मंत्री को गोली मारने वाले पुलिसकर्मी को बाइपोलर डिसऑर्डर:सुशांत भी इसके शिकार, खत्म हुआ हनी सिंह का करियर; क्या है इलाज

4 महीने पहले
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ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नब किशोर दास की हत्या करने वाले पुलिसकर्मी गोपाल कृष्ण दास को बाइपोलर डिसऑर्डर है, यह बात जांच में सामने आई।
आखिर क्या है यह बाइपोलर डिसऑर्डर, क्या इसका इलाज संभव है, ये जानेंगे आज जरूरत की खबर में…
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं- शॉनक अजिंक्य, कंसलटेंअ साइकेट्रिस्ट, कोकिलाबेन अस्पताल, मुंबई और पूजाशिवम जेटली, साइकेट्रिस्ट, दिल्ली

सवाल: आखिर यह बाइपोलर डिसऑर्डर है क्या?
जवाब:
यह एक मानसिक बीमारी है। इसमें दो फेज होते हैं...

  • मेनिक फेज: इसमें पेशेंट एक्सट्रीम बिहेव करता है। हद से ज्यादा पैसा खर्च करने लगता है। ऐसी चीजें करता है जिससे खुद को नुकसान पहुंचे। पेशेंट शराब और सिगरेट का ज्यादा इस्तेमाल करता है, बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करने लगता है या रैश ड्राइविंग करने लगता है। कुल मिलाकर उसका बिहेवियर रिस्की और डिस्ट्रक्टिव हो जाता है।
  • डिप्रेसिव फेज: पेशेंट हर समय दुखी महसूस करता है और उसका किसी काम में मन नहीं लगता है। यहां तक की अपनी पसंद की चीजें भी करना बंद कर देता है।

बाइपोलर डिसऑर्डर को इन्हीं फेज की वजह से पहले मेनिक-डिप्रेशन साइकोसिस कहा जाता था, लेकिन क्योंकि हर पेशेंट साइकोसिस फील नहीं करता है, इसलिए बाइपोलर डिसऑर्डर नाम दिया गया। इसमें पेशेंट कभी मैनिक फेज अनुभव करता है और कभी डिप्रेसिव फेज।

सवाल: इसके सिम्टम्स क्या-क्या हैं?
जवाब:
अगर ये सिम्टम्स आप में या आपके अपनों में दिखें तो हो सकता है बाइपोलर डिसऑर्डर…

  • छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाना।
  • बहुत ज्यादा मूड स्विंग्स होना।
  • शरीर में हमेशा कम एनर्जी महसूस करना।
  • चीजों को याद रखने में और ध्यान लगाने में दिक्कत होना।
  • रोजमर्रा के काम में मन न लगना।
  • बिना वजह खुद आत्मग्लानि होना।
  • खुद पर भरोसा न कर पाना।
  • नकारात्मक विचार आना।

सवाल: आसपास किसी को ऐसे लक्षण हैं तो कैसे हैंडल करना चाहिए?
जवाब:
अगर आपके आसपास किसी को बाइपोलर डिसऑर्डर के सिम्टम्स दिखें तो नीचे लिखी बातें याद रखें…

  • उनके साथ संभलकर और सोच-समझकर बात करें।
  • ऐसे लोग धमकाने से, ऊंची आवाज से, निंदा सुनने से या डांटने से ट्रिगर हो सकते हैं इसलिए ऐसा न करें।
  • अगर किसी बात से वो ट्रिगर होते हैं तो उनके सामने वो बात न करें।
  • अगर वो डॉक्टर को नहीं दिखा रहे हैं तो उन्हें प्यार से समझाकर काउंसलिंग कराने जाने की सलाह दें।
  • ऐसे लोगों को डॉक्टर के पास जाने के लिए कन्विंस करना मुश्किल होता है। मगर आप हार न मानें।
  • इन्हें किसी बात के लिए चैलेंज न करें।

सवाल: बाइपोलर डिसऑर्डर के पीछे क्या वजह है?
जवाब:
बाइपोलर डिसऑर्डर के पीछे कई कारण हो सकते हैं…

  • फैमिली प्रॉब्लम: परिवार में कोई विवाद है जो लंबे समय से चल रहा हो या परिवार में कोई दूसरी प्रॉब्लम हो।
  • चाइल्डहुड ट्रॉमा: बचपन में कुछ ऐसी अनहोनी हुई हो जिसका गहरा असर पड़ा हो।
  • स्ट्रेसफुल इवेंट: ब्रेकअप, डिवोर्स या किसी की मौत जैसी चीजों से भी मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
  • ब्सटेंस अब्यूज: अल्कोहल, सिगरेट या दूसरी नशीली चीजों का ज्यादा इस्तेमाल करना।
  • जेनेटिक: किसी क्लोज रिलेटिव को बाइपोलर डिसऑर्डर है तो दूसरों को यह होने की संभावना 10 फीसदी बढ़ जाती हैंं।

सवाल: यह समस्या कितना गंभीर हो सकती है?
जवाब:
स्किजोफ्रेनिया और बाइपोलर डिसऑर्डर बेहद गंभीर मानसिक बीमारियां हैं। सबसे ज्यादा आत्महत्याएं इन्हीं दोनों बीमारियों की वजह से होती हैं। इसलिए इसे हल्के में लेना नादानी होगी।

