एयर इंडिया यूरिन केस में इनकॉन्टिनेंस बीमारी का जिक्र:बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिला को क्यों होती है यूरिन लीकेज की प्रॉब्लम

5 महीने पहलेलेखक: उत्कर्षा त्यागी
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एयर इंडिया यूरिन केस के आरोपी संजय मिश्रा के वकील ने कोर्ट में दलील दी है कि 70 साल की महिला ने खुद ही अपने कपड़ों में पेशाब कर लिया था। उन्हें इन्कॉन्टिनेंस की समस्या थी। वहीं, अफ्रीका के साउथ सूडान के प्रेसिडेंट सल्वा कीर मायारडिट का एक वीडियो वायरल हो रहा है।

नेशनल एंथम के दौरान प्रेसिडेंट मायारडिट का पेशाब पैंट में ही निकल गया। इसके बाद 71 साल के प्रेसिडेंट को ट्रोल किया गया। कुछ लोगों ने तो पद छोड़ने की हिदायत तक दे डाली।
आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि ऐसा क्यों होता है कि कुछ लोग यूरिन कंट्रोल नहीं कर पाते। क्या इस सिचुएशन से बचा जा सकता है।
आज के हमारे एक्सपर्ट हैं- डॉ. पी वेंकट कृष्णन, जनरल फिजिशियन, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम और डॉ. बालकृष्ण श्रीवास्तव, जनरल फिजिशयन, भोपाल

सवाल: क्या ऐसा वाकई संभव है कि कुछ लोगों का यूरिन बिना चाहे निकल जाए?
जवाब:
हां, ऐसा बिल्कुल हो सकता है। इस कंडीशन को इनकॉन्टिनेंस कहा जाता है। जब किसी वजह से ब्लैडर की यूरिन होल्ड करने की कैपेसिटी कम हो जाती है तो इनकॉन्टिनेंस की समस्या होती है। इसे ब्लैडर लीकेज भी कहते हैं।

सवाल: इनकॉन्टिनेंस यानी ब्लैडर लीकेज के लक्षण क्या हो सकते हैं?
जवाब:
नीचे लिखें सिम्टम्स को पढ़ें और इन्हें इग्नोर न करें…

  • अचानक यूरिन पास करने की जरूरत महसूस होना।
  • खांसते-छींकते हुए यूरिन निकल जाना।
  • यूरिन पास होने में परेशानी महसूस होना।
  • कुछ मिनट भी यूरिन होल्ड न कर पाना।

सवाल: यूरिन होल्ड न करने की प्रॉब्लम क्यों होती है?
जवाब:
इनकॉन्टिनेंस के पीछे कई वजह हो सकती हैं…

  • महिला: प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने से ब्लैडर पर प्रेशर बढ़ जाता है। इससे इनकॉन्टिनेंस की समस्या बढ़ती है। डिलीवरी के बाद ज्यादातर महिलाओं को यह प्रॉब्लम होती है। इस बात को वे शर्मिंदगी और डर से बता नहीं पातीं। चाइल्ड बर्थ के समय पेल्विक मसल्स कमजोर हो जाती है। डिलीवरी के बाद ब्लैडर में खिंचाव होता है। ऐसे में थोड़ा भी खांसते हैं या जोर लगाते हैं तो यूरिन निकल जाता है।
  • बुजुर्ग: पुरुषों में प्रोस्टेट ग्लैंड यूरिनरी ब्लैडर के बिल्कुल पास होती है। उम्र के साथ प्रोस्टेट ग्लैंड का साइज बड़ा होने लगता है। जब यह ज्यादा बड़ी हो जाती है तो यूरिनरी ब्लैडर पर प्रेशर पड़ता है। इससे यूरिन लीक होने लगता है। पेशेंट थोड़ी-थोड़ी देर में यूरिन रिलीज करता रहता है। इसके साथ ही ज्यादा उम्र में न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। इससे यूरीन को बुजुर्ग कंट्रोल नहीं कर पाते।
  • यंगस्टर्स: इनमें यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यानी UTI, नर्वस सिस्टम में प्रॉब्लम, मेल्स में प्रोस्टेटिज्म की समस्या, लोअर बॉडी से रिलेटेड ट्रॉमा या इंजरी, ब्लैडर की मसल्स के कमजोर होने की वजह से ऐसा हो सकता है। डायबिटीज पेशेंट्स जिनका शुगर लेवल बढ़ जाता है, उन्हें भी यूरीन होल्ड करने में दिक्कत होती है।
  • बच्चे: बच्चों में यह समस्या ज्यादातर स्लीप इंड्यूस्ड होती है। यानी बच्चे नींद में यूरिन कंट्रोल नहीं कर पाते और बिस्तर गीला कर देते हैं। अगर बच्चे ऐसा कभी-कभी करते हैं तो यह कंडीशन नॉर्मल है। मगर 4-5 साल का बच्चा अगर हर रोज बिस्तर गीला कर रहा है तो अलर्ट रहने की जरूरत है।

सवाल: क्या इसे ठीक किया जा सकता है?
जवाब:
हां, बिल्कुल ठीक किया जा सकता है। इसके लिए ये तरीके अपना सकते हैं…

