नमक को लेकर WHO यानी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की एक रिपोर्ट आई है। जिसमें बताया गया है कि नमक ज्यादा खाना कई बीमारियों की वजह है।
WHO का लक्ष्य 2030 तक लोगों के खाने से 30 प्रतिशत नमक कम करने का है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाया तो आने वाले 7 सालों में लगभग 70 लाख लोग नमक से होने वाली बीमारियों से अपनी जान गंवा बैठेंगे।
हर साल 14 से 20 मार्च तक वर्ल्ड सॉल्ट अवेयरनेस वीक मनाया जाता है। नमक के बारे में बात करने का ये सही मौका है।
आज जरूरत की खबर में WHO की रिपोर्ट और इससे जुड़े सवालों के जवाब देंगी एक्सपर्ट डॉ. अंजू विश्वकर्मा, डायटीशियन, भोपाल, डॉ.हरजीत कौर, डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट, अमनदीप अस्पताल, अमृतसर, नेहा पठानिया, चीफ डायटीशियन, पारस हॉस्पिटल, गुड़गांव।
सवाल: नमक की जरूरत हमारे शरीर में क्यों पड़ती है?
जवाब: नमक में सोडियम और पोटैशियम दोनों होता है। सोडियम इंसान के शरीर में पानी का सही लेवल बनाने से लेकर ऑक्सीजन और दूसरे पोषक तत्व सभी ऑगर्न तक पहुंचाने में मदद करता है। इसकी वजह से हमारी वैस्कुलर हेल्थ, नर्व यानी तंत्रिका में एनर्जी आती है।
सवाल: कम नमक या बिल्कुल नमक नहीं खाएंगे तब क्या नुकसान होगा?
जवाब: कम नमक खाने से भी कई प्रॉब्लम होती हैं…
इसलिए शरीर में नमक का सही बैलेंस होना बहुत जरूरी है।
सवाल: वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार इस समय एक व्यक्ति रोजाना कितना नमक खा रहा है?
जवाब: WHO के अनुसार, दुनियाभर में ज्यादातर लोग रोजाना 10.8 ग्राम नमक खा रहे हैं। जो उनके शरीर की जरूरत से कई गुना ज्यादा है।
सवाल: नमक ज्यादा खाने से क्या नुकसान होता है?
जवाब:
सवाल: अच्छा तो एक हेल्दी व्यक्ति काे एक दिन में कितना नमक खाना चाहिए?
जवाब: हर रोज 5 ग्राम यानी सिर्फ एक टी स्पून नमक खाना चाहिए। और भी आसान तरीके से समझना है तो ये बात याद रखें कि आपके हर खाने में एक छोटा चम्मच नमक ही होना चाहिए।
ये भी याद रखें कि एक दिन में आपको 2.3 ग्राम ही सोडियम लेना चाहिए, जो कि आपको 5 ग्राम नमक में मिल जाता है।
अलग-अलग हेल्थ इश्यू वाले पेशेंट्स जैसे किडनी, डायबिटीज, हार्ट पेशेंट के लिए इसकी मात्रा और भी कम हो सकती है। इसलिए अपनी बीमारी के हिसाब से डॉक्टर की सलाह पर नमक खाएं।
सवाल: मुझे कैसे पता चलेगा कि मैं ज्यादा नमक खाता हूं?
जवाब: इसके जवाब के लिए नीचे लगी क्रिएटिव को पढ़ें और शेयर करें।
सवाल: WHO ने 2030 तक लोगों के खाने से 30 प्रतिशत नमक कम करने के लिए जो नीति की बात की है वो क्या है?
जवाब: WHO ने प्लान बनाया है कि
WHO की रिपोर्ट के अनुसार, ऑर्गेनाइजेशन ने ऐसे राज्यों का सोडियम स्कोर कार्ड बनाया है जिन्होंने सोडियम के प्रकार और उसे कम करने पर काम किया है।
इसमें उन देशों का पता लगाया गया है जिन्होंने राष्ट्रीय नीति के तहत सोडियम की क्वांटिटी कम करने को लेकर काम किया है। उन्हें स्कोर में 1 दिया गया है।
ऐसे देश जिन्होंने सोडियम की क्वांटिटी घटाने को लेकर बहुत सख्ती से काम किया और लोगों को जागरूक किया है, उन्हें स्कोर में 2 दिया गया है।
वो देश जिन्होंने सोडियम की क्वांटिटी कम करने को लेकर कोई एक कदम उठाया हो या पहले से पैक फूड आइटम में सोडियम की क्वांटिटी मेंशन करना मैनडेटरी कर दिया हो, उन्हें स्कोर में 3 दिया गया है।
भारत को इस स्कोर कार्ड में 2 दिया गया है।
सवाल: अगर मुझे तेज चटक नमक खाने की आदत है, बिना उसके खाना अच्छा नहीं लगता, तो इस आदत को कैसे कम करें?
जवाब: जिन्हें तेज नमक या ऊपर से नमक डालकर खाने की आदत है वो वह यह समझे कि कोशिश करने पर बहुत जल्द इस आदत में सुधार किया जा सकता है।
आपके टेस्ट बड्स नए स्वाद के हिसाब से एडजस्ट हो जाते हैं। मतलब ये कि यहां पर टेस्ट की नहीं बल्कि आदत की बात है। जिसे हम खुद से बदल सकते हैं।
कुछ उपाय हैं जिन्हें फॉलो कर आप अपनी इस आदत को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं…
सवाल: खाने में ऊपर से नमक डालकर खाना क्यों सही नहीं होता है?
