World Happiness Day:कितने तरह की होती है स्माइल, आपकी हंसी का टाइप क्या है?

एक वर्ष पहले
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स्माइल वर्चुअल हो या ऑफलाइन दोनों ही शरीर में हैप्पी हार्मोन का बूस्टर डोज होती हैं। चैटिंग के दौरान किसी को हंसता हुआ इमोजी भेजें या किसी की बात पर यूं ही मुस्कुरा दें तो सामने वाले इंसान का दिन बन जाता है। आज इस वर्ल्ड हैप्पीनेस डे पर हम आपको बता रहे हैं कि मुस्कुराना क्यों जरूरी है। कितने तरह की स्माइल होती है और उसमें से आपकी स्माइल किस टाइप में आती है।
क्यों जरूरी है मुस्कुराना?
क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. प्रज्ञा मलिक का कहना है कि सभी लोग जाने या अनजाने सभी तरह की स्माइल्स का प्रयोग करते हैं। स्माइल किसी भी तरह की हो लेकिन चेहरे पर आने के बाद एक वैज्ञानिक मैकेनिज्म हमारे ब्रेन के साथ काम करने लगता है। जैसे ही हम मुस्कुराते हैं तो हमारे चेहरे की मांसपेशियों पर खिंचाव बढ़ता है, इससे हमारे ब्रेन में रिवर्स मेकेनिज्म काम करने लगता है। उस रिवर्स मेकेनिज्म के काम करने की वजह से हमारे हैप्पी हार्मोन रिलीज हो जाते हैं और स्ट्रेस हार्मोन का लेवल कम होता है।

वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाने का कारण ही यह है कि आप भीतर और बाहर दोनों तरह से मुस्कुरा सकें और मुस्कुराने की वजह ढूंढ़ सकें।
वर्ल्ड हैप्पीनेस डे मनाने का कारण ही यह है कि आप भीतर और बाहर दोनों तरह से मुस्कुरा सकें और मुस्कुराने की वजह ढूंढ़ सकें।

डॉ. प्रज्ञा का कहना है कि वे लोग जो खुलकर हंसते हैं उनमें स्ट्रेस लेवल बहुत कम होता है। ऐसे लोगों में किसी भी परिस्थिति को डील करने की क्षमता होती है। ये लोग किसी भी सिचुएशन में कम परेशान होते हैं, उनके निर्णय लेने की क्षमता बेहतर होती है और ये लोग सभी के चहेते होते हैं, क्योंकि मुस्कुराने से इनके रिश्ते बेहतर होते हैं।
कितने तरह की होती है स्माइल?
डॉ. प्रज्ञा के मुताबिक स्माइल कई तरह की होती है और सभी तरह की स्माइल आपकी सेहत के लिए बेहतर होती है।
रिवॉर्ड स्माइल
इस स्माइल में इंसान यह तय करता है कि कब किसको और कितनी देर तक स्माइल देनी है। यह स्माइल रिवॉर्ड की तरह काम करती है। यह स्माइल आपके लिए और फैमिली दोनों के लिए अच्छी होती है। इससे आपके फैमिली के साथ रिश्ते भी अच्छे होते हैं। बच्चों को हम कैंडी देते हैं लेकिन बड़ों को इसकी जगह स्माइल दे सकते हैं। इसी स्माइल से कनेक्शन बेहतर होते हैं और मुस्कुराहट से लोगों के बीच भरोसा बनता है।

विनम्र मुस्कान रिश्तों में निकटता बढ़ाती है और इंसान को भी विनम्र बनाती है।
विनम्र मुस्कान रिश्तों में निकटता बढ़ाती है और इंसान को भी विनम्र बनाती है।

विनम्र मुस्कान
कई बार आपका चेहरा मुस्कुराता है आंखें नहीं बस उसे ही विनम्र मुस्कान कहते हैं। जब आप किसी से पहली बार मिलते हैं और उस वक्त जो स्माइल होती है उसे विनम्र मुस्कान कहा जाता है। जब हम खुलकर हंसते हैं तो किसी के साथ निकटता महसूस होती है लेकिन विनम्र मुस्कान विचारशील दूरी बनाए रखती है।
फेक स्माइल
इस तरह की मुस्कुराहट में चेहरे पर सुस्ती दिखाई देती है। चेहरा देखकर ही पता लगाया जा सकता है कि व्यक्ति दिल से नहीं हंस रहा है। आंखें उदास होती हैं और होठ हल्के दबे हुए होते हैं। कई बार फेक स्माइल तब भी दी जाती है जब इंसान जबरदस्ती हंसता है। उसका हंसने का मन नहीं होता, लेकिन सामने खड़े व्यक्ति का दिल नहीं तोड़ना चाहता, इसलिए मुस्कुरा देता है।

खुलकर हंसने से मन और तन दोनों खुश रहते हैं।
खुलकर हंसने से मन और तन दोनों खुश रहते हैं।

मुंह खोलकर हंसना
बात-बात में जो इंसान खुलकर हंसता है और जोर से हंसता है उसे अंग्रेजी में ओपन माउथ स्माइल कहा जाता है। इस तरह की स्माइल भरोसा और अपनापन दिखाती है। यह हंसी खुशी को दर्शाती है।
डचेन मुस्कान
इसे गोल्डन स्माइल भी कहा जाता है और इस तरह की मुस्कान वास्तविक आनंद की मुस्कान कहा जाता है।यह स्माइल आपको मैत्रीपूर्ण, विश्वसनीय और प्रामाणिक बताती है।
यहां हमने आपको पांच तरह की मुस्कुराहटों के बारे में बताया है। हालांकि, स्माइल्स के कई प्रकार हैं। अब आप तय करें कि आप इनमें से कौन सी मुस्कान बिखरेते हैं।

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