अलीगढ़. विवादों में रहने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से एक सुखद खबर है। एएमयू के करीब सौ साल के इतिहास में पहली बार एएमयू स्कूल स्तर पर लड़कियों की एक हॉकी टीम तैयार की जा रही है। इन महिला खिलाड़ियों से आगे चल कर विश्विवद्यालय की मुख्य महिला टीम भी बनाई जा सकेगी। इसके लिए एएमयू के हॉकी कोच अनीसुर्रहमान लड़कियों को हॉकी की बारीकियां सिखा रहे हैं।
इस टीम से जुड़ने वाली लड़कियों का उत्साह भी देखने लायक है। टीम में शामिल होने जा रही राबिया और आलिया का हॉकी को लेकर जुनून ऐसा है कि, इन्हें हॉकी के खेल में भविष्य संवरने की उम्मीद है।
1) एएमयू ने हॉकी के दिए बेहतरीन खिलाड़ी पर नहीं थी महिला टीम
एएमयू की स्कूल स्तर पर बनने वाली पहली महिला हॉकी टीम के लिए ट्रायल शुरू हो गया। 10 जूनियर स्कूलों की लड़कियों को चयन की प्रक्रिया में शामिल किया गया है। सुबह-शाम मैदान पर लड़कियां हॉकी स्टिक लेकर प्रैक्टिस करती हैं। इन खिलाड़ियों के कोच अनीस उर्रहमान, पूर्व अंतरराष्ट्रीय हॉकी प्लेयर रहे हैं। इस वक्त एएमयू स्पोर्ट्स कमिटी के डिप्टी डायरेक्टर हैं। अनीस का कहना है लड़कियों ने अन्य खेल की तरह हॉकी को भी अपनाया है। इन खिलाड़ियों से एएमयू की मुख्य टीम बनाई जाएगी।
एएमयू के पीआरओ उमर पीरजादा ने बताया कि, विश्वविद्यालय की छात्राएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। यहां की बच्चियां हॉकी पहले से खेलती आ रही हैं। लेकिन हॉकी टीम नहीं थी। अभी स्कूल स्तरीय टीम बनाई जाएगी, इसके बाद विश्वविद्यालय स्तर की टीम बनेगी।
हॉकी के खेल में एएमयू का एक समृद्ध इतिहास रहा है। 80 के दशक में हॉकी के कैप्टन रहे जफर इकबाल भी एएमयू से ही थे। जफर उस हॉकी टीम के कप्तान थे, जिसने हॉकी में अपना आखिरी ओलिंपिक गोल्ड (मॉस्को 1980) जीता था। जफर के अलावा मसूद मिन्हाज (लॉस एंजिलिस ओलिंपिक 1932), अहसान मोहम्मद खान (बर्लिन ओलिंपिक 1936), लेफ्टिनेंट ए शकूर, मदन लाल, लतीफ-उर रहमान, अख्तर हुसैन हयात (ये सभी 1948 ओलिंपिक में खेले), जोगेंद्र सिंह (रोम ओलिंपिक 1960) और एसएम अली सैयद (तोक्यो ओलिंपिक 1964) कई नाम हॉकी प्लेयर्स एएमयू ने दिए हैं।
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