आज चैत्र नवरात्र का पहला दिन है। कल यानी 3 अप्रैल से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा। मुस्लिम भाई-बहन रोजे रखेंगे। इस बार गर्मी ज्यादा है। ऐसे में उपवास और रोजे रखने वालों को फास्टिंग में ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है। जो लोग रेगुलर बल्ड प्रेशर (बीपी), शुगर, थायराइड आदि की दवाइयां लेते हैं, उन्हें इसे लेना बंद नहीं करना चाहिए।
यह सब बातें हम सब जानते हैं। इसके बावजूद अपने हेल्थ को नजरअंदाज करते हैं। यह भी याद रखें कि उपवास के कुछ नियम हैं, जिन्हें फॉलो करना चाहिए।
क्या आपको पता है कि उपवास रखना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है? ऐसा इसलिए, क्योंकि यह पाचन तंत्र यानी डाइजेस्टिव सिस्टम को आराम देता है और बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में मदद करता है।
उपवास के पीछे का कारण बता रहे हैं श्री श्री रविशंकर
वैसे तो जब हम धर्म और आस्था की बात करते हैं तब साइंस अप्लाई नहीं होता। इसके बावजूद हमें एक बार श्री श्री रवि शंकर की बात पर गौर करना चाहिए।
वे कहते हैं– जरूरी नहीं है कि धार्मिक मौके पर ही उपवास किया जाए। शरीर के अंदर की गंदगी साफ करने के लिए भी उपवास करना जरूरी है। इससे डाइजेशन सिस्टम सुधरता है। दिमाग भी हेल्दी रहता है। डिप्रेशन और मेंटल हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम को सॉल्व करने में मदद मिलती है। इसी वजह से हमारे शास्त्रों में उपवास को धर्म से जोड़ा गया है। कहा जाता है कि उपवास से ब्रेन को रेस्ट मिलता है। खाली पेट की वजह से ध्यान अच्छी तरह से लगता है।
आजकल लोग उपवास के नाम पर तला-भुना खाते हैं। ऐसा करने से बचें। इसे मानव शरीर के पीछे के साइंस के हिसाब से करें।
अब आप सोच रहे होंगे कि साइंस के हिसाब से उपवास कैसे कर सकते है? तो इन बातों का रखें ध्यान-
साइंस के हिसाब से व्रत रखने का तरीका तो आपने जान लिया। अब जानते हैं कि शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों को व्रत या रोजा कैसे रखना चाहिए।
शुगर या ब्लड प्रेशर वाले मरीज 9-10 दिन तक व्रत रख सकते हैं?
व्रत रखना या नहीं रखना तो आपकी व्यक्तिगत पसंद है। न्यूट्रीशनिस्ट और डायबिटीक एजुकेटर अवनी कौल कहती हैं– 9 से 10 दिनों तक लगातार व्रत की वजह से शुगर के मरीजों को परेशानी हो सकती है। जिन लोगों की शुगर कंट्रोल नहीं है, उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के इतने दिन तक व्रत नहीं रखना चाहिए। इसी तरह जिन लोगों को बीपी की परेशानी है, उन्हें भी बगैर डॉक्टर की सलाह के उपवास नहीं करना चाहिए।
शुगर या बीपी कंट्रोल में हो तो क्या 9-10 दिन तक व्रत रख सकते हैं?
अगर शुगर या बीपी कंट्रोल में है, तब भी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। फिर एक डाइट चार्ट के साथ व्रत का ऑप्शन चुना जा सकता है।
रमजान में शुगर या बीपी के मरीज के लिए रोजा रखना सही है?
रमजान में रोजा रखना या नहीं रखना भी हर इंसान की अपनी पसंद है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे तरीके हैं, जिनसे शुगर या बीपी के मरीज सावधानी बरतकर रोजा रख सकते हैं। रमजान के दौरान, खाने में 12 से 15 घंटे का गैप होता है, जो एक समस्या हो सकती है। शुगर या बीपी के मरीजों को नियमित और समय पर खाना खाने की सलाह दी जाती है।
मुंबई के हिंदुजा अस्पताल की एंडोक्रोनोलॉजिस्ट सलाहकार डॉ. रोशनी संघानी बताती हैं कि अगर आप शुगर के मरीज हैं और रोजे रखने का मन बना रहे हैं तो डॉक्टर से सलाह लें और एक ब्लड शुगर मीटर जरूर खरीदें। बीपी के मरीज भी रोजा रखने से पहले एक बार अपने डॉक्टर की सलाह लें। सेहरी और इफ्तार में दवाई लेना न भूलें।
शुगर या ब्लड प्रेशर के मरीजों को दवाई लेना जरूरी है?
डॉक्टर मोहम्मद रजा, MBBS-MD फिजिशियन के अनुसार, अगर किसी मरीज को उसके डॉक्टर ने रेगुलर दवाई लेने की सलाह दी है तो उसे लेना चाहिए। स्किप नहीं करना चाहिए।
ऑफिस से छुट्टी नहीं मिली तो रोजा कैसे खोल सकते हैं?
डॉक्टर मोहम्मद रजा, MBBS-MD फिजिशियन के अनुसार, आप चाहें तो एक खजूर से ही रोजा खोल सकते हैं। नमाज घर जाकर पढ़ सकते हैं।
नवरात्रि का डाइट प्लान
नाश्ता क्या करें?
लंच में क्या खाएं?
इवनिंग में क्या लें?
डिनर में क्या लें?
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