भारत में डायबिटीज हर साल लगातार बढ़ता जा रहा है। जब किसी में ये समस्या डायग्नोज होती है, तब उसके पास सगे-संबंधी, दोस्त और परिचितों से मिले सुझावों की एक लंबी फेहरिस्त होती है, जिसमें कहा जाता है कि ये खाओ, वो मत खाओ। फलों की बात करें, तो इनसे दूरी बना लेने की सलाह हर किसी से सुनने को मिलती है। लेकिन क्या वाकई डायबिटीज के रोगियों को फलों से दूरी बना लेनी चाहिए? इस बारे में हमने बात की है दिल्ली के जाने-माने डायटीशियन डॉ. हिमांशु राय से।
थोड़ी सावधानी के साथ फलों से दोस्ती जारी रखिए
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक फलों में जरूरी विटामिन्स, मिनरल्स और फाइबर मौजूद होते हैं। ये नुट्रीएंट्स न सिर्फ हमें चार्ज्ड रखते हैं, बल्कि ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हुए टाइप 2 डायबिटीज के खतरे को भी कम करते हैं। वहीं इस बारे में डॉ. राय कहते हैं कि फलों को लेकर जो भ्रम है उससे निकलने की जरूरत है, अगर आप अपनी डाइट पर ध्यान देंगे तो टाइप 1, टाइप 2, प्रीडायबिटीज से बचे रहेंगे और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रख सकेंगे।
क्यों जरूरी है फलों को चबाकर खाना?
डॉ. राय बताते हैं कि फलों को चबाकर ही खाना चाहिए। शुगर पेशेंट न तो फलों का जूस निकालकर, न ही टेट्रा पैक वाले जूस पीएं। ऐसा इसलिए क्योंकि जब फल चबा-चबाकर खाते हैं, तब इसमें मौजूद प्रोटीन्स, विटामिन्स और फाइबर भी शरीर में जाता है, जबकि जूस निकालने से इनकी मात्रा कम हो जाती है। साथ ही फल खाने से शरीर में फ्रूट शुगर धीरे-धीरे घुलता है, जबकि जूस पीने से ब्लड शुगर अचानक बढ़ जाता है।
डायबटिक पेशेंट इन फलों को जरुर खाएं
डायबिटीज के मरीजों को सेब, नाशपाती, अमरुद, अंगूर, संतरा, कीवी और अनार खाना चाहिए। इन फलों में भरपूर फाइबर और ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है। दरअसल ग्लाइसेमिक इंडेक्स के जरिए ये पता चलता है कि किसी भी फूड आइटम को खाने के दो घंटे बाद शरीर में कितना शुगर बढ़ा है। जिस फल में ये इंडेक्स जितना कम होगा, उस फल में शुगर कम और फाइबर ज्यादा होगा।
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