नाक में उंगली डालकर कुछ सोचते हैं:इस आदत को छोड़ दें, इससे दिमाग में घुसेगा बैक्टीरिया, भूल जाएंगे सब कुछ

6 महीने पहले
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नाक में उंगली डालना। हम में से अधिकांश लोग इसे करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ही इसे स्वीकार करेंगे। अगर ऐसे करते हुए हम रंगे हाथ पकड़े जाते हैं तो हम शर्म से इधर-उधर देखने लगते हैं। इसे आम तौर पर लोग सिर्फ एक गलत आदत मानते हैं। पर क्या आप जानते हैं कि आपकी यह आदत आपको बीमार कर सकती है।

मेडिकल टर्म में नाक में उंगली डालने को राइनोटिलेक्सोमेनिया कहते हैं।

साइकोलॉजिस्ट डॉ. प्रीतेश गौतम और फिजिशयन राजेश सिंह से आज इस आदत के बारे में चर्चा करते हैं…

सबसे पहले समझ लें कि नाक में बाल होते हैं?
नाक में बाल हवा को फिल्टर करने का काम करते हैं। जब हम हवा नाक से खींचते हैं तब नाक में पाए जाने वाले बाल हवा में मौजूद धूल कण, पराग कण और एलर्जन को फेफड़े में जाने से रोकते हैं। नाक के बाल वहां मौजूद म्यूकस मेम्ब्रेन को बाहर निकालने से रोकते हैं।

अब वापस बात करती हूं नाक में उंगली डालने की आदत पर। यह एक गलत आदत है। इसे सुधारा जा सकता है। लेकिन इससे शरीर पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ता। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो यह आपकी गलती है। नीचे लगी क्रिएटिव में पढ़ें कि यह कितना खतरनाक है…

हाल ही में हुई रिसर्च से अब इसे डिटेल में समझते हैं

ऑस्ट्रेलिया की ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने चूहों पर एक स्टडी की। जिसमें ये बात सामने आई कि बैक्टीरिया नाक की नली से होता हुआ चूहों के मस्तिष्क यानी ब्रेन में पहुंच गया। इस बैक्टीरिया की वजह से अल्जाइमर का संकेत मिला।

यह स्टडी साइंस मैगेजीन साइंटिफिक रिपोर्ट्स में पब्लिश हुई। जिसमें कहा गया है कि ‘कलामीडिया न्यूमेनिए’ नाम का बैक्टीरिया इंसानों को संक्रमित कर सकता है। यही बैक्टीरिया न्यूमोनिया के लिए जिम्मेदार होता है।

रिसर्चर और प्रोफेसर जेम्स सेंट जॉन ने कहा कि यह अच्छी आदत नहीं है। अगर नाक में उंगली डालने की वजह से कोई नाक की परत को नुकसान पहुंचाता है, तो बैक्टीरिया दिमाग तक पहुंच सकता है। इसकी वजह से आप अपने सूंघने की क्षमता को खो सकते हैं। यह अल्जाइमर की शुरुआती भी हो सकती है।

सवाल- ये अल्जाइमर क्या है, जिसका जिक्र रिसर्चर्स ने किया है?
जवाब- अल्जाइमर दिमाग से रिलेटेड बीमारी है। जिसमें लोगों की याददाश्त कमजोर या पूरी तरह से खत्म हो जाती है। सोचने-समझने की क्षमता पर इसका असर पड़ता है। इतना ही नहीं एक समय ऐसा भी आ सकता है, जब इंसान डेली करने वाले नॉर्मल काम करने की क्षमता भी खो सकता है।

सवाल- सबसे जरूरी बात, लोग नाक में उंगली क्यों डालते हैं?
जवाब- इन 2 वजहों से नाक में उंगली डालते हैं लोग

  • बचपन में आदत लग जाती है।
  • इससे खुशी मिलती है।

सवाल- नाक में उंगली डालने का कोई साइकोलॉजिकल कारण भी है, क्या?
जवाब- जी बिल्कुल, इसे तीन कैटगरी से समझने की कोशिश करते हैं:

  • बच्चे - जब हम छोटे बच्चों को कोई भी चीज हाथ में देते हैं, तो वो उसे मुंह में ही डाल कर देखते हैं। बच्चों को लगता है इससे ही मुझे खुशी मिलेगी। थोड़े बड़े बच्चे यानी 3 साल के बच्चे को एंग्जायटी कम्पलशन्स होता है। जब इस तरह के बच्चे नाक में उंगली डालते हैं, तो उन्हें लगता है कि इससे कुछ बाहर निकलेगा। जिसे हम फील करेंगे।
  • टीनएजर्स- इस उम्र में लोग नाक में उंगली डालने के साथ-साथ चेहरे के बाल या नाक के बाल भी तोड़ते हैं। इससे उन्हें प्लेजर या खुशी मिलती है। इस आदत को ट्राइकोटिलोमेनिया कहते हैं। ये आदत तब भी हो सकती है, जब किसी के मन में कुछ चल रहा हो और वो नाक में उंगली डालकर ही सोच पाता हो।
  • एडल्ट- एडल्ट्स को भी नाक में उंगली डालने की आदत होती है। क्योंकि ऐसा करने से उनके ब्रेन में डोपामाइन न्यूरो ट्रांसमीटर रिलीज होता है और ब्रेन को रिवॉर्ड भी मिलता है। रिवॉर्ड मिलने की वजह से ब्रेन की टेंडेंसी बन जाती है, उस हरकत को बार-बार करने की।

