आफताब पूनावाला की दरिंदगी की चर्चा के बीच कभी आपने सोचा कि श्रद्धा की क्या गलती थी? उसकी यही गलती थी कि उसने अपने लिव-इन पार्टनर पर यकीन किया। उससे प्यार किया। हो सकता है कि आफताब की कुछ गलतियों को श्रद्धा ने माफ भी किया हो।
श्रद्धा अकेली नहीं, जिसे प्यार के बदले मौत मिली। मौत तो छोटा शब्द लग रहा है। इस लाइन को सुधारती हूं…श्रद्धा अकेली नहीं, जिसे प्यार के बदले 35 टुकड़ों में काट दिया गया। हमारे आसपास कई लोग हैं, जो टॉक्सिक रिश्ते में फंसे हैं। ऐसे लोग भी होंगे, जो खुद टॉक्सिक हैं और दूसरों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं।
आज जरूरत की खबर में टॉक्सिक रिलेशनशिप पर बात करते हैं। ऐसी दो और सच्ची कहानी का अंत पढ़ते हैं और समझने की कोशिश करते हैं कि इस तरह के रिश्ते से हम कैसे निकल सकते हैं…
सबसे पहले टॉक्सिक का मतलब समझते हैं… टॉक्सिक का सिंपल मतलब जहरीला होता है। जब कोई रिश्ता जहरीला लगने लगे, यानी उसमें सिर्फ लड़ाई-झगड़ा, मारपीट हो और प्यार की कोई जगह ही न बचे, तब ऐसे रिश्ते को टॉक्सिक रिलेशनशिप कहते हैं।
अब दो सच्ची कहानी पढ़ें
पहली कहानी
रोज होते थे झगड़े, 6 फुट के पति को मारा, सूटकेस में बंद कर BMW से फेंकने गई
2017 की बात है। मोहाली से खबर आई कि महिला ने अपने 6 फुट के पति को मारकर ढाई फीट के सूटकेस में पैक कर फेंक दिया। मरने वाले का नाम एकम सिंह और उनकी पत्नी का नाम सीरत था। यहां भी मामला टॉक्सिक रिलेशनशिप का था। एकम और सीरत के बीच झगड़े रोज होते थे। एक दिन इसी झगड़े के बीच सीरत ने एकम की कनपटी पर गोली मार दी। उसके बाद पति की लाश अटैची में पैक करके अपनी BMW कार में रख दी। वह लाश ठिकाने लगा पाती, इससे पहले ही घटना की जानकारी पुलिस को लग गई थी।
दूसरी कहानी
हॉलीवुड मूवी देखकर पत्नी को मारा, लाश को फ्रीजर में जमाया, स्टोन कटर मशीन से काटकर जंगल में फेंका
अनुपमा और राजेश गुलाटी की कहानी भी टॉक्सिक रिलेशनशिप का भयावह अंत दिखाती है। दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। जिस दिन राजेश ने अनुपमा की हत्या की थी उस दिन भी दोनों के बीच बहुत झगड़े हुए थे। बचाव में बेड के कोने पर अनुपमा का सिर लगा था। फिर राजेश ने अनुपमा के मुंह पर तकिया रखकर उसकी हत्या की थी।
दोनों की शादी 1999 में हुई थी। एक हॉलीवुड मूवी से उसे पत्नी को मारने का आइडिया मिला था। अपने जुर्म को छिपाने के लिए राजेश ने एक डीप फ्रीजर खरीदा और पत्नी का शव उसमें रख दिया। जब शव बर्फ में जम गया, तो स्टोन कटर मशीन से उसके टुकड़े करने लगा और धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में फेंकने लगा।
इन कहानियों को पढ़ने के बाद सवाल यह है कि
किसी भी व्यक्ति को कैसे पता चलेगा कि उसका रिश्ता या रिलेशनशिप टॉक्सिक हो चुका है?
