अमिताभ बच्चन की तरह यूज करें पर्सनैलिटी राइट्स:Blogger समझें, कैसे नहीं होगा आपकी फोटो और आवाज का गलत इस्तेमाल

4 महीने पहलेलेखक: अलिशा सिन्हा
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दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अमिताभ बच्चन की आवाज, नाम और चेहरे से जुड़ी किसी भी चीज (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) के इस्तेमाल करने के लिए उनकी परमिशन लेनी होगी। अमिताभ बच्चन के परमिशन के बगैर इन चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश उनकी एक याचिका पर दिया, जिसमें वे पब्लिसिटी और पर्सनैलिटी राइट्स चाहते थे।

आखिर ये पर्सनैलिटी राइट्स है क्या। आज जरूरत की खबर में इसे डिटेल से समझेंगे।
आज की स्टोरी के एक्सपर्ट हैं- सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट सचिन नायक।

सवाल- पर्सनैलिटी राइट्स होता क्या है?
एडवोकेट सचिन-
ये किसी महिला या पुरुष की पर्सनैलिटी से जुड़ा हुआ अधिकार है। जिसे निजता के अधिकार के तहत प्रोटेक्शन मिला है। मशहूर लोगों का उनकी फोटो, आवाज और पर्सनैलिटी से जुड़ी चीजों पर विशेष अधिकार होता है। कई बार कुछ कंपनियां बिना उनकी इजाजत के इसे इस्तेमाल कर लेतीं हैं। जो कि गलत है।

सवाल- क्या अमिताभ बच्चन की तरह पर्सनैलिटी राइट्स का इस्तेमाल आम आदमी भी कर सकता है?
एडवोकेट सचिन-
नहीं, आम आदमी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता है। सिर्फ मशहूर हस्तियां हीं पर्सनैलिटी राइट्स का यूज कर सकती हैं।

ऊपर लिखे तीनों प्राइवेसी, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ और कॉपीराइट एक्ट को डिटेल में समझिए-
सबसे पहले प्राइवेसी के कानून को समझिए, जिसमें पर्सनैलिटी राइट्स भी आता है-

एडवोकेट पवन दुग्गल- प्राइवेसी को लेकर कोई स्पेशल कानून नहीं है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट कह चुका है कि हम सब भारतवासियों को जीने का मौलिक अधिकार, जो कि भारतीय संविधान का आर्टिकल-21 है, इसी के अंदर आता है हमारा प्राइवेसी यानी निजता का अधिकार। यानी राइट टू लाइफ का ही पार्ट, राइट टु प्राइवेसी है।

अब इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ को समझिए-
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ को हिंदी में बौद्धिक संपदा का अधिकार कहते हैं। जब कोई व्यक्ति बौद्धिक चीजें जैसे कोई आविष्कार, रचना या कोई खोज करता है। तो सबसे पहले उस चीज पर ऐसे व्यक्ति का अधिकार होता है, जिस व्यक्ति ने वो काम किया हो।

इसका मतलब ये नहीं है कि उस व्यक्ति का अधिकार हमेशा के लिए हो जाएगा। यह एक लिमिटेड टाइम और पर्टिकुलर जियोग्राफिक यानी भौगोलिक क्षेत्र के लिए ही मान्य होगा।

इसी तरह कॉपीराइट एक्ट 1957 को समझिए-
आसान भाषा में समझें तो इसका मतलब है किसी दूसरे की संपत्ति की चोरी करना। इस चोरी का मतलब ये नहीं है कि आप किसी का पैसा, रुपया या दूसरा कीमती सामान चुरा रहे हैं।

उदाहरण के लिए- आपने कोई एल्बम तैयार किया, उसमें 10 गाने थे। इन गानों को आपने डायरेक्ट, कम्पोज और प्रोड्यूस किया। अब किसी और व्यक्ति ने उसी एल्बम को चोरी करके अपने नाम से बेचना शुरू कर दिया। यह ही कॉपीराइट है।

कॉपीराइट एक्ट को समझ लीजिए, क्योंकि इसमें इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी लॉ की भी बात की गई है-

  • कॉपीराइट एक्ट किसी भी ओनर या क्रिएटर की बौद्धिक यानी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के अधिकार के प्रोटेक्शन के लिए है।
  • इसमें आपकी राइटिंग, ड्रामा, म्यूजिक,कला, फिल्म और साउंड रिकॉर्डिंग के ओनरशिप को प्रोटेक्शन देने का नियम है।
  • ऑरिजनल कॉपी, रीमेक या कम्युनिकेशन के लिए उसके ओनर से परमिशन लेनी पड़ती है या उसको क्रेडिट देना पड़ता है।
  • बेहतर प्रोटेक्शन के लिए ओनर अपने काम को रजिस्ट्रार ऑफ कॉपीराइट्स में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।

सवाल- आजकल बहुत से ब्लॉगर और कॉन्टेंट क्रिएटर मशहूर हो रहे हैं। क्या वो भी पर्सनैलिटी राइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं?
एडवोकेट सचिन नायक-
ब्लॉगर और कॉन्टेंट क्रिएटर अपने टोटल इनकम के हिसाब से पर्सनैलिटी राइट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसका मतलब है कि जिन लोगों की इनकम सेलिब्रिटी की तरह होती है या उनके लाखों-करोड़ों फॉलोअर्स हैं। क्योंकि इतने फॉलोअर्स वाले लोग सेलिब्रिटी की तरह ही होते हैं।

