उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक युवक ने चूहे को मारा। पुलिस ने हिरासत में लेकर उससे करीब 10 घंटे तक की पूछताछ की।
विकेंद्र सिंह, पशु प्रेमी और पीएफ संस्था के अध्यक्ष हैं, जिन्होंने पुलिस में FIR दर्ज करवाई। उनका कहना है- आरोपी मनोज एक पुलिया के पास चूहे की पूंछ में पत्थर बांधकर उसे नाले में डुबा रहा था। मना करने पर उसने चूहे को नाले में फेंक दिया। फिर उसे धागे के सहारे बाहर खींचा और फिर से नाले में फेंका। वह ऐसा तब तक करता रहा, जब तक चूहा मर नहीं गया। पशु क्रूरता अधिनियम के तहत आरोपी पर कार्रवाई की गई। मामला पशु क्रूरता से जुड़ा है, इसलिए शव का पोस्टमॉर्टम होना जरूरी है। इसका खर्च शिकायतकर्ता ही उठा रहा है।
अब आप सोच रहे होंगे कि चूहा तो हर आम आदमी अपनी जिंदगी में कभी न कभी मारता है। फिर इस युवक को ही पुलिस ने क्यों पकड़ा। अगर चूहे मारने पर जेल तक जाना पड़े, तो लोग चूहे से कैसे निपटें। चलिए आज जरूरत की खबर में बात इसी मुद्दे पर करते हैं-
सवाल- अगर चूहे मारने से किसी को पुलिस पकड़ सकती है, तो फिर आम इंसान चूहों के आतंक से कैसे निपटें?
जवाब- तरीका जानने के लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़ें और दूसरों को भी शेयर करें:
चूहों को भगाने के लिए आप भी अपनाएं नेचुरल तरीका
चूहे जिस छेद या गैप से घर के अंदर आते हैं, उसके पास पिसी हुई काली मिर्च या उसका स्प्रे छिड़कें। यह चूहों की नाक और एयरवे को परेशान करती है। जिससे वो घर में आने से डरते हैं।
सवाल- अगर घर के बाहर वाले एरिया में चूहे हों, तो वहां पर चूहों से कैसे छुटकारा पाएं?
जवाब- ये बहुत मुश्किल काम नहीं है। बस आपको थोड़ी सी मेहनत करनी होगी। जैसे-
गार्डन साफ करें:
ड्राई आइस का इस्तेमाल करें
सवाल- मार्केट में चूहा मारने की दवाई के जरिए अगर चूहा मार दिया जाए, तो उसे डिस्पोज करने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब- इन स्टेप्स को करें फॉलो:
अब बात मौजूदा मामले से जुड़े जरूरी सवालों के जवाब जानते हैं-
सवाल- चूहा मारना हमारी सोसाइटी में आम बात है, तो ऐसे में इस व्यक्ति को पुलिस ने क्यों पकड़ा?
जवाब- क्योंकि इस व्यक्ति ने चूहे के साथ क्रूरता की थी यानी उसे तड़पाकर और क्रूरता के साथ मारा था। उसे ऐसा करता देख, दूसरे व्यक्ति ने पशु क्रूरता अधिनियम का सहारा लिया और उस पर केस कर दिया। इसलिए पुलिस ने पकड़ा।
सवाल- ये पशु क्रूरता अधिनियम क्या है?
जवाब- ये भारतीय संविधान के अंतर्गत आता है। जिसे पशु-पक्षी की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इसे डिटेल से समझने के लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़ें:
एडवोकेट सचिन नायक जानवरों को मारने वाले लोगों के लिए कहते हैं कि…
चलते-चलते
मौजूदा मामले में चूहे का पोस्टमॉर्टम हुआ, 7 दिन में आएगी रिपोर्ट
सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने चूहे का पोस्टमॉर्टम करवाया है। हालांकि, इसका पूरा खर्च शिकायतकर्ता विकेंद्र सिंह ने उठाया। एंबुलेंस नहीं थी तो उन्होंने चूहे के शव को करीब 50 किलोमीटर दूर बदायूं से बरेली भेजने के लिए AC कार का किराया 1500 रुपए दिया। AC कार इसलिए ताकि बॉडी डीकम्पोज्ड न हो। पोस्टमॉर्टम के लिए 225 रुपए की रसीद भी कटवाई। अब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एक हफ्ते बाद आएगी।
डिप्टी SP (सिटी) आलोक मिश्रा ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सदर कोतवाली थाने में IPC की धारा 429 और पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11(1) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
(आज की स्टोरी के एक्सपर्ट हैं- One voice for animals love & care की प्रेसिडेंट अनीता सोनी और सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट सचिन नायक। )
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