भूखे हैं तो कम बोलें, बिगड़ सकते हैं रिश्ते:नींद में 40 मिनट की कमी के गंभीर नतीजे, रिसर्च में दावा-सेहत के लिए फायदेमंद बुखार

नई दिल्ली2 दिन पहले
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नमस्कार,

आप अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान बेहतर ढंग से रख सकें, इसके लिए हम ‘वीकली हेल्थ ब्रीफ’ लाए हैं। इसमें आपको मिलेंगे प्रमुख हेल्थ अपडेट्स, महत्वपूर्ण रिसर्च से जुड़े आंकड़े और डॉक्टरों की रेलेवेंट सलाह। इसे मात्र 2 मिनट में पढ़कर आपको सेहत से जुड़ी जरूरी जानकारियां मिलेंगी और आप परिवार का बेहतर ख्याल रख पाएंगी।

दवा के मुकाबले संक्रमण पर ज्यादा कारगर है बुखार

जिस बुखार को हम ‘बीमारी’ समझते हैं, वो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद भी हो सकता है। एक नई रिसर्च में इस बारे में जानकारी सामने आई है। कनाडा की अल्बर्ट यूनिवर्सिटी में मछलियों पर एक स्टडी की गई। इसमें कई तरह के वायरस से संक्रमित मछलियों पर नजर रखी गई।

रिसर्च में पाया गया कि जिन मछलियों का बॉडी टेम्प्रेचर ज्यादा हुआ यानी उन्हें बुखार आया; उनका संक्रमण तेजी से कम हुआ। बुखार के दौरान मछलियों के शरीर में संक्रमण कम होने के अलावा सूजन भी कम हुई। साथ ही इस दौरान डैमेज सेल भी तेजी से ठीक हुए।

इस रिसर्च के आधार पर निष्कर्ष निकाला गया कि प्राकृतिक रूप से आया हल्का बुखार सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। कई बार दवाओं की तुलना में बुखार ही ज्यादा तेजी से संक्रमण को कम करता है। ऐसे में हल्के बुखार में डॉक्टर की सलाह के बगैर दवा खाने से बचने की सलाह दी जाती है।

नींद में 40 मिनट की कमी भी कर सकती है बड़ा नुकसान

17 मार्च को 'वर्ल्ड स्लीप डे' यानी 'नींद दिवस' मनाया गया। इस मौके पर दुनिया भर से नींद को लेकर कई नई रिसर्च सामने आईं। न्यूजीलैंड में हुई ऐसी ही एक रिसर्च में पाया गया कि स्कूली बच्चों की नींद 40 मिनट भी कम होती है तो इससे उनकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर बुरा असर हो सकता है।

100 बच्चों पर हुए इस शोध में उन्हों दो कैटेगरी में बांटा गया। पहली कैटेगरी वाले बच्चों को सामान्य नींद लेने दी गई। जबकि दूसरी कैटेगरी के 50 बच्चे जितनी नींद लेते थे, उससे सिर्फ 39 मिनट पहले उठा दिया गया। सप्ताह भर तक ऐसा करने के बाद उनके सेहत की जांच की गई तो पाया गया कि ये बच्चे तेजी से बीमार हुए हैं। साथ ही स्कूल में उनके सीखने की दर भी कम हुई है।

फास्टिंग में बिगड़ सकता है मूड, इजराइल की रिसर्च में खुलासा

किसी से जरूरी बात कहनी हो या किसी की बात सुननी हो तो ऐसी स्थिति में पेट का भरा होना जरूरी है। ये बात इजराइल में हुई एक रिसर्च में सामने आई है। रिसर्च में पाया गया कि खाली पेट किसी को कुछ कहते या सुनते हुए मूड बिगड़ने का खतरा काफी ज्यादा होता है।

दरअसल, इजराइल में जजों पर ये रिसर्च की गई थी, जिसमें पाया गया कि भूख लगने पर जज ज्यादा सख्त हो जाते हैं; इस दौरान वे दोषियों को ज्यादा सजा भी देते हैं। हालांकि भारत और पाकिस्तान में हुई एक अन्य रिसर्च में पाया गया कि धार्मिक कारणों से भूखे रहने वाले जज ज्यादा दयालु हो जाते हैं।

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महिलाओं के लिए प्लास्टिक की बोतल ज्यादा खतरनाक

जानकार प्लास्टिक की बोतल के इस्तेमाल को लेकर आगाह करते रहे हैं। लेकिन अब एक नई रिसर्च में बताया गया है कि प्लास्टिक की बोतल महिलाओं की सेहत के लिए ज्यादा खतरनाक है। 'ग्लोबल डायबेटिक कम्युनिटी' में पब्लिश इस रिसर्च के मुताबिक प्लास्टिक में पाए जाने वाले केमिकल्स महिलाओं के शरीर में मौजूद हॉर्मोंस के साथ मिलकर टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को बढ़ा देते हैं।

रिसर्चर्स के मुताबिक प्लास्टिक की बोतल पुरुषों के लिए भी नुकसानदेह है। लेकिन उनके शरीर पर इसका असर अलग तरीके से होता है। जबकि महिलाओं में दूसरे नुकसान के अलावा ये डायबिटीज का भी कारण बनते हैं।

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