गोरखपुर. दसवीं मोहर्रम पर शनिवार को इमाम चौकों से ताजिये उठाए गए और जुलुस निकाला गया। ताजियों का विभिन्न इलाकों में मिलन हुआ। मिलन के बाद ताजियों को नदियों या पोखरों में दफन कर दिया गया। जुलूस में बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल हुए थे।
इससे पहले बुर्राख की अद्भुत ताजिया निकाली गई। इमामबाड़ों और इमाम चौकों पर रखे गए ताजियों के पास अकीदतमंदों की भीड़ लगी रही। अकीदतमंदों ने नियाज, फातिहा पढ़ी, अमन के लिए दुआएं और इबादत की। जिन अकीदतमंदों की मन्नत पूरी हुई, उन्होंने छोटे-छोटे ताजिए चढ़ाए। सबसे आखिर में मलीदा और शरबत का शिरनी बांटा गया।
इमाम चौकों पर ताजिया स्थापित करने से पहले अकीदतमंदों ने ताजिया को जुलूस के साथ पूरे टोले में घुमाया। ताजिया स्थापित होने के बाद नियाज, फातिहा पढ़ी गई, दुआएं मांगी गईं और अगरबत्ती, लोहबान, मोमबत्ती आदि जलाकर अकीदतमंदों ने इमाम हुसैन के प्रति अपनी आस्था प्रकट की।
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