बीता साल 2020 भले इतिहास के पन्नों में कोरोना के नाम पर दर्ज हो, लेकिन राम भक्तों के जेहन में यह साल राम मंदिर की नींव पड़ने के लिए याद बनकर रहेगा। जब भारतीय संसद भवन का इतिहास पढ़ाया जाएगा तो 2020 को याद करना ही पड़ेगा।
इसी तरह आने वाले साल (2021) को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम, मुंबई में देश की सबसे ऊंची रिहायशी इमारतों काम पूरा होने के लिए याद किया जाएगा। नया साल मुंबई में अरब सागर में बन रहे शिवाजी स्मारक के खुलने का गवाह भी बन सकता है।
2020 में देश के पहले सी-प्लेन ने भी उड़ान भरी। ऐसी उड़ानों के लिए देशभर में 10 वॉटर एयरोड्रम यानी नदी, झील या डैम पर बनने वाले हवाईअड्डे बनाए जाने हैं। 2020 में अंडमान निकोबार में तीन ऐसे जलीय हवाई अड्डों का काम शुरू हो चुका है।
तो आइए जानते हैं ऐसे 10 मेगा प्रोजेक्ट्स के बारे में जो देश की तस्वीर बदलकर रख देंगे...
राम मंदिर में नहीं होगा कोई जोड़, लगेंगी 10 हजार कॉपर प्लेट
अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी जा चुकी है। काम की शुरुआत 1200 पिलर गाड़ने से होनी थी। लेकिन जमीन की जांच के लिए गाड़े गए पिलर धंसने के बाद काम रोक दिया गया। अब आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी चेन्नई, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट रुड़की के वर्तमान और रिटायर्ड वैज्ञानिक और प्रोफेसर, टाटा और लार्सन एंड टूब्रो के सबसे तेज-तर्रार लोगों की टीम नई तकनीक पर काम कर रही है। जनवरी 2021 में मंदिर की नींव खोदी जानी है।
नई संसद के निर्माण पर टिकी रहेंगी नजरें
10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी। सोशल मीडिया पर पहले ही इसके निर्माण पर बहस जारी है। साथ ही देश के 69 पूर्व नौकरशाहों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर इस प्रोजेक्ट को लेकर सवाल खड़े किए थे। सुप्रीम कोर्ट में प्रोजेक्ट को लेकर दायर याचिकाओं पर अभी सुनवाई होनी बाकी है। इस दौरान लगातार पेड़ों की शिफ्टिंग पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद केंद्र ने सुनवाई पूरी न होने तक किसी भी तरह का निर्माण या शिफ्टिंग न करने का आश्वासन दिया है।
शिवाजी स्मारक पर आ सकता है फैसला, आखिरी चरण में है काम
अरब सागर में करीब 15 एकड़ के टापू पर लगभग 696 फीट ऊंचा शिवाजी स्मारक बनकर तैयार होने वाला है। मुंबई के गिरगांव चौपाटी से सटे समुद्र में करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर टापू पर बन रहे स्मारक को देखने के लिए एक समय में 10 हजार लोग तक आ सकते हैं। हालांकि मॉनसून के वक्त अरब सागर से होकर स्मारक तक पहुंचने के तरीके पर विवाद होने के बाद महाराष्ट्र सरकार ने काम रोका हुआ है।
शिवाजी स्मारक के निर्माण में 1900 करोड़ की लागत लगी है। मॉनसून के दौरान टापू की ओर जा रही एक मोटरबोट पलटने से एक शख्स की मौत हो गई। इस पर विवाद के बाद से काम रुक गया है। अब वहां के लिए टनल बनाने पर विचार हो रहा है।
आखिरी स्टेज में पहुंच जाएगा मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का काम
मुंबई को नवी मुंबई से जोड़ने के लिए 22 किलोमीटर लंबा पुल बनाने का काम 2021 में आखिरी चरण में पहुंच जाएगा। पुल का 16.5 किलोमीटर हिस्सा समुद्र में और 5.5 किलोमीटर जमीन पर होगा। इसे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक नाम दिया गया है। इस पुल के लिए कुल 2200 पिलर खड़े किए जा रहे हैं। यह शिवाजी मेमोरियल प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है।