ये बात सिर्फ आप ही समझ सकते हैं कि आपके रिश्ते में प्यार ज्यादा है या नफरत और लड़ाई-झगड़े। अगर आपका पार्टनर ऐसा कोई काम कर रहा है या ऐसी कोई बात कह रहा है, जिससे आपको नुकसान हो सकता है। तब आपका रिलेशनशिप टॉक्सिक हो सकता है।
जब कोई आपके साथ फिजिकली और वर्बली (मौखिक) मिसबिहेव करे, तो वो रिश्ता पक्का टॉक्सिक होता है, लेकिन कुछ दूसरी और बहुत बारीक बातें भी होती हैं, जो टॉक्सिक रिश्ते का संकेत हैं। इसके लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़े और दूसरों को शेयर भी करें-
इस तरह जिंदगी जीने का क्या मतलब? ऐसे रिश्ते में मूव ऑन करना चाहिए। यह बहुत जरूरी है। यह बोलना या आप कहें कि ज्ञान देना आसान होगा, लेकिन ज्यादातर लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं। उन्हें लगता है बस एक मौका दे देते हैं। गलती होती है, तो फिर वहीं सोच आती है कि यह लास्ट मौका है इसके बाद सब खत्म कर दूंगीं। लेकिन दिल तो दिल है मानता कहां है आसानी से… पार्टनर को माफ करने की फिर से गलती करता है और बदले में मिलती है मौत।
टॉक्सिक रिलेशनशिप सिर्फ पति-पत्नी, लिव-इन या लवर्स में नहीं होते
एक बात ध्यान रखें कि टॉक्सिक रिश्ते परिवार, ऑफिस या दोस्तों के बीच भी हो सकते हैं। जो टेंशन दे सकते हैं।
टॉक्सिक रिश्ते में यह गलती करते हैं हम
वो यह कि इंसान अपने मूल स्वभाव को बदल नहीं सकता और हम उसे बदलने की उम्मीद पाल लेते हैं। साइकोलॉजिस्ट कहते हैं कि इंसान अपनी आदतें, व्यवहार, सोच-विचार पूरी तरह से बदल नहीं सकता। इसका मतलब यह कि अगर मुझे बहुत ज्यादा गुस्सा आता तो मैं पूरी तरह से शांत नहीं हो सकती। कोई क्रिमिनल माइंड का है तो उसे आप साधु नहीं बना सकते।
सब कुछ सहने के बाद अगर दो लोग टॉक्सिक रिलेशनशिप में हैं, तो इसका क्या इफेक्ट पड़ता है?
टॉक्सिक रिलेशनशिप में रहने के कारण बहुत से निगेटिव इफेक्ट दिखाई देने लगते हैं। जैसे-
टॉक्सिक रिलेशनशिप और हेल्थ पर स्टडी
मिशिगन यूनिवर्सिटी ने साल 2016 में एक स्टडी की, जिसमें पाया कि खराब रिलेशनशिप का असर सीधे कार्डियोवसकुलर सिस्टम पर पड़ता है। जिससे आपको हेल्थ की कई सारी समस्याएं आ सकती हैं। इसकी वजह से आपको शराब और दूसरे नशों की लत लग सकती है।
टॉक्सिक रिलेशनशिप की जानकारी परिवार को देना है जरूरी
लिव-इन- रिलेशन जब टॉक्सिक होता है, तब ज्यादातर मामलों में घरवालों का साथ नहीं मिलता। इसलिए इंसान पार्टनर के बुरे व्यवहार को भी छिपाता है, सहता है और सोचता है सब कुछ ठीक हो जाएगा। इस बात का दिलासा अपने दिल को देता है। कई बार परिवार वालों को बताने की कोशिश भी करता कि उसके साथ सब गलत हो रहा है, लेकिन सामने से जवाब आता है कि खुद किया खुद ही भुगतो।
मेरी एक फ्रेंड थी वो अपने टॉक्सिक रिलेशन को सिर्फ इसलिए सह रही थी कि उसे अपने निर्णय पर पछतावा हो रहा था। उसे लग रहा था कि मैं अपने घरवालों से नजरें कैसे मिला पाऊंगी। जब पानी सिर से ऊपर चला गया तब उसने घरवालों को सच्चाई बताई।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट अर्जुन सहाय कहते हैं कि…
जिस रिश्ते में इमोशनल कनेक्शन न हो या सामने वाला पार्टनर हर वक्त आपको रिजेक्ट कर रहा हो। ऐसा रिश्ता कभी नहीं चल सकता है। ऐसे में समझ जाएं कि आपको इस टॉक्सिक रिश्ते को गुडबाय कहने का वक्त आ गया है।
कैसे करें टॉक्सिक रिलेशनशिप को GoodBye?
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2-दंगल गर्ल को है मिर्गी की बीमारी:शेफाली जरीवाला को भी पड़ते थे दौरे; क्या है इसका इलाज?
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