ठंड से बचने के लिए अक्सर कुछ लोग ऊनी कपड़े पहनकर सोते हैं। इससे ठंड से राहत तो मिल जाती है, लेकिन सेहत को यह नुकसान पहुंचाती हैं।
आज जरूरत की खबर में जानते हैं ऊनी कपड़े पहनकर सोना क्यों है खतरनाक, इससे हमारी सेहत को किस तरह के नुकसान हो सकते हैं
सवाल: स्वेटर पहनकर सोना क्यों नुकसानदायक है?
जवाब: स्वेटर पहनकर सोने से आपके शरीर में कई तरह के साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। ऐसा ऊन की क्वालिटी की वजह से होता है। दरअसल ऊन ऊष्मा का कुचालक होता है। यानी ऊन हीट का इंसुलेटर है। ये अपने रेशों के बीच बड़ी मात्रा में एयर ट्रैप कर लेता है। इसी कारण हमारे शरीर में पैदा होने वाली गर्माहट लॉक हो जाती है और बाहर नहीं निकलती। इस तरह हम ठंड से बचे रहते हैं, लेकिन इसका असर हमारी सेहत पर पड़ता है।
सवाल: गर्म कपड़ों से बचाव के लिए क्या कर सकते हैं?
जवाब: गर्म कपड़ों से होने वाले नुकसान से ऐसे बचें…
सवाल: स्वेटर या गर्म कपड़े पहनकर सोने से क्यों नींद डिस्टर्ब होती है?
जवाब: अच्छी नींद के लिए बॉडी को टेम्प्रेचर मेंटेन करना पड़ता है। जैसे ही हम गर्म कपड़े पहनते हैं ऐसा संभव नहीं हो पाता है। स्वेटर पहनने से बॉडी का टेम्प्रेचर अंदर ही ट्रैप हो जाता है। इस वजह से रात को बैचेनी महसूस होती है। इस वजह से सुबह हमें थकान लगती है।
सवाल: तो क्या सोते वक्त वुलन कैप भी नहीं पहनना चाहिए?
जवाब: सर्दियों में वुलन कैप पहनकर नहीं सोना चाहिए। कैप पहनने से सबसे ज्यादा बालों को नुकसान पहुंचता है। इससे स्कैल्प में खुजली हो सकती है और हेयर फॉलिकल्स ब्लॉक हो सकते हैं। इससे स्कैल्प में इन्फेक्शन हो सकता है। टाइट ऊनी कैप पहनने से स्कैल्प में तेल जमा हो जाता है जिससे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
अगर सोते समय कैप पहनना चाहते हैं तो…
सवाल: क्या कंबल से सिर ढककर सोना भी नुकसानदेह हो सकता है?
जवाब: सिर पर कंबल ढककर सोने से कमरे में मौजूद फ्रेश ऑक्सीजन नहीं ले पाते। कंबल के अंदर जो ऑक्सीजन है, उसी से सांस लेते रहते हैं। कंबल के अंदर जब ऑक्सीजन की कमी होने लगती है तो अशुद्ध हवा ही शरीर के अंदर जाने लगती है। इससे सभी अंगों तक ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता।
इसके अलावा कंबल से सिर ढककर सोने से हो सकती हैं ये परेशानियां…
सवाल: सर्दियों में पैर ठंडे हो जाते हैं, इसलिए सॉक्स पहनकर सोते हैं। इससे क्या प्रॉब्लम हो सकती है?
जवाब: सर्दियों में सॉक्स और दस्ताने पहनकर सोना नुकसानदेह है क्योंकि…
सवाल: क्या कॉटन के सॉक्स पहनकर सो सकती हूं?
जवाब: ऊनी सॉक्स से बेहतर कॉटन सॉक्स हैं। कॉटन एक ब्रीदेबल फैब्रिक है जिसे रात में अगर पहनकर सोते हैं तो नुकसान नहीं होगा। बस ध्यान रहे कि ज्यादा टाइट सॉक्स न पहनें और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
सवाल: गर्म सॉक्स और स्वेटर से एलर्जी क्यों होती है?
जवाब: खराब क्वालिटी की ऊन और सिंथेटिक मिक्स ऊन से बने स्वेटर, शॉल आदि से कुछ लोगों को एलर्जी होती है। ये वो लोग होते हैं जिन्हें पहले से एलर्जी की समस्या है।
ऐसा केवल उन्हें स्वेटर, बल्कि कंबल और सॉफ्ट टॉयज से भी होता। इस समस्या को क्लोदिंग डर्मेटाइटिस भी कहते हैं। यह तब होता है जब आपका शरीर पहने या यूज में लाए गए कपड़ों या प्रोडक्ट के फाइबर, डाई (रंग) या दूसरे केमिकल को लेकर रिएक्शन देता है।
कई बार गर्म कपड़े धोने के लिए इस्तेमाल में आने वाला डिटर्जेंट भी एलर्जी होती है। कपड़ों को एक बार खुशबू और केमिकल रहित डिटर्जेंट में धोकर देखें। इसके बाद एलर्जी के लक्षण नहीं उभरते तो मतलब आपकी एलर्जी डिटर्जेंट से ही थी।
सवाल: गर्म कपड़े पहनकर सोने से पड़ने वाले मिर्गी रोग को डिटेल में बताएं, इसके लक्षण क्या हैं?