जोर पकड़ लेगा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट
अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम कर रही कंपनी L&T को 25 हजार करोड़ के काम करने का ऑर्डर मिल गया है। 2021 में गुजरात के वापी से वडोदरा के बीच हाईस्पीड रेल कॉरिडोर बनाना शुरू हो जाएगा।
नई दिल्ली-वाराणसी बुलेट ट्रेन पर काम होगा शुरू
2021 में नई दिल्ली से वाराणसी के बीच हाईस्पीड रेल कॉरिडोर का काम शुरू हो जाएगा। सर्वे शुरू हुआ है। जापान के पीएम शिंजो आबे के 2015 के वाराणसी दौरे के ठीक पहले बुलेट ट्रेन पर समझौता हुआ था।
काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा घाट तक सीधा रास्ता
वाराणसी में 2009 से चल रहे काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का काम 2021 में पूरा हो सकता है। इसमें काशी विश्वनाथ मंदिर से ललिता, जलासेन और मणिकर्णिका घाट तक बाबा धाम बसाया जा रहा है। इसमें करीब 50,261 वर्ग मीटर में 24 नई बिल्डिंग बनाने और 63 छोटे-छोटे मंदिरों की मरम्मत का काम चल रहा है।
चार धाम प्रोजेक्ट पर टिकी हैं लाखों यात्रियों की नजर
उत्तराखंड का चार धाम प्रोजेक्ट 2021 में अंतिम चरण में पहुंच सकता है। प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को आपस में जोड़ा जा रहा है। इसके लिए 889 किलोमीटर का हाईवे बन रहा है। नई सड़कें, सुरंगें और नए पुल बनाने के साथ पुरानी सड़कों को चौड़ा करने का काम 2020 में पूरा होना था। लेकिन पर्यावरण नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के बाद काम रुक गया।
2350 करोड़ में बनकर तैयार हो गए हैं भारत के सबसे ऊंचे रिहायशी टावर
2021 की पहली तिमाही में भारत की दो सबसे ऊंची रिहायशी इमारतों में ग्राहकों को पजेशन मिलना शुरू हो जाएगा। मुंबई के लोअर परेल में स्थित वर्ल्ड वन टावर और वर्ल्ड वन व्यू टावर 76-76 फ्लोर के हैं। इनकी ऊंचाई 935 फीट है। मुंबई में ही 78 माले की इमारत द पार्क भी है। लेकिन, इसकी ऊंचाई 879 फीट है। उधर, 2020 में अमेरिका में दुनिया की सबसे ऊंची रिहायशी इमारत तैयार हो गई।
तेजी से बनेंगे वाटर एयरपोर्ट्स, सी-प्लेन के पहले यात्री थे पीएम मोदी
अक्टूबर 2020 में भारत में सी-प्लेन सेवा शुरू हो गई है। इसके पहले यात्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बने। वे गुजरात के अहमदाबाद से केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गए। 200 किलोमीटर की ये यात्रा सी-प्लेन से 45 मिनट में पूरी हो गई। रोड से यही यात्रा 4 से 5 घंटे में पूरी होती है। पहली सफल सी-प्लेन सेवा के बाद अब भारत में वाटर एयरपोर्ट्स बनाने के प्रोजेक्ट में तेजी आ गई है।
भारत में कुल 10 वाटर एयरपोर्ट्स बनाने के प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। सरदार सरोवर डैम और साबरमती रिवर फ्रंट के काम पूरे हो चुके हैं। ओड़िशा के चिल्का लेक, अंडमान निकोबार के लॉन्ग आइलैंड, स्वराज आइलैंड और शहीद आइलैंड पर भी वाटर एयरपोर्ट्स बनाने का काम जारी है। अंडमान निकोबार के तीन वाटर एयरपोर्ट्स बनाने की कुल लागत 50 करोड़ है। इनका निर्माण एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया कर रही है।
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