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नींद का साइंस:पावर नैप से हार्ट अटैक का खतरा कम होगा, 6 घंटे से कम सोना खतरनाक; जानिए स्लीप साइकिल क्या है?
आप कितना सोते हैं? अगर आप आठ घंटे से ज्यादा और छह घंटे से कम सोते हैं, तो यह गलत है। इससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। अब कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अगर 8-9 घंटे से कम सोएं तो उन्हें दिन में नींद आती है। ऐसे लोगों के लिए एक उपाय है, पावर नैप।
एक शोध के मुताबिक छह से सात घंटे की नींद के साथ पावर नैप लेने से दिल की बीमारियों का खतरा 40% तक कम हो जाता है। ऐसे में अगर आपकी नींद रात में पूरी नहीं हो रही है या आप की आदत में छह से सात घंटे की नींद शामिल है तो भी एक्सपर्ट्स आपको पावर नैप की सलाह देते हैं। इससे ना सिर्फ दिल की बीमारी का जोखिम कम होता है, बल्कि माइग्रेन, ब्लड प्रेशर और स्ट्रेस की समस्या भी कम हो जाती है।
क्या होती है पावर नैप?
- क्या आप दिन में 10 से 15 मिनट या आधे घंटे की झपकी लेते हैं? बस इसे ही पावर नैप कहा जाता है, यानी पावर नैप वो छोटी-सी नींद है जिसे आप दिन के वक्त अपने शरीर को रिलैक्स या आराम देने के लिए लेते हैं।
- जब आप इस छोटी सी नींद से उठते हैं, तो कैसा महसूस करते हैं? रिलैक्स, एनर्जेटिक, फ्रेश और स्ट्रेस फ्री। चाहे आप कितने भी बिजी हों, काम को छोड़कर 15 मिनट की ये नींद आपको और भी फ्रेश और एनर्जी से भर देती है। हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने एक रिसर्च की। इसमें पता चला कि 30 मिनट की पावर नैप से लोगों की प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है।
क्या आप स्लीप साइकिल के बारे में जानते हैं ?
- पावर नैप का मतलब है कि नींद का एक ऐसा शॉट जो गहरी नींद में जाने से पहले ही टूट जाए। यानी नैप लेते हुए गहरी नींद में जाने से पहले ही आप उठ जाएं। दरअसल हमारी नींद को दो स्टेज में बांटा गया है। NRME (नॉन रैपिड आई मूवमेंट) स्टेज और REM (रैपिड आई मूवमेंट) स्टेज।
- NRME में तीन सब स्टेज भी होते हैं, लेकिन खासकर इन दो स्टेज से हमारी नींद की साइकिल गुजरती है। एक नींद की साइकिल 90 मिनट की होती है। पावर नैप के दौरान हमें NRME स्टेज के शुरुआती क्षणों में ही उठना होता है, बाद के स्टेज में गहरी नींद शुरू हो जाती है।
क्या है कम-से-कम 6 घंटे सोने के पीछे का साइंस?
- रात को सोने के दौरान हमें कम से कम चार स्लीप साइकिल पूरी करनी चाहिए। एक नींद की साइकिल 90 मिनट की होती है, इसलिए 4 स्लीप साइकिल पूरी करने के लिए हमें छह घंटे की नींद लेनी होती है। यह है छह घंटे नींद के पीछे का साइंस, जिसकी सलाह सभी को आमतौर मिलती ही रहती है।
- पावर नैप में हमें NRME स्टेज के उस मूवमेंट में उठना होता है, जब दिमाग वेव कर रहा हो, आई मूवमेंट रुकने ही बजाए स्लो हो गया हो और बॉडी टेम्प्रेचर कम ना हुआ हो। अगर ऐसा हो गया तो आप गहरी नींद में चले जाएंगे और वहां से जागना पावर नैपिंग नहीं मानी जाती।
पावर नैप कैसे लें?
हेल्थलाइन के एक्सपर्ट के मुताबिक पावर नैप लेने के कई तौर-तरीके हैं, जिसे सभी को फॉलो करना चाहिए। बगैर तौर-तरीके के पावर नैप लेने से इसके फायदे कम हो जाते हैं।
क्या हैं पावर नैप के फायदे?
शोध में यह पाया गया है कि इससे हार्ट डिजीज या अटैक का खतरा कम हो जाता है। NASA ने कहा कि इससे हमारी प्रोडक्टिविटी बढ़ जाती है। पावर नैप के और भी कई फायदे हैं।
- एनर्जी लेवल को बढ़ाता है- पावर नैप लेने से शरीर को एक ब्रेक मिल जाता है। इस दौरान शरीर को एनर्जी री-स्टोर करने का मौका मिल जाता है।
- मेमोरी मजबूत होती है- दिनभर काम करने से दिमाग थक जाता है। यानी हम शारीरिक तौर पर ही नहीं, बल्कि मानसिक तौर पर भी थकते हैं। ऐसे में एक छोटा पावर नैप लेने से दिमाग को आराम मिलता है और हमारी मेमोरी मजबूत होती है।
- हार्ट डिजीज कम हो जाती हैं- एक शोध के मुताबिक पावर नैप लेने से हार्ट से जुड़ी बीमारियों और हार्ट अटैक का खतरा 40% तक कम हो जाता है।
- इम्यूनिटी मजबूत होती है- पावर नैप लेने से हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। पावर नैप के दौरान जब हमारी बॉडी रेस्ट मोड पर होती है, तब इम्यून सेल्स ज्यादा डेवलप होते हैं।