  • बच्चों को रात में बिस्तर पर जाने से पहले वॉशरूम जाने की हैबिट डलवाएं। उन्हें नींद से जगाकर यूरिनेशन के लिए लेकर जाएं।
  • महिलाएं पेल्विक फ्लोर की कीगल्स एक्सरसाइज कर सकती हैं। इसे डिलीवरी के बाद से ही शुरू कर दें।
  • फिजिकल ब्लॉकेज या प्रोस्टेट की वजह से ऐसा हो रहा है तो सर्जरी और मेडिसिन एक उपाय है।
  • न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम की वजह से होने वाले इनकॉन्टिनेंस को ट्रीटमेंट के जरिए ठीक किया जा सकता है।

सवाल: ऐसी परेशानी से कोई जूझ रहा है तो उसे क्या करना चाहिए?
जवाब:
घर-परिवार में आपका कोई करीबी या आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो…

  • डॉक्टर से मिलें और इस प्रॉब्लम को बेझिझक बताएं।
  • इसकी जड़ तक पहुंचने की कोशिश करें, तभी इलाज हो सकेगा।
  • बच्चे और अडल्ट डायपर्स पहन सकते हैं।
  • समय-समय पर जांच कराएं ताकि इन्फेक्शन से बचे रह सकें।
  • कहीं भी यूरिन का ड्रॉप गिर रहा है तो साफ-सफाई का ध्यान रखें।

सवाल: जिन लोगो को यह प्रॉब्लम होती है लोग उनसे चिढ़ने लगते हैं, हमें ऐसे लोगों से कैसे डील करना चाहिए?
जवाब:
ऐसे लोग खुद ही शर्मिंदगी महसूस करते हैं। उन्हें इसका अहसास रहता है कि दूसरे उन्हें हीन भावना से देखते हैं। ऐसा जागरुकता की कमी की वजह से होता है। इसलिए…

  • सबसे पहले तो जागरुक हो जाएं। इस प्रॉब्लम के बारे में पढ़ें और समझें।
  • ऐसे लोगों को ब्लैडर ट्रेनिंग के लिए प्रोत्साहित करें ताकि वो समय-समय पर यूरिन के लिए जाएं, आलस न करें।
  • उन्हें एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने में हेल्प करें।
  • अल्कोहल, सॉफ्ट ड्रिंक, सोडा, चाय और कॉफी से ऐसे लोगों को दूर रखें।
  • यूरिन कंट्रोल न कर पाने की स्थिति में हाई फाइबर डाइट लेना हेल्पफुल है।
  • पब्लिक प्लेस पर अगर कोई इनकॉन्टिनेंस का पेशेंट मिले तो उनकी समस्या को समझें और हेल्प करें।

चलते-चलते

यूरिन होल्ड करने से भी ये 7 समस्याएं हो सकती हैं

  • हानिकारक बैक्टीरिया को मल्टीप्लाई होने का समय मिल जाता है। इससे यूरिनरी ब्लैडर में गंभीर इन्फेक्शन हो सकता है।
  • इन्फेक्शन की वजह से यूरिनेशन के दौरान दर्द हो सकता है।
  • ब्लैडर में यूरिन के इकट्ठा रहने से किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है।
  • ज्यादा देर और बार-बार यूरिन होल्ड करने से यूरिनरी ब्लैडर कमजोर हो जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं में यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) का खतरा बढ़ जाता है।
  • ब्लैडर के लंबे समय तक भरे रहने की वजह से नीचे की ओर एक पाउच जैसा बन जाता है। इससे यूरिन पूरी तरह से रिलीज नहीं हो पाता है।
  • पुरुषों को प्रोस्टेट की समस्या हो सकती है।

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एसी कोच में दिए जाने वाले कंबल की वजह से यात्रियों की तबीयत खराब हो गई। मामला लखनऊ से वाराणसी सिटी जाने वाली 15008 कृषक एक्सप्रेस का था।
थर्ड एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों ने कंबल से बदबू आने की शिकायत एक-दूसरे से की। रेलवे तक शिकायत पहुंचाने के लिए यात्रियों ने कोच अटेंडेंट को तलाशा। वो नहीं मिला तब TTE को इस बारे में बताया गया। इसके बाद कंबल बदले गए।
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गंदे और बदबूदार बेडरोल को लेकर अक्सर ऐसी शिकायत आती रहती हैं। आपके साथ भी ऐसा हो तो भूल से इग्नोर न करें। कहां और कैसे शिकायत करनी हैं, यह हम आपको बताते हैं।(पढ़िए पूरी खबर)

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जरा-जरा सी बात पर ट्वीट करने की आदत है तो अलर्ट हो जाएं। ट्वीट करना गलत नहीं, पर गलत तरीके और जल्दबाजी में करना आपको खतरे में डाल सकता है। दरअसल, मुंबई की एमएन मीना को भुज जाना था। उन्होंने IRCTC की वेबसाइट से ऑनलाइन टिकट बुक की।
मीना को RAC टिकट मिली। उसने IRCTC के ट्विटर हैंडल को टैग करते हुए ट्वीट कर अपनी सीट के बारे में कुछ जानकारी मांगी। इसके बाद उनके अकाउंट से 65 हजार रुपए गायब हो गए।(पढ़िए पूरी खबर)