कोरोना से रिकवर होने के बाद ज्यादातर लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होती है। बहुत से लोगों को बाल झड़ने की समस्या होती है। क्या आपने भी ऐसा महसूस किया है? भाग-दौड़ भरी जिंदगी में बाल झड़ने की समस्या तो आम है, लेकिन कोरोना से रिकवर होने के बाद कई लोगों के बाल बहुत ज्यादा झड़ रहे हैं।
आज जरूरत की खबर में हम आपको ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में बताएंगे जो कोरोना से रिकवर तो हो गए, लेकिन इसके बदले में उन्हें बाल झड़ने की समस्या से जूझना पड़ रहा है। हम आपको इसका कारण और इसे रोकने के उपाय बताएंगे।
23 साल की रोशनी दो बार कोरोना संक्रमित हो चुकी हैं। दूसरी बार जब कोरोना हुआ तो घर के सारे लोग उनकी हेल्थ को लेकर चिंतित हो गए। अच्छी बात यह हुई कि पुरानी गलतियों से सबक लेकर वो जल्दी ही रिकवर हो गई, लेकिन एक चीज ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। वह थी बाल झड़ने की समस्या। रोशनी कहती हैं कि पहली बार जब कोरोना हुआ तब भी बाल गिर रहे थे। इस बार तो गिरते बालों को गिनना मुश्किल था।
रोशनी ने अब डर से बालों को कंघी करना बंद कर दिया है। वे कहती हैं- अब समझ नहीं आ रहा इसे कैसे ठीक करूं। रोशनी की यह कहानी डर्मेटोलोजिस्ट डॉ. नीरज ने बताई। डॉक्टर नीरज कहते हैं कि रोशनी जैसे कई लोग हैं, जो बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं। हम उन्हें ज्यादा टेंशन नहीं लेने की सलाह देते हैं। इस प्रॉब्लम को सॉल्व किया जा सकता है।
कितने बाल गिरना नॉर्मल है?
अमेरिकन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलोजिस्ट के मुताबिक, रोजाना 50 से 100 बाल गिरना नॉर्मल है। कोरोना ठीक होने के बाद ज्यादातर लोगों के 200 से ज्यादा बाल गिरते हैं।
जानिए अपोलो हॉस्पिटल की डॉक्टर क्या कहती हैं
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की डॉक्टर शाहीन कहती हैं, ये पहले भी एक आम समस्या थी। कोविड के बाद कई लोगों में हेयरफॉल की समस्या बढ़ी है। इसमें महिला और पुरुष दोनों की संख्या बराबर है। कोरोना की वजह से शरीर कमजोर हो जाता है। डाइट में बदलाव होता है। ‘हम ठीक तो हो जाएंगे न’, यह बात सोचते रहते हैं। ऐसे में स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है। कोविड के बाद ये सब दिक्कतें कुछ दिनों तक रहती हैं। इसे टेलोजन एफ्लूवियम कहते हैं। बाल झड़ने का एक कारण टेलोजन एफ्लूवियम है। अगर डाइट सही लें तो इस समस्या का समाधान जल्दी होगा।
टेलोजेन एफ्लूवियम (Telogen Effluvium) क्या है?
हमारी हेयर ग्रोथ के दो फेज होते हैं। पहला ग्रोइंग फेज और दूसरा रेस्टिंग फेज। हमारे 70 से 80 प्रतिशत बाल ग्रोइंग फेज में होते हैं और बाकी बचे रेस्टिंग फेज में होते हैं। जब हमें डिप्रेशन होता है या अन्य किसी तरह से तनाव बढ़ता है और यह कुछ दिनों तक जारी रहता है तो हमारे ग्रोइंग फेज के 50 प्रतिशत बाल रेस्टिंग फेज में चले जाते हैं और जब 50 प्रतिशत बाल रेस्टिंग फेज में जाएंगे तो उसके बाद हेयर लॉस जैसी समस्या पैदा हो जाती है। इस समस्या को मेडिकल टर्म में टेलोजन एफ्लूवियम कहते हैं।
बाल झड़ना की समस्या से कितने में छुटकारा मिल सकता है?
कोविड के बाद अगर बाल झड़ने की समस्या हुई है तो इसे लेकर ज्यादा परेशान न हों। टाइफाइड और पीलिया के बाद भी पेशेंट़्स ऐसी शिकायत लेकर आते हैं। बच्चे के जन्म के बाद भी महिलाओं को हेयरफॉल की शिकायत रहती हैं। कहने का मतलब, जब आप किसी गंभीर बीमारी से ठीक होते हैं तो शरीर को नॉर्मल होने में थोड़ा वक्त लगता है। इसलिए हेयरफॉल की प्रॉब्लम को भी पूरी तरह से ठीक होने में 5-6 हफ्ते लग सकते हैं, लेकिन यह भी याद रखें कि अगर शुरुआत में इसकी पहचान कर ली जाए तो बाल झड़ने से रोका जा सकता है।
क्या होता है स्कैल्प इमेजिंग टेस्ट?
बाल झड़ने के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं। इसकी ग्रोथ भी अनुवांशिकता पर आधारित होती है। अगर आपको भी लग रहा हैं कि समस्या गंभीर हैं तो डॉक्टर की सलाह से स्कैल्प इमेजिंग टेस्ट करवाकर इसकी सही वजह पता कर इलाज करवाएं।
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