तुम बहुत सुंदर हो:उसके इस जवाब पर प्रीति को हंसी आ गई, मैं ऐसे किसी इंसान से शादी नहीं कर सकती, जो मुझे समझ न सके

10 महीने पहले
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काश, तुम मर्द समझ पाते कि प्यार में औरत क्या चाहती है? सिर्फ शादी कर लेना भर ही औरत को हासिल करना नहीं होता। उसे पाने की पहली शर्त है, उसका प्रेम हासिल करना और उससे प्रेम पाने के लिए उसके दिल और मन में उतरना पड़ता है, यह आसान नहीं होता। इसके लिए जरूरत होती है- समर्पण, धैर्य और त्याग की। प्रेम एक तरफा नहीं हो सकता।

प्रीति बोले जा रही थी लेकिन उदय के पास कोई जबाव नहीं था। उसने सोचा भी नहीं था कि कोई लड़की उसका प्रणय प्रस्ताव इस तरह ठुकरा देगी। उसे तो प्रीति पसंद थी और वह उससे शादी करना चाहता था। इसमें उसने क्या गलत किया?

15 दिन पहले की बात है। उदय रिश्तेदार की शादी में गया और प्रीती पहली ही नजर में भा गई। वह उसके रूप और सौंदर्य पर लट्‌टू हो गया। उसे पाने की ख्वाहिश मन में बसाए बैठा ली।

यह 'पाना' क्या था? शायद, उदय नहीं समझ सका लेकिन जब उसने महज 15 दिन में ही प्रीति के सामने प्रेम का इजहार करते हुए शादी का प्रस्ताव रखा तो उस एक समझदार लड़की को भांपते देर न लगी कि यह उदय का 'क्षणिक प्रेम' है। इसमें ठहराव नहीं हो सकता, क्योंकि उदय ने उसे ठीक से समझे बिना केवल उसकी सुंदरता देखकर शादी की इच्छा जाहिर की और ऐसे रिश्ते को यदि वह स्वीकार कर लेती है तो क्या यह लंबा चलेगा, इसकी क्या गारंटी है?

यह सवाल उसने शादी का प्रस्ताव लाए उदय से किया, तो उसने नॉर्मल सा जवाब दे दिया- जीवन भर निभाउंगा।

उसके इस जवाब पर प्रीति को हंसी आ गई। बोली- अभी मुझे जानते ही कितना हो?

उदय ने कहा- तुम बहुत सुंदर हो।

प्रीति ने कहा- मैं क्या चाहती हूं, यह जानने की कोशिश की है तुमने? मैं ऐसे किसी इंसान से शादी नहीं कर सकती, जो मुझे समझ न सके।

वैसे, प्रीति का मकसद उदय के प्रस्ताव को ठुकराना नहीं था, बल्कि वह उस लड़के के मन की गहराई को टटोलना चाहती थी। लेकिन यह बात उदय न जान सका और बोल बैठा- चाहें जो हो जाए, तुम्हें पाकर ही रहूंगा। देख लेना।

प्रीति ने भी उसके इस चैलेंज को स्वीकार कर कहा- मैं देखूंगी की मेरी मर्जी के बिना तुम कैसे मुझे पा लेते हो।

कुछ दिन बाद उदय ने अपने मम्मी-पापा के जरिए प्रीति के घर विवाह का प्रस्ताव भिजवा दिया। शायद, प्रीति कर माता-पिता इस रिश्ते को स्वीकार भी कर लेते, क्योंकि उदय इकलौती सन्तान था और उसके पिता काफी पैसे वाले बिजनेसमैन थे, लेकिन प्रीति ने अपने मम्मी-पापा से कह दिया कि जो लड़का जबरन उससे शादी करना चाहता हो, उससे भविष्य में कितने सम्मान की उम्मीद की जा सकती है?

प्रीति के माता-पिता अपनी बेटी की बात समझ गए। उन्हें पूरा भरोसा था कि उनकी समझदार बेटी कोई भी फैसला बेहद सोच-समझकर ही लेगी। मम्मी-पापा ने उदय के घरवालों को खबर भेज दे कि वह अपनी बेटी की मर्जी के खिलाफ नहीं जा सकते।

प्रीति के इस व्यवहार से उदय के अहम को चोट पहुंची। वह बिलबिलाकर रह गया। उसने प्रीति को मैसेज किया तुम्हें मेरे जैसा पैसे वाला लड़का नहीं मिलेगा। प्रीति को गुस्सा आ गया। उदय के मैसेज पर प्रीति का जबाव था इतने पैसे वाले हो तो खरीद लो कोई लड़की...पैसे के बल पर प्रेम खरीद कर दिखाओ।

प्रीति की इन बातों से उदय समझ गया कि प्यार करना और किसी को पाना, दोनों अलग-अलग बातें हैं। वह अच्छी तरह जान चुका था कि प्रेम को पाना आसान नहीं। प्रेम बनावटी नहीं होता। एक तरफा प्रेम नहीं, आकर्षण मात्र होता है। अगर किसी से प्रेम करना है, तो उसके लिए पहले उसके मन में उतरना चाहिए, जिससे प्रेम करना चाह रहे हो, क्या वह इस बात के लिए राजी है। प्रीति की वो चैलेंज भरी बात उदय को अंदर ही अंदर कमजोर बना रही थी, उसे अब ऐसा लगने लगा था कि प्रीति के चक्कर में उसे पढ़ना ही नहीं चाहिए था।

-राजीव शर्मा

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