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देश में कोरोना का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को आया था, पर इसका व्यापक असर मार्च में हुआ। 23 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की घोषणा कर दी। ये लॉकडाउन जून 2020 तक चलता रहा। इस दौरान देश का पूरा मेडिकल सिस्टम कोरोना की रोकथाम में लगा दिया गया। नतीजतन बहुत से जरूरतमंदों को दूसरी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल सकीं। इसी का आकलन नेशनल हेल्थ मिशन के हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) ने किया है। आइए जानते हैं कि उसमें क्या अहम बातें हैं...
6 महीने में ही बदहाल हो गई मेडिकल सेवाएं
ब्रेन से जुड़ी इमरजेंसी सेवाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं
जनवरी से जून 2019 की तुलना में 2020 के पहले 6 महीने में इमरजेंसी स्वास्थ्य सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। HMIS के आंकड़ों के मुताबिक गर्भ से जुड़ी इमरजेंसी 11%, हार्ट इमरजेंसी 14% और ब्रेन से जुड़े इमरजेंसी केस करीब 15% कम अटेंड किए गए।
गर्भवती महिलाओं के 4 जरूरी टेस्ट में 7% की कमी
बच्चों के टीकाकरण में खासी गिरावट आई
देश में 16 तरह की स्वास्थ्य इंश्योरेंस स्कीम लागू हैं, इनका फायदा आप उठा सकते हैं
देश के अलग-अलग राज्यों में सरकारें फिलहाल 16 तरह की हेल्थ इंश्योरेंस स्कीमें लोगों को मुहैया करा रही हैं। इसमें सबसे प्रमुख योजना आयुष्मान भारत है। केंद्र की सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना है। दिल्ली में आम आदमी बीमा योजना है, राजस्थान में भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना प्रमुख हैं। केंद्र सरकार 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस कवर देती है। सरकार सीनियर सिटिजन को भी हेल्थ इंश्योरेंस देती है। प्रधानमंत्री हेल्थ इश्योरेंस स्कीम 2018 से लागू है।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थितियां पूर्णतः अनुकूल है। सम्मानजनक स्थितियां बनेंगी। विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी किसी समस्या का समाधान मिलने से उत्साह में वृद्धि होगी। आप अपनी किसी कमजोरी पर भी विजय हासिल...
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