बुलंदशहर. जिले में गोकशी के शक में तीन दिसम्बर को भड़की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या के मामले में आरोपियों पर से देशद्रोह की धारा हटा दी गई है। गौवंश के अवशेष मिलने के बाद हुई हिंसा में भीड़ ने बुलंदशहर के स्याना के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की बेहरहमी से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस पूरी हिंसा में 38 लोगों के ख़िलाफ हत्या, दंगा भड़काने और देशद्रोह समेत 17 धाराओं में आरोपपत्र दाखिल किया था।
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बुलंदशहर के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने आरोपपत्र का संज्ञान लिया और पुलिस को फ़टकार लगाते हुए सभी आरोपियों के ऊपर से देशद्रोह की धारा को हटा दिया है। देशद्रोह की धारा लगाने के लिए पुलिस ने प्रदेश के गृहविभाग से अनुमति नहीं ली थी।
आरोपियों के वकील ने कहा कि अदालत ने सभी 38 आरोपियों के उपर से आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह) को हटा दिया है।
वहीं जिले के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यूपी पुलिस देशद्रोह की धारा के लिए गृह विभाग से अनुमति लेकर दोबारा आरोपपत्र दाख़िल करेगी।
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या के बाद यूपी सरकार की क़ाफ़ी किरकिरी हुई थी यहां तक की तक़रीबन 80 रिटायर्ड अधिकारियों नें पत्र लिख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस्तीफ़ा तक मांगा था।
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