इन सब के अलावा एक कारण ये भी हो सकता है कि लोगों को नाक में कुछ ब्लॉकेज फील हो या अनकम्फर्टेबल महसूस हो। तब भी लोग नाक में उंगली डालकर उसे ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं।

सवाल- अक्सर बच्चे की नाक में उंगली डालने की आदत से पेरेंट्स परेशान रहते हैं। क्या उनकी ये आदत छूट जाए इसका कोई उपाय है?
जवाब- इसका जवाब जानने के लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़ें और दूसरों को शेयर भी करें:

सवाल- अगर बड़ों को नाक में उंगली डालने की आदत हो, तो वो अपनी आदत से कैसे छुटकारा पा सकते हैं?
जवाब- आपको बच्चों की तरह ही अपनी इस आदत का कारण ढूंढना होगा:

हमने कुछ लोगों से इस पर बात की, तो उन्होंने नेसल ड्राईनेस को अपनी समस्या बताई और कहा कि नाक में सूखापन महसूस होने की वजह से वो बार-बार नाक में उंगलियां डालते हैं। अगर आपको भी यही दिक्कत हो, तो नीचे लिखे टिप्स को फॉलो करें-

  • ज्यादा से ज्यादा लिक्विड वाली चीजें पिएं।
  • डॉक्टर से पूछकर कोई नेजल स्प्रे लें और उसका इस्तेमाल करें।
  • हो सके, तो नारियल के तेल की कुछ बूंदे नाक में डाल सकते हैं।
  • गर्म पानी से नाक को साफ कर सकते हैं।

सर्दी-जुकाम हो तो, नाक में उंगली डालने की जगह, इन टिप्स को फॉलो करें-

  • डॉक्टर की सलाह पर दवा लें, इग्नोर करने पर समस्या बढ़ेगी और काम में ध्यान नहीं लगेगा।
  • नेसल स्प्रे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

नाक में ब्लॉकेज महसूस हो, तो इन टिप्स को फॉलो करें-

  • नाक से रिलेटेड एक्सरसाइज करें, इससे ब्लॉकेज खुलते हैं। जैसे- योग या प्राणायाम।
  • ये टिप्स बड़ों के लिए है, इसलिए वो खुद को कंट्रोल कर सकते हैं।
  • आपको समझना होगा, इस आदत से आपकी बेइज्जती या मजाक भी बन सकता है।

सवाल- क्या इस आदत का कोई फायदा भी है?
जवाब- नहीं। बिल्कुल भी नहीं। इस आदत से सिर्फ नुकसान है।

सवाल- अच्छा, फिर क्यों कुछ लोग इस आदत को स्ट्रेस रिलीवर मानते हैं। क्या यह सच है?
जवाब- केवल यही आदत ही नहीं, बहुत सी गलत आदतों को हम स्ट्रेस रिलीवर मान लेते हैं। कुछ लोग नाखून खाते हैं, कुछ उंगलियां चटकाने लगते हैं। ऐसा करने से बचना चाहिए और अपने स्ट्रेस दूर करने के लिए कोई प्रोडक्टिव तरीका ढूंढना चाहिए।

स्ट्रेस दूर करने के लिए ये उपाय करें

  • गाने सुनें
  • गहरी सांस लें
  • खुद को व्यस्त रखें
  • हैंड बॉल यूज करें

अगर इन उपायों से भी आप अपने स्ट्रेस को कम नहीं कर पा रहे हैं ताे काउंसलर की मदद लें।

चलते-चलते

1995 में इस आदत पर साइंटिफिक स्टडी होने का दावा पहली बार किया गया

  • थॉम्पसन और जेफरसन नामक अमेरिकी रिर्सचर ने यह स्टडी की।
  • स्टडी का हिस्सा बने 91% लोग कंफ्यूज नजर आए इस सवाल देने में कि वे नाक में उंगली डालते हैं या नहीं।
  • केवल 1.2% ने स्वीकार कर लिया कि वे हर घंटे में कम से कम एक बार ऐसा करते हैं।
  • 2% लोगों ने यह बताया कि नाक में उंगली डालते वक्त नाक की छेद अंतिम हिस्से तक पहुंच जाते हैं।

5 साल के बाद हुई एक रिसर्च भारत में, बच्चों ने कहा ऐसा करने से खुशी मिलती है

  • बेंगलुरु के गलोर में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेस के डॉक्टर चित्तरंजन एंड्रेड और बीएस श्रीहरि ने इस आदत पर डिटेल में रिसर्च करने की सोची।
  • उन्होंने यह रिसर्च यंग लोगों पर करने के लिए 4 स्कूल के 200 बच्चों को शामिल किया।
  • इस रिसर्च में यह भी पाया कि स्कूल और कॉलेज के बच्चों में यह आदत बड़ों की तुलना में ज्यादा होती है।
  • 7.6% बच्चों ने एडमिट किया कि वे ऐसा दिन में कम से कम 20 बार करते हैं।
  • 20%ने कहा कि नाक में गंदगी होने की वजह से उन्हें नाक में उंगली डालना पड़ता है।
  • 12% बच्चों ने स्वीकार किया कि ऐसा करने से उन्हें एक खुशी महसूस होती है।

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