सवाल: क्या बाइपोलर डिसऑर्डर ठीक हो सकता है?
जवाब:
बाइपोलर डिसऑर्डर का इलाज किया जा सकता है। इससे पेशेंट काफी हद तक बेहतर महसूस करता है। मगर यह पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता। सरल शब्दों में समझें कि यह थाइराइड, ब्लड प्रेशर, शुगर, मोटापा जैसी बीमारियों की तरह 'नॉन कम्युनिकेबल' डिजीज है। इन पर आप नियंत्रण पा सकते हैं और नॉर्मल लाइफ जी सकते हैं लेकिन इन्हें पूरी तरह खत्म नहीं कर सकते।

सवाल: इसका ट्रीटमेंट कैसे होता है?
जवाब:
बाइपोलर डिसऑर्डर के ट्रीटमेंट के लिए तीन चीजें की जाती हैं….

  • पेशेंट को मूड स्टेबल करने के लिए और दिमाग को नियंत्रण में रखने के लिए दवाइयां दी जाती हैं।
  • साइकायट्रिस्ट के साथ काउंसलिंग के सेशन होते हैं। इससे बीमारी के पीछे के ट्रॉमा और ट्रिगर का पता लगाया जा सकता है। इसके बाद डॉक्टर उनसे डील करने का तरीका बता सकता है।
  • डॉक्टर लाइफस्टाइल को ठीक करने की सलाह देते हैं। पेशेंट को समय पर सोने और उठने के साथ, बेहतर खान-पान और एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है।

सवाल: यह डिप्रेशन और एंग्जायटी से अलग कैसे है?
जवाब:
डिप्रेशन और एंग्जायटी से बाइपोलर डिसऑर्डर थोड़ा अलग है। इसमें डिप्रेशन और एंग्जायटी के साथ एक मैनिक फेज आता है।

सवाल: क्या सिंगर-रैपर हनी सिंह भी इसी बीमारी से पीड़ित थे?
जवाब:
हां, सिंगर-रैपर हनी सिंह बाइपोलर डिसऑर्डर से पीड़ित थे। इस वजह से करियर की पीक पर रहने के बावजूद लंबे समय तक वो इंडस्ट्री से दूर रहे।

सवाल: बाइपोलर डिसऑर्डर में आत्महत्या का ख्याल क्यों आता है?
जवाब:
मेनिया या उदासी के एपिसोड में पेशेंट आत्महत्या करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि दोनों ही स्थिति में पेशेंट का रिएलिटी से नाता छूट जाता है। मेनिया में मरीज को लगता है वो जो चाहे कर सकता है, उसके सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती है।ऐसे में मरीज एक्स्ट्रीम कदम उठा सकता है। बाइपोलर डिप्रेशन में आत्महत्या की आशंका सबसे ज्यादा होती है। अगर ऐसा व्यक्ति कभी आत्महत्या या नाउम्मीदी की बात करता है, तो ये एक 'रेड सिग्नल' हो सकता है। उसका तुरंत इलाज कराया जाना चाहिए।

बाइपोलर डिसऑर्डर पर बनी कुछ फिल्में

  • हिरोइन: 2012 में यह फिल्म आई थी। करीना कपूर माही अरोड़ा का किरदार निभा रही थी जिसे बाइपोलर डिसऑर्डर था।
  • होमलैंड: यह एक फेमस अमेरिकी थ्रिलर शो है। 2011 से 2020 तक यह शो चला। इसमें कैरी नाम की एक CIA एजेंट है जिसे बाइपोलर डिसऑर्डर है।
  • अपरिचित: 2005 में यह मूवी आई थी। साउथ की इस फिल्म के हीरो थे विक्रम। वे रामानुज का किरदार निभा रहे थे, जिसे मल्टी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर यानी बाइपोलर डिसऑर्डर की समस्या थी।
  • 3: धनुष और श्रुति हसन की यह मूवी है। 2012 में यह आई थी। इसमें धनुष इस बीमारी के शिकार थे।

इन 5 इंडियन सेलिब्रेटीज पर लगे बाइपोलर डिसऑर्डर होने का इल्जाम

  • सुशांत सिंह राजपूत
  • शमा सिकंदर
  • हनी सिंह
  • पायल रोहतगी
  • प्रवीन बॉबी

नोट: दवा और थेरेपी से डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर जैसे मानसिक बीमारियों का इलाज संभव है। इसके लिए साइकेट्रिस्ट की मदद लें। मेंटल हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम हाेने पर आपमें या आपके किसी करीबी में किसी तरह की मानसिक तकलीफ के लक्षण हैं तो इन हेल्पलाइन नंबरों पर फोन करके मदद ली जा सकती है…

  • सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय : 1800-599-0019
  • इंस्टिट्यूट ऑफ़ ह्यूमन बिहेवियर ऐंड एलाइड साइंसेज : 9868396824, 9868396841, 011-22574820
  • नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ ऐंड न्यूरोसाइंसेज : 080-26995000
  • विद्यासागर इंस्टिट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ ऐंड एलाइड साइंसेज, 24X7 हेल्पलाइन : 011 2980 2980

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