दिवाली के पहले ही हवा में हल्की ठंडक महसूस होने लगी है। बदलते मौसम के साथ सर्दी-जुकाम तो लगा ही रहता है। कई लोगों को धूल, धुएं और मौसम से एलर्जी रहती है।
दिवाली के समय पटाखों की वजह से एलर्जी बढ़ सकती है। इन सब के बीच कोरोना के नए वैरिएंट की चर्चा फिर से होने लगी है। नॉर्मल से सर्दी-जुकाम को कभी हम कोल्ड कह देते हैं, कभी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई हो, तो फ्लू कह देते हैं या कभी एलर्जी।
आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि आखिर कोल्ड, फ्लू और एलर्जी में क्या फर्क है ? कैसे पहचाने सकते हैं कि आपको कोल्ड है, फ्लू है या एलर्जी ? क्या फ्लू जैसे लक्षण हों तो ये कोविड भी हो सकता है ?
हमारे एक्सपर्ट हैं - डॉ मनीष पटेल, एमडी मेडिसिन, रायगढ़
सवाल 1 - एक आम आदमी कैसे पहचान सकता है कि उसे कोल्ड है, फ्लू या फिर एलर्जी ?
डॉ मनीष पटेल - वायरस के काॅन्टैक्ट में आने से सर्दी-जुकाम होता है। आपको कोल्ड है या फ्लू इसे पहचानना थोड़ा मुश्किल है। कोल्ड और फ्लू में कई सारी समानताएं हैं। ये दोनों बीमारियां अलग-अलग वायरस से होती हैं लेकिन इनके लक्षण एक जैसे ही हैं।
कोल्ड और फ्लू में क्या कॉमन है और क्या अंतर? इसे नीचे लगे ग्राफिक की मदद से समझते हैं…
सवाल 2 - मुंबई में ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट मिला है। अगर किसी को सर्दी-खांसी हो गई हो तो क्या कोल्ड और फ्लू के अलावा कोविड भी हो सकता है ?
डॉ मनीष पटेल-- एक बार फिर देश भर में कोविड के केस बढ़ रहे हैं। हाल ही में भारत में ओमिक्रॉन वायरस का नया सब वैरिएंट BF.7 भी मिला है। कोरोना SARS-Cov2 ग्रुप के वायरस से होता है। इससे चिंता जरूर बढ़ी है। लेकिन इसका अगला पहलू यह है कि लोगों ने कोरोना को सीरियस लेना ही छोड़ दिया है। आप इसकी चपेट में न आएं इसलिए कोरोना के नए लक्षणों पर नजर रखनी होगी।
राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार ग्रुप वैक्सीनेशन के चेयरमैन डॉ एन के अरोरा के मुताबिक कोविड के नए लक्षणों में शरीर में दर्द होना, सर्दी-खांसी, कंपकपी, सीने और गले में दर्द होना शामिल हैं। कई लोग इसे नॉर्मल कोल्ड फ्लू समझकर नजरअंदाज कर सकते हैं।
बचने के लिए वहीं पुराना रूल अपनाना होगा यानी, भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, मास्क लगाकर ही बाहर निकलें और एक भी लक्षण नजर आने पर खुद को क्वारंटाइन करें और अपना ऑक्सीजन लेवल मॉनिटर करते रहें।
डॉक्टर के पास कब जाएं– 3-4 दिनों तक आराम न मिले और ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।
सवाल 3 - आपने कहा कि कोल्ड और फ्लू के लक्षण एक-जैसे होते हैं, ऐसे में कैसे पता चलेगा कि मुझे कोल्ड हुआ है या फ्लू ?
डॉ मनीष पटेल - इन दोनों बीमारियों के लक्षण कॉमन हैं। जैसे पूरे शरीर में दर्द होना, थकान, कमजोरी महसूस होना, सिर दर्द, गले में दर्द होना, खांसी, बंद नाक, नाक बहना और बुखार होना। अगर बारीकी से देखा जाए तो इन सारे लक्षणों में भी कुछ अंतर होता है। जिसे डॉक्टर आपसे बातचीत कर समझ लेते हैं। डॉक्टर इन लक्षणों के बेसिस पर ही ये तय करते हैं कि आपको कौनसी बीमारी है? कभी-कभी इन्फेक्शन बढ़ जाने पर कुछ टेस्ट करके भी ये पता लगाया जा सकता है कि आपकी बॉडी में किस वायरस का इन्फेक्शन है।
सवाल 4 - अगर इसका पता ही न चले कि कोल्ड है या फ्लू, तब कैसी समस्याएं हो सकती हैं ?
जवाब- सही वक्त पर कोल्ड या फ्लू का पता नहीं चलने पर सिचयूएशन थोड़ी बिगड़ सकती है। इसके अलावा…
सवाल 5 - क्या सर्दी-जुकाम से बचा भी जा सकता है ?
जवाब - कोविड महामारी ने हमें ये समझा दिया है कि प्रिवेंशन इस द बेस्ट क्योर यानी बीमारी से बचाव ही सबसे बढ़िया इलाज है। जैसा कि हमने कोविड से बचने के लिए मास्क लगाया, दूरी बनाई, वैक्सीन लगवाई। इसके बावजूद कुछ लोगों को कोरोना हुआ फिर भी हमारे प्रिकॉशन के साथ कोई समझौता नहीं किया। यही काम हमें कोल्ड और फ्लू के साथ भी करना है। कुछ बातें जो हमें याद रखनी है वो हम नीचे लिख रहे हैं….
सवाल 6 - कोल्ड या फ्लू होने पर क्या करना चाहिए ? इसका क्या इलाज है ?
जवाब -
सवाल 7 - अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के पेशेंट को क्या सावधानी रखनी चाहिए ?
जवाब - दिवाली के दौरान डस्ट और पटाखों के धुएं की वजह से खांसी की दिक्कत होने पर अस्थमा या ब्रोंकाइटिस के पेशेंट को खास ख्याल रखना चाहिए। कई लोगों को धुएं से भी एलर्जी होती है उन्हें भी पटाखों के पास जाने से बचना चाहिए।
चलते-चलते
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