मेरठ. जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हुए मेरठ के रहने वाले मेजर केतन शर्मा पंचतत्व में विलीन हो गए। पिता ने मुखाग्नि दी। वे सोमवार को शहीद हो गए थे। 26 मई को एक माह की छुट्टी बिताकर मेजर केतन कश्मीर लौटे थे। शहादत की खबर के बाद सेना के अधिकारी माता-पिता को ढांढस बंधाने के लिए घर पहुंचे। इस दौरान बिलखते हुए मां ने सैन्य अफसरों से पूछा कि, मुझे बता दो मेरा शेर बेटा कहां गया? कब आएगा? मां के इस सवाल पर वहां मौजूद सबकी आंखें नम हो गईं। शहीद का पार्थिव शरीर मेरठ लाया गया। इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। साथी बताते हैं कि केतन एक जिंदादिल इंसान थे।
1) बचपन से ही सेना में अफसर बनने का था इरादा
मेरठ में कंकरखेड़ा इलाके के श्रद्धापुरी में रहने वाले मेजर केतन शर्मा साल 2011 में आईएमए देहरादून में भर्ती हुए थे। पासिंग आउट परेड के बाद साढ़े तीन साल पुणे में ट्रेनिंग हुई। फिर मेरठ की 57 इंजीनियर रेजीमेंट में पोस्टिंग हुई। मेरठ में कुछ दिन ही रहे। वर्तमान में उनकी तैनाती जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में मेजर पद पर थी। पिता रविंद्र शर्मा ने बताया कि बेटे केतन ने ठान लिया था कि उसे सेना में अफसर ही बनना है। उसके इरादे व हौसला देखकर उन्होंने उसे कभी रोका नहीं और जितना हो सका सपोर्ट किया।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर के अंनतनाग में सोमवार को एक मकान के अंदर तीन आतंकवादी घुस गए थे, जहां मेजर केतन अपनी टीम के साथ ऑपरेशन करने पहुंचे। दोनों तरफ से फायरिंग हुई, इसके बाद केतन ओर उनकी टीम ने मकान में घुसे दो आतंकवादियों को मौके पर मार गिराया। लेकिन एक आंतकवादी भागने लगा तो केतन और उनकी टीम ने उसपर फायरिंग की। जवाब मे आंतकवादी ने भी फायरिंग की। इसमें गोली लगने से केतन घायल हो गए। इलाज के दौरान वह शहीद हो गए। उनके दो साथी भी घायल हो गए। लेकिन टीम ने तीसरे आंतकवादी को भी मार गिराया।
शहीद मेजर केतन शर्मा 2012 में लेफ्टिनेंट बने थे और उसके बाद में मेजर। परिवार में एक छोटी बहन है। जिसकी शादी दिल्ली में हुई है। केतन शर्मा की शादी छह साल पहले दिल्ली की रहने वाली ईरा से हुई थी। शर्मा की चार साल की बेटी कायरा है। बेटे के शहादत की खबर सोमवार की शाम पिता रविंद्र शर्मा और उनकी माता उषा शर्मा को मिली। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
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