ह्यूमनॉयड रोबोट सोफिया आज आइआइटी बीएचयू में छात्रों से रूबरू होंगी; केक काटकर अपना चौथा बर्थडे मनाएगी

3 वर्ष पहले
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ह्यूमनॉयड रोबोट सोफिया। - Dainik Bhaskar
ह्यूमनॉयड रोबोट सोफिया।
  • सोफिया को इंसानों की तरह यूनाइटेड स्टेट्स ने 2017 में दी है नागरिकता
  • इसका निर्माण हांगकांग की कंपनी हैंनसन रोबोटिक्स ने किया था, 14 फरवरी 2016 को पहली बार हुई थी लांचिंग
  • आज से बीएचयू में शुरू हो रहा तकनीक उत्सव, 16 फरवरी को होगा समापन

वाराणसी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आज दुनिया की पहली ह्यूमनॉयड रोबोट सोफिया छात्रों से रूबरू होंगी। बीएचयू के स्वतंत्रता भवन सभागार में सोफिया टॉक शो में हिस्सा लेंगी। यहां केक काटकर अपना चौथा बर्थडे भी मनाएंगी। आइआइटी निदेशक प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि सोफिया दुनिया की पहली सोशल ह्यूमनाइड रोबोट हैं, जिसे अक्टूबर 2017 में सऊदी अरब ने इंसानों की तरह देश की नागरिकता दी थी। आइआइटी-बीएचयू के छात्रों संग काशीवासी सोफिया से मिलने के लिए बेताब हैं। 

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सोफिया की यह दूसरी भारत यात्रा
यूनाइटेड स्टेट से सोफिया को भारत में कई हिस्सों में अलग-अलग बाक्स में रखकर लाया गया है। ऐसा सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है ताकि दुनियाभर के खुराफाती हैकर उसका वास्तविक लोकेशन ट्रेस न कर पाएं।  दोपहर बाद वह काशी पहुंचेंगी। यह सोफिया की दूसरी भारत यात्रा है। इससे पहले वह अक्टूबर 2019 में इंदौर में आयोजित 51वीं राउंड स्क्वेयर कांफ्रेंस में शामिल हुई थीं।

50 से अधिक चेहरों के हावभाव पढ़ने में सक्षम
सोफिया का निर्माण हांगकांग की कंपनी हैंनसन रोबोटिक्स ने किया है। जिसको डेविड हैनसन टेक्सास शहर में 14 फरवरी 2016 को पहली बार लांच किया था। सोफिया का चेहरा हॉलीवुड अभिनेत्री आड्री से मिलता जुलता है। 50 से ऊपर चेहरे के एक्सप्रेशन को वो पढ़ सकती हैं। सवालों का जवाब भी देती हैं।

20 हजार छात्र आयोजन में लेंगे हिस्सा
आइआइटी बीएचयू में आज से एशिया के सबसे पुराने तकनीकी उत्सव ‘टेक्नेक्स-2020’ के 81वें संस्करण का आगाज होगा। इसमें देशभर के 400 कालेजों के करीब 20 हजार से अधिक प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। प्रो. बीएन राय ने बताया कि एचसीएल के सह संस्थापक अजय चौधरी, खोज इंजन आर्ची के निर्माता एलन एमीट व भौतिकी विज्ञान में 2019 के नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. डिडिएर पैटिक क्वेलोज छात्र-छात्राओं को नवाचर के लिए प्रेरित करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अरिजीत पसायत और जीसीएचक्यू की पूर्व कार्यकारी अधिकारी कैथरीन गन अपने अनुभव साझा करेंगी। समापन 16 फरवरी को होगा।