दिल्ली की दिल दहलाने वाली घटना आज सुर्खियों में बनी हुई है, जिसमें 4-5 आवारा कुत्तों ने एक बच्ची को नोंचकर मौत के घाट उतार दिया। घरों के आसपास घूमने वाले आवारा कुत्तों से अपने बच्चों को बचाए रखने की पेरेंट्स की चिंता बढ़ गई है। बच्चों का घर के बाहर निकलना या पार्क में खेलना पेरेंट्स को टेंशन दे रहा है। लेकिन सावधानियों के बीच भी अगर किसी को कुत्ता काट ले, तो उसे क्या करना चाहिए, यह जानना बेहद जरूरी है। फिजिशियन डॉ. प्रत्युष मिश्रा बता रहे हैं इस समस्या से जुड़ी सावधानियां।
कितना खतरनाक है कुत्ते का काटना?
आज भी कुत्ते के काटने पर चार से पांच इंजेक्शन लगाए जाते हैं। खासतौर पर जब कुत्ते के काटने से उसके दांत त्वचा के अंदर घुस जाएं और खून निकले, तो शरीर में बैक्टीरिया फैलने का खतरा बढ़ जाता है। डॉ. प्रत्युष बताते हैं कि इस बाइट को दो ग्रेड्स में बांटा गया है। ग्रेड 1 जिसमें थोड़ी बहुत चोट हो और ग्रेड 2 जिसमें व्यक्ति को गंभीर घाव मिले हों। ज्यादा जख्म होने पर रैबीज इम्यूनोग्लोबिन दी जाती है। ये इंजेक्शन जख्म के आसपास लगाया जाता है, ताकि बैक्टीरिया को कंट्रोल किया जा सके। कुत्ते का काटना इसलिए भी खतरनाक है, क्योंकि भविष्य में इसकी वजह से रैबीज जैसी जानलेवा बीमारी होने की आशंका होती है।
किन सावधानियों का ध्यान है जरूरी?
कुत्ते के काटने पर गलती से भी न करें ऐसी बेवकूफी
डॉ. प्रत्युष कहते हैं, दूर-दराज के इलाके में लोग किसी झोला छाप डॉक्टर के पास जाते हैं और घाव पर टांके लगवा आते हैं। ऐसा करना सेहत के लिए खतरनाक साबित होता है। वहीं कुछ लोगों में ये भ्रम है कि मिर्ची पाउडर डालने या शहद और प्याज का रस लगाने से जख्म ठीक हो जाएगा। ऐसी बेवकूफी में पड़ने से बेहतर है कि डॉक्टर से मिलें और उनकी सलाह पर ही दवा करें। अगर कुत्ते को एंटी-रैबीज वैक्सीन लगी है, तो आप राहत की सांस ले सकते हैं, लेकिन डॉक्टर के संपर्क में बने रहें।
रैबीज के इन लक्षणों को भी जानें
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