आंखों पर जमी फफूंद ही कोलेस्ट्रॉल है:एक्सरसाइज नहीं करते, तली हुईं चीजें खाने का शौक है इसलिए होती है यह बीमारी

एक वर्ष पहले
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आंखें खूबसूरत होती हैं। पर अगर हम ध्यान न दें तो यह बदरंग भी हो जाती हैं। क्या आपने गौर किया है कि कई लोगों की आंखों के पास हल्के पीले रंग के चपटे लंप्स उभर जाते हैं। आंखों के कोनों, पलकों और नाक तक ये फैल जाता है। दरअसल, ये और कुछ नहीं बल्कि कोलेस्ट्रॉल है। अधिकतर लोगों को ये नहीं पता होता कि ये लंप्स गलत खानपान और लाइफस्टाइल के कारण होते हैं।

रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. विक्रांत रंजन बताते हैं कि ये लंप्स किन कारणों से बनते हैं इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता। हालांकि कई चीजें इसके साथ जुड़ी हैं। जैसे हाइपरलिपिडेमिया, मोटापा, आनुवंशिकता, खानपान, लाइफस्टाइल आदि। यही नहीं, कई ऐसी दवाइयां भी हैं जिनके साइड इफेक्ट से भी ये लंप्स बनते हैं। कुछ शोधों में इसे हाइपरथाइरॉयडिज़्म से भी जोड़कर देखा गया है।

इनमें से एक बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल है। कोलेस्ट्रॉल आंखों के पास जमा हो जाते हैं जो फैटी लंप्स बनाते हैं। ये देखने में भद्दे होते हैं। आमतौर पर इससे कोई नुकसान नहीं होता। न तो ऐसे एरिया में कोई खुजली होती है और न ही कोई अन्य तकलीफ। लेकिन ये कई बार गंभीर बीमारियों के सिग्नल देते हैं। डॉ. विक्रांत का कहना है कि ऐसे लंप्स के कारण आंखों के विजन पर कोई असर नहीं पड़ता। ये जरूर है कि लंप्स अधिक होने पर पलकें झुकने में थोड़ी परेशानी होती है।

आंखों के पास कोलेस्ट्रॉल जब थोड़े-थोड़े बंच में जमता है तो इसे मेडिकल साइंस में जेंथेलज्मा कहा जाता है। पहले यह दोनों आंख के कोने के पास जमना शुरू होता है। धीरे-धीरे ये ऊपर और नीचे के पलकों पर जमने लगता है। इसके फैलने की स्पीड काफी धीमी होती है।

महिलाओं में अधिक होता है फैलाव

पुरुषों की तुलना में महिलाओं में आंखों पर कोलेस्ट्राल अधिक जमा होता है। डाक्टरों का कहना है कि कोलेस्ट्रॉल डिपोजिट तो किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन लंप्स आम तौर पर 40 वर्ष के ऊपर के लोगों में देखने को मिलता है।

लिपिड लेवल रहता है असामान्य

जिनकी आंखों पर लंप्स रहते हैं उनके ब्लड में लिपिड लेवल असामान्य रहता है। इसे डाईस्लीपिडेमिया कहा जाता है। ये उन्हें होता है जिनका एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल अधिक होता है या फिर एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल कम होता है।

कई बार दोनों तरह के कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल और एचडीएल का लेवल अधिक होता है। लिपिड लेवल असामान्य रहने से आर्टरीज की बाहरी दीवारों पर कोलेस्ट्रॉल जमा होने लगता है। इसके कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि के रिस्क बढ़ जाते हैं।

लाइफस्टाइल सुधारें

लंप्स बनने में खानपान और लाइफस्टाइल भी जुड़ा है। डाइट में फैट और कोलेस्ट्रॉल अधिक होना, ओवरवेट, व्यायाम न करना, एल्कोहल लेना, स्मोकिंग आदि ऐसे फैक्टर हैं जिनसे ब्लड का लिपिड लेवल बढ़ता है। नतीजा आंखों पर लंप्स बनते हैं।

सर्जरी से हटाए जा सकते हैं कोलेस्ट्रॉल डिपोजिट

आंखों के पास जमे कोलेस्ट्रॉल को कॉस्मेटिक सर्जरी कर हटाया जा सकता है। डॉ. विक्रांत बताते हैं कि प्लास्टिक सर्जन या डरमेटोलॉजिस्ट सर्जरी करते हैं। हालांकि सर्जरी के बाद दोबारा लंप्स नहीं बनेगा, यह नहीं कहा जा सकता। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमारा डाइट कैसा है, लाइफस्टाइल कैसा है। यदि नियमित व्यायाम किया जाए तो एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसराइड्स को कम किया जा सकता है।

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