जवाब:
सवाल: दाल और सब्जी के साथ पका हुआ नमक, ऊपर से छिड़के हुए नमक से ज्यादा बेहतर होता है, कैसे?
जवाब: जब नमक खाने के साथ पक जाता है तो इसके आयरन का स्ट्रक्चर बदल जाता है और आपकी बॉडी इसे जल्दी एब्जॉर्ब कर लेती है।
कच्चा नमक, जिसे आप ऊपर से डालकर या छिड़ककर खाते हैं उसका स्ट्रक्चर नहीं बदलता है। इसलिए बॉडी इसे बहुत धीरे एब्जॉर्ब कर पाती है। जिसकी वजह से कच्चा नमक हाइपरटेंशन और हाई ब्लड प्रेशर का कारण बनता है।
सवाल: क्या प्रेग्नेंसी में भी ज्यादा नमक खाने पर कंट्रोल करना चाहिए? होने वाले बच्चे को इससे कोई नुकसान होता है क्या?
जवाब: हां, आपका सवाल बहुत अच्छा है। मां बनने के दौरान खट्टा खाने के साथ महिलाओं को नमकीन खाने की इच्छा होती है।
पैक्ड फूड, चटनी, आचार ये सब वे खाना पसंद करती हैं इन सबमें नमक की मात्रा ज्यादा रहती है।
इन सब चीजों को वे क्रैविंग लगते ही खाती हैं। इससे उनके शरीर में नमक हाई वैल्यूम में जाता है। जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे को भी नुकसान होता है।
अगर प्रेग्रनेंसी में नमक कंट्रोल नहीं किया, तो ये परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं-
सवाल: सोडियम और नमक के लेवल को कैसे चेक किया जाता है?
जवाब: इसके लिए आप न्यूट्रिशनिस्ट या डायटीशियन की हेल्प ले सकते हैं।
ब्लड टेस्ट से पता चल सकता है कि शरीर में सोडियम, पोटैशियम और इलेक्ट्रोलाइट की मात्रा कितनी है। इसी सोडियम की मात्रा को देखकर डॉक्टर नमक का लेवल बता सकते हैं।
हमें हर छह महीने के बाद या साल में एक बार ब्लड टेस्ट करवाना ही चाहिए।
सवाल: वैसे इन दिनों लोग साधारण आयोडीन नमक की जगह सेंधा नमक यूज कर रहे हैं ऐसा करना सही है क्या?
जवाब: पहले लोग सिर्फ व्रत में सेंधा नमक खाते थे, लेकिन अब डेली बनने वाले खाने में भी इसी का यूज करने लगे हैं।
सेंधा नमक बनते समय कोई केमिकल प्रोसेस नहीं होता है। इसमें 90 से ज्यादा मिनरल्स होते हैं। इसमें आयरन यानी आयोडीन की मात्रा सबसे कम होती है।
इसके मैग्नीशियम, सल्फर, कैल्शियम, पोटैशियम व जिंक जैसे गुण कई तरह से शरीर के लिए अच्छे होते हैं।
सवाल: सादा नमक, काला नमक और सेंधा नमक (Rock Salt) में क्या फर्क होता है?
जवाब: आमतौर पर नमक तीन तरह के होते हैं-
सादा नमक : सादा नमक समंदर या खारे झील के पानी से तैयार किया जाता है। इसे मशीन में साफ किया जाता है।
काला नमक : काला नमक को बनाने के लिए नमकीन पानी में हरड़ के बीज डाल कर उबाला जाता है। उबलने के बाद पानी तो भाप बन कर उड़ जाता है। इसके बाद जो नमक बचता है उसका रंग काला होता है। इसलिए इसे काला नमक कहते हैं। जब इसे पीसा जाता है तब इसका पाउडर गुलाबी हो जाता है।
सेंधा नमक : सेंधा नमक जमीन के नीचे एक चट्टान की तरह है। ये पूरी तरह से कुदरती है।
सवाल: अच्छा तो सेंधा नमक खाने के कौन-कौन से फायदे होते हैं?
जवाब: पानी के संपर्क में आते ही सेंधा नमक के सभी प्राकृतिक गुण एक्टिव हो जाते हैं। इसके कई फायदे हैं-
नोट- सेंधा नमक का यूज भी कम मात्रा यानी लिमिट में ही करें।
सवाल: नमक को किसमें रखना सबसे अच्छा माना जाता है?
जवाब: कांच के बर्तन में नमक रखना अच्छा होता है। इससे कैमिकल रिएक्ट होने की पॉसिबिलिटीज कम हो जाती हैं।
सवाल: सेंधा नमक को रॉक साॅल्ट भी कहा जाता है क्या इसके और भी नाम हैं?
जवाब: सेंधा नमक को हिमालयन साल्ट, पिंक साॅल्ट, रॉक साॅल्ट, सिन्धा नमक, सैन्धव नमक, लाहौरी नमक या हैलाइड सोडियम क्लोराइड के नाम से भी जाना जाता है। सेंधा नमक मराठी में ‘शेंडे लोन’ के नाम से जाना जाता है। सेंधा नमक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड (Nacl) है।
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