नमस्कार,
आप अपनी और अपने परिवार की सेहत का ध्यान बेहतर ढंग से रख सकें, इसके लिए हम ‘वीकली हेल्थ ब्रीफ’ लाए हैं। इसमें आपको मिलेंगे प्रमुख हेल्थ अपडेट्स, महत्वपूर्ण रिसर्च से जुड़े आंकड़े और डॉक्टरों की रेलेवेंट सलाह। इसे मात्र 2 मिनट में पढ़कर आपको सेहत से जुड़ी जरूरी जानकारियां मिलेंगी और आप परिवार का बेहतर ख्याल रख पाएंगी।
1. हेल्दी महिलाओं को देख स्वस्थ रहता है पूरा समाज
आपने वो कोटेशन तो सुनी ही होगी कि ‘एक लड़के को पढ़ाने से एक व्यक्ति पढ़ता है, लेकिन एक लड़की को पढ़ाने से पूरा परिवार शिक्षित होता है।’ पढ़ाई के मामले में ऐसा हो न हो; पर सेहत के मामले में ऐसा ही होता है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन और द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ की नई रिसर्च में दावा किया गया है कि महिलाओं का सेहतमंद होना पूरे देश और समाज की सेहत को सुधार सकता है। रिसर्च में पाया गया कि जिन देशों में महिलाओं की सेहत के लिए बेहतर काम हुए, वहां के पुरुषों की सेहत भी अपने आप बेहतर होती चली गई।
इस रिसर्च का यह निष्कर्ष निकाला गया कि सेहतमंद महिलाएं ओवरऑल सोसाइटी की हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं। दूसरी ओर, महिलाओं के बीमार होने से पूरी सोसाइटी की सेहत गिरती चली जाती है।
2. अमेरिकी बच्चों में अस्थमा फैला रहा है गांजा
अमेरिका के जिन राज्यों में गांजा पीना लीगल है; वहां के बच्चों में अस्थमा के मामले बढ़े हैं। यह दावा एक नई स्टडी में किया गया है। कोलंबिया यूनिवर्सिटी मेलमैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और द सिटी यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क की स्टडी में पाया गया कि गांजा 0 से 12 साल तक के बच्चों में अस्थमा का कारण बन रहा।
अमेरिकी में कुल 60 लाख बच्चे अस्थमा से पीड़िता हैं। जानकारों का मानना है कि बच्चे गांजा नहीं पीते; बावजूद इसके दूसरों के गांजे का धुंआ उनके अंदर जाता है। इसे पैसिव स्मोकिंग कहते हैं। यही धुंआ बच्चों में अस्थमा का कारण बन रहा है।
3. बिना महिला के पुरुष पैदा कर सकेंगे बच्चे, जापान में चूहों पर हुआ सफल प्रयोग
आने वाले समय में बच्चे पैदा करने में महिलाओं की भूमिका खत्म हो सकती है। दो पुरुष या कोई पुरुष अकेले ही बच्चे पैदा कर सकता है। जापान में चूहों पर हुए एक प्रयोग में इस संभावना को बल मिला है।
इस प्रयोग के दौरान जापान की चुशू यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दो नर चूहों के शरीर से सेल निकाल कर उससे एग यानी गर्भ का निर्माण किया। जिसके बाद लैब में ही चूहे का बच्चा विकसित होने लगा।
इस प्रयोग में शामिल वैज्ञानिकों को कहना है कि आने वाले 10 साल में यह तकनीक इंसानों पर भी आज़माई जा सकती है। इसके बाद गे कपल के लिए बायलॉजिक पेरेंट्स बनना आसान हो जाएगा। इस तकनीक की मदद से अकेला पुरुष भी बच्चे पैदा कर सकता है।
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4. प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आर्टिफिशियल लाइट खतरनाक, अमेरिकी रिसर्च में दावा
प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए आर्टिफिशियल लाइट खतरनाक हो सकती है। इससे मां की सेहत के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत भी बिगड़ सकती है। ऐसा दावा अमेरिका में हुए एक हालिया रिसर्च में किया गया है।
रिसर्च में पाया गया कि सोने से 3-4 घंटे पहले जो प्रेग्नेंट महिलाएं मोबाइल फोन, लैपटॉप या दूसरे किसी गैजेट की आर्टिफिशियल लाइट के संपर्क में रहती हैं। उनके बच्चे में गर्भकालीन मधुमेह यानी जेस्टेशनल डायबिटीज के साथ पैदा होने के आशंका बढ़ जाती है।
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