोचने-समझने की क्षमता पर इसका असर पड़ता है। इतना ही नहीं एक समय ऐसा भी आ सकता है, जब इंसान डेली करने वाले नॉर्मल काम करने की क्षमता भी खो सकता है।
सवाल- सबसे जरूरी बात, लोग नाक में उंगली क्यों डालते हैं?
जवाब- इन 2 वजहों से नाक में उंगली डालते हैं लोग
सवाल- नाक में उंगली डालने का कोई साइकोलॉजिकल कारण भी है, क्या?
जवाब- जी बिल्कुल, इसे तीन कैटगरी से समझने की कोशिश करते हैं:
इन सब के अलावा एक कारण ये भी हो सकता है कि लोगों को नाक में कुछ ब्लॉकेज फील हो या अनकम्फर्टेबल महसूस हो। तब भी लोग नाक में उंगली डालकर उसे ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं।
सवाल- अक्सर बच्चे की नाक में उंगली डालने की आदत से पेरेंट्स परेशान रहते हैं। क्या उनकी ये आदत छूट जाए इसका कोई उपाय है?
जवाब- इसका जवाब जानने के लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़ें और दूसरों को शेयर भी करें:
सवाल- अगर बड़ों को नाक में उंगली डालने की आदत हो, तो वो अपनी आदत से कैसे छुटकारा पा सकते हैं?
जवाब- आपको बच्चों की तरह ही अपनी इस आदत का कारण ढूंढना होगा:
हमने कुछ लोगों से इस पर बात की, तो उन्होंने नेसल ड्राईनेस को अपनी समस्या बताई और कहा कि नाक में सूखापन महसूस होने की वजह से वो बार-बार नाक में उंगलियां डालते हैं। अगर आपको भी यही दिक्कत हो, तो नीचे लिखे टिप्स को फॉलो करें-
सर्दी-जुकाम हो तो, नाक में उंगली डालने की जगह, इन टिप्स को फॉलो करें-
नाक में ब्लॉकेज महसूस हो, तो इन टिप्स को फॉलो करें-
सवाल- क्या इस आदत का कोई फायदा भी है?
जवाब- नहीं। बिल्कुल भी नहीं। इस आदत से सिर्फ नुकसान है।
सवाल- अच्छा, फिर क्यों कुछ लोग इस आदत को स्ट्रेस रिलीवर मानते हैं। क्या यह सच है?
जवाब- केवल यही आदत ही नहीं, बहुत सी गलत आदतों को हम स्ट्रेस रिलीवर मान लेते हैं। कुछ लोग नाखून खाते हैं, कुछ उंगलियां चटकाने लगते हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए और अपने स्ट्रेस दूर करने के लिए कोई प्रोडक्टिव तरीका ढूंढना चाहिए।
स्ट्रेस दूर करने के लिए ये उपाय करें
अगर इन उपायों से भी आप अपने स्ट्रेस को कम नहीं कर पा रहे हैं ताे काउंसलर की मदद लें।
चलते-चलते
1995 में इस आदत पर साइंटिफिक स्टडी होने का दावा पहली बार किया गया
5 साल के बाद हुई एक रिसर्च भारत में, बच्चों ने कहा ऐसा करने से खुशी मिलती है
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