पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
कोरोनावायरस के चलते पूरी दुनिया में रिमोट वर्किंग बढ़ गई है। फिजिकल लेन-देन 50% तक घट गया है। इसकी जगह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ने ले ली है। वहीं, ऑनलाइन ठगी करने वाले साइबर अपराधी भी अब ज्यादा सक्रिय हैं। ऐसे में आप साइबर क्राइम के बारे में जानकारी से ही बच सकते हैं।
साइबर एक्सपर्ट ललित मिश्रा कहते हैं कि सबसे जरूरी बात है- ऑनलाइन लॉटरी, कैसिनो, गेमिंग, शॉपिंग या फ्री डाउनलोड का लालच देने वाली वेबसाइट्स में अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड्स के डिटेल्स को कतई न डालें। इसके अलावा लुभावने मैसेज के जरिए भेजी जाने वाली प्रमोशनल लिंक पर डाइरेक्ट क्लिक करने से बचें।
ये लिंक आमतौर पर फिशिंग गिरोहों द्वारा त्योहारों के दौरान भेजी जाती हैं। इन लिंक्स के जरिए उपभोक्ता के एकाउंट नंबर और पासवर्ड हैक कर लिए जाते हैं। ईमेल एकाउंट का पासवर्ड तो तुरंत हैक हो जाता है। फिर इसका दुरुपयोग आसानी से किया जा सकता है।
फिशिंग मेल, मैसेज और कॉल से कैसे सावधान रहें?
“फिशिंग” का मतलब होता है लालच देकर फ्रॉड करना। आजकल मैसेज, कॉल और मेल के जरिए तमाम तरह के ऑफर दिए जा रहे हैं। आईफोन समेत तमाम ब्रांडेड फोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक एसेसरीज मामूली दामों पर ऑफर किए जा रहे हैं।
फर्जी बैंकर बनकर कैशबैक और क्रेडिट कार्ड ऑफर करना भी फ्रॉड की दुनिया में काफी चलन में है। इसी तरह के लालच देकर कस्टमर से उसकी प्राइवेट डिटेल ली जा रही है और बाद में उनके अकाउंट को खाली कर दिया जा रहा है।
फेक फ्रेंड से कैसे बचें?
साइबर क्राइम की दुनिया में एक नया तरीका ट्रेंड में है। इसमें आपके क्लोज फ्रेंड के नाम से फर्जी प्रोफाइल बनाकर फेसबुक या इंस्टाग्राम पर नई रिक्वेस्ट भेजी जाती है। फिर मैसेज भेजकर इमरजेंसी के नाम पर पैसा मांगा जाता है।
फर्जी प्रोफाइल में फोटो से लेकर इन्फो तक सबकुछ हूबहू डाली जा रही है, जिससे लोगों को जरा भी शक नहीं होता। लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप यह पता कर सकते हैं कि जिस प्रोफाइल से पैसा मांगा जा रहा है, वह फर्जी है या नहीं
यह भी पढ़ें- भारत, जापान समेत 22 देशों में 58% लड़कियां ऑनलाइन उत्पीड़न का शिकार; सेफ रहने के लिए 5 बातों का ध्यान रखें...
कस्टमर केयर के नाम पर भी हो रहा फ्रॉड
आजकल हर प्रोडक्ट और सर्विस के लिए कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध हैं। ऐसे में कोई दिक्कत होने पर लोग तत्काल कस्टमर सपोर्ट का नंबर खोजने लगते हैं। साइबर अपराधियों ने पहले से ही इंटरनेट पर कस्टमर सपोर्ट के नाम खुद का नंबर डाल रखा है। लोग उसे ही कस्टमर सपोर्ट नंबर समझ कर कॉल कर देते हैं।
बाद में फर्जी कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव के तौर पर अपराधी उनसे उनकी पर्सनल डिटेल लेकर फ्रॉड को अंजाम देते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डिजिटल पेमेंट एप्लिकेशन जैसे- गूगल पे, फोन पे, पेटीएम के सबसे ज्यादा फर्जी कस्टमर सपोर्ट नंबर इंटरनेट पर डाले गए हैं, जिससे कस्टमर खुद साइबर अपराधियों तक पहुंच रहे हैं।
अलर्ट नोटिफिकेशन ऑन रखें
कुकीज को डिलीट करना न भूलें
जब भी आप ब्राउजर, जैसे- क्रोम और मोजिला के जरिए पेमेंट करते हैं तो आपसे सिस्टम कुकीज इनेबल करने को कहता है। बगैर इसके आप पेमेंट कर भी नहीं सकते। जब आप कुकीज इनेबल करते हैं तो आपकी डिटेल कोडिंग की भाषा में ब्राउजर के सर्वर पर सेव हो जाती है।
अगर आप ट्रांजेक्शन के बाद कुकीज डिलीट नहीं करते हैं तो इंटरनेशनल हैकर्स के लिए आपकी डिटेल को रीड करना आसान हो जाता है। इसलिए ब्राउजर के जरिए जब भी पेमेंट करें ब्राउजर की सेटिंग में जाकर कुकीज डिलीट करना न भूलें।
सेफ रहने के मजबूत तरीके क्या हैं?
फ्रॉड के शिकार होने पर क्या करें
पॉजिटिव- आप प्रत्येक कार्य को उचित तथा सुचारु रूप से करने में सक्षम रहेंगे। सिर्फ कोई भी कार्य करने से पहले उसकी रूपरेखा अवश्य बना लें। आपके इन गुणों की वजह से आज आपको कोई विशेष उपलब्धि भी हासिल होगी।...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.