जवाब: मिर्गी या एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। कई बीमारियों की वजह से ये डिसऑर्डर हो सकता है। इसमें मस्तिष्क में किसी तरह की प्रॉब्लम आने की वजह से इंसान को दौरे पड़ने लगते हैं।
ये हैं मिर्गी के लक्षण…
सवाल: सोते समय गर्म कपड़े न पहनूं तो ठंड लगती है। इसका क्या सॉल्यूशन है?
जवाब: सोते समय नॉर्मली ज्यादा ठंड लगती है। इसलिए सबसे जरूरी है कि कमरे को गर्म रखें। इसके लिए जरूरी नहीं कि हीटर या अंगीठी जलाए। मोटे पर्दे लगाकर और जमीन पर कार्पेट बिछाकर भी कमरे को गर्म रखा जा सकता है।
बेड में गर्माहट बनाए रखने के लिए फॉलो करें ये स्टेप्स…
सवाल: छोटे बच्चे रात में कंबल ठीक से नहीं ओढ़ते। उन्हें ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाती हूं। क्या उनके लिए भी गर्म कपड़े पहनकर सोना नुकसानदेह है?
जवाब: सर्दियों में सोते समय छोटे बच्चों का ऐसे रखें ख्याल…
जरूरत की खबर के कुछ और आर्टिकल भी पढ़ेंः
1. देर-रात रैपिडो बाइक बुलाई, ड्राइवर ने शराब पी थी:कैश के लिए झगड़ा; शिकायत की तो 12 घंटे बाद भी रिस्पॉन्स नहीं मिला
पिछले ही महीने की बात है। बेंगलुरु में एक महिला का गैंगरेप हुआ। इसमें एक आरोपी रैपिडो बाइक का कैप्टन था। उससे कुछ दिन पहले गुवाहाटी में एक बाइक टैक्सी चालक ने छेड़छाड़ की थी।
दो-तीन दिन पहले ही ऑफिस की एक कलीग के साथ भी एक घटना घटी। देर रात काम से घर लौटने के लिए उसने रैपिडो बाइक बुक की। जिस कैप्टन के साथ वो घर तक जा रही थी उसने शराब पी रखी थी। स्पीड में चला रहा था। रैश ड्राइविंग के लिए मना किया तो उसने इग्नोर कर दिया। जब घर पहुंची तो एक्स्ट्रा कैश के लिए झगड़ने लगा। घर के अंदर जाकर उसने फौरन ऐप पर उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की। 12 घंटे बीतने के बाद भी कोई रिस्पॉन्स नहीं आया।
सिर्फ रैपिडो ही नहीं, इकोनॉमिकल होने के बावजूद जितनी भी बाइक टैक्सी इस समय देश में मौजूद हैं, उन्हें लेकर वुमन सेफ्टी, रैश ड्राइविंग, ज्यादा पैसे मांगने जैसी परेशानियां होती रहती हैं। एक कस्टमर होने के नाते हमारे पास अपनी सुरक्षा और हक को लेकर क्या ऑप्शन है ये सब आज जानेंगे जरूरत की खबर में… (पढ़िए पूरी खबर)
2. बच्चा बार-बार हो रहा बीमार:इसकी वजह कोरोना है या लापरवाही; कारण पहचानें और हो जाएं अलर्ट
पिछले कुछ दिनों से जिसे देखो इस बात से चिंतित है कि मेरा बच्चा बहुत बीमार हो रहा है। दो-तीन बार वायरल हो गया। खाना भी ठीक तरह से नहीं खाता है। बार-बार डॉक्टर के पास लेकर जाना पड़ता है। कुछ पेरेंट्स को डॉक्टर ने यह बताया कि बच्चे के बीमार पड़ने की वजह विटामिन डी की कमी है। (पढ़िए पूरी खबर)
3. जर्मन शेफर्ड ने डिलीवरी बॉय पर किया अटैक:तीसरी मंजिल से कूदने से हुई मौत, कुत्ता काटे तो मालिक को होगी जेल
हैदराबाद के बंजारा हिल्स इलाके में रहने वाली शोभना ने स्विगी से खाना मंगवाया था। डिलीवरी बॉय रिजवान खाना लेकर पहुंचा। जब रिजवान पार्सल शोभना को दे रहा था, तभी उनके जर्मन शेफर्ड ने उस पर हमला कर दिया।
खुद को बचाने के लिए रिजवान छत पर भागा। कुत्ता भी उसके पीछे तीसरी मंजिल पर भागा। कुत्ते के अटैक से बचने के लिए डिलीवरी बॉय को छत से कूदना पड़ा। इसके बाद गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
यह पहली घटना नहीं जब पालतू ने इस तरह किसी अजनबी पर अटैक किया हो। इसलिए आज जरूरत की खबर में जानेंगे कि घर पर कुत्ते को बच्चे की तरह सिर्फ पालना जरूरी नहीं, उन्हें सही ट्रेनिंग देना भी जरूरी है। (पढ़िए पूरी खबर)
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