सवाल- ब्लॉगर और कॉन्टेंट क्रिएटर जैसे मशहूर लोगों के पर्सनैलिटी राइट्स का हनन किया जाए, जैसे अमिताभ बच्चन के साथ हुआ, तो वो लोग कैसे कानून की मदद ले सकते हैं?
जवाब-
इसका जवाब जानने के लिए नीचे दिए ग्राफिक को पढ़ें-

कन्फ्यूजन हो, तो दूर कर लें- पर्सनैलिटी से जुड़ी दिक्कत होने पर आर्टिकल-21 के तहत केस करें और क्लेम चाहिए, तो कॉपीराइट एक्ट का इस्तेमाल करें।

सवाल- अगर कॉपीराइट एक्ट के तहत हम क्लेम या हर्जाने के लिए केस करते हैं, तो किस तरह से हर्जाना मिलेगा?
एडवोकेट सचिन नायक-
आपकी पर्सनैलिटी से जुड़ी चीजों का इस्तेमाल जब कोई और अपने फायदे के लिए कर रहा था, तो आपका उस दौरान कितना नुकसान हुआ है और सामने वाले ने आपकी उस चीज से जितनी भी कमाई की है। उन सबको मिलाकर उसे आपको भुगतान करना होगा।

सवाल- मैं अगर किसी और पर कॉपीराइट एक्ट के तहत केस करना चाहता या चाहती हूं, तो किस बात का ख्याल रखना जरूरी है?
जवाब-
आप जिस भी चीज के लिए कॉपीराइट का केस करने वाले हैं, वो आपका खुद का क्रिएशन हो। या फिर उस चीज के सारे कॉपीराइट आपके पास हों। जैसे- आपने उस चीज को पहले से खरीद रखा हो या उसके प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन आपके पास हो।

सवाल- आपकी कौन सी चीजों को कॉपीराइट प्रोटेक्ट करता है?
जवाब-

  • साहित्य
  • नाटक
  • म्यूजिक
  • आर्टिस्टिक काम, जैसे- पेंटिंग या फोटोग्राफी
  • कोई पब्लिश्ड वर्जन
  • पब्लिश्ड आर्टिकल
  • रिकॉर्डेड साउंड। जैसे- म्यूजिक, गाना, नाटक, लेक्चर
  • फिल्म और टेलीफिल्म
  • टीवी और रेडियो का ब्रॉडकास्ट
  • टेक्नोलॉजी रिलेटेड वर्क

जिन लोगों को अमिताभ बचचन से जुड़ यह मामला नहीं पता वो डिटेल में पढ़ लें
दरअसल, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने अमिताभ की तरफ से याचिका पेश की थी। उन्होंने जस्टिस चावला से कहा कि मेरे क्लाइंट की पर्सनैलिटी राइट्स को खराब किया जा रहा है। वो चाहते हैं कि उनके नाम, आवाज और पर्सनैलिटी का यूज किसी भी ऐड यानी विज्ञापन में न किया जाए। जिससे उनकी इमेज पर निगेटिव इफेक्ट पड़े।

सोशल मीडिया में अमिताभ बच्चन के नाम का एक लॉट्री वाला एड चल रहा है। जिसमें प्रमोशनल बैनर पर उनकी फोटो लगी है। इतना ही नहीं इस पर KBC का LOGO भी है। जाहिर है ये बैनर लोगों को भ्रमित करने के लिए बनाया गया है, जिसमें 1% भी सच्चाई नहीं है।

एडवोकेट हरीश साल्वे ने कुछ विज्ञापनों का उदाहरण दिया, जिसमें बिग बी का चेहरा इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि कोई टी-शर्ट पर अमिताभ का चेहरा लगा रहा है, तो कोई उनका पोस्टर बेच रहा है। वहीं, किसी ने उनके नाम पर एक डोमेन नाम रजिस्टर करवाया है।

अक्टूबर में चला था KBC लॉटरी का सच
हरीश साल्वे ने बताया कि KBC लॉटरी पंजीकरण और लॉटरी विजेता कैसे बनें, कौन बनेगा करोड़पति की नकल हैं। हमें इसका पता अक्टूबर के आखिर में चला। यह लॉटरी किसी तरह का घोटाला है। कोई पैसा जमा कर रहा है। कोई नहीं जीत रहा है। वीडियो कॉल में भी अमिताभ की तस्वीर का इस्तेमाल हो रहा है। जब आप फोन करते हैं तो उनकी तस्वीर दिखाई देती है। एक नकली आवाज होती है, जो अमिताभ की तरह लगती है।

चलते-चलते
विदेशों में पर्सनैलिटी राइट्स को लेकर क्या कानून है?

  • पर्सनैलिटी राइट्स को लेकर अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में ऐसा कोई स्पेशल कानून नहीं है, जो सिर्फ पर्सनेलिटी राइट्स से निपटने के लिए ही बनाया गया हो।
  • अमेरिका में झूठा सपोर्ट, जुड़ाव और एफिलिएशन से रिलेटेड सुरक्षा जरूर दी जाती है।
  • इसके अलावा जर्मनी में ट्रेडमार्क कानून, आर्ट और फोटोग्राफी अधिनियम में कॉपीराइट, जर्मन नागरिक संहिता और अनफेयर कॉम्पिटिशन में इमेज और पर्सनैलिटी राइट्स को प्रोटेक्शन दिया गया है
  • कनाडा में misdemeanor और सेचुरेटेड लॉ दोनों ही पर्सनैलिटी राइट्स को कवर करते हैं।

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