सफेद, काली, लाल और हरी मिर्च कैसे खाएं:वजन कम करे, हाई बीपी में फायदेमंद, ज्यादा खाया तो अल्सर और पेट में भयंकर दर्द

2 महीने पहलेलेखक: भाग्य श्री सिंह
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हरी मिर्च में विटामिन A, B6, C, आयरन, कॉपर, पोटेशियम, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, बीटा कैरोटीन और क्रीप्टोक्सान्थिन जैसे तत्व होते हैं जो सेहत के लिए फायदेमंद है। वेट लॉस करना चाहते हैं तो हरी मिर्च का सेवन करें। इसमें विटामिन A होता है इसलिए इसे खाने से आंखों की रोशनी भी तेज होती है। हरी मिर्च खाने से दिमाग में एंडोर्फिन हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। मिर्च में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स बॉडी की डीप क्लीनिंग करते हैं। फ्री रेडिकल से बचाते हैं। हरी मिर्च में डाइट्री फाइबर होते हैं, यह खाने को जल्दी पचाने में मदद करती है।

पेट की बीमारियां बढ़ा सकती है हरी मिर्च
सुबह शाम खाने में हरी मिर्च खाने से पेट में एसिडिटी बढ़ती है जिसकी वजह से पेट से संबंधित कई बीमारियां हो सकती हैं। फाइबर अधिक होने से यह डायरिया की वजह भी बन सकती है। स्किन पर भी रेडनेस हो सकती है।

काली मिर्च और सफेद मिर्च मसाले की श्रेणी में आते हैं।
काली मिर्च और सफेद मिर्च मसाले की श्रेणी में आते हैं।

एंटी ओबेसिटी गुण वाली लाल मिर्च, संभल कर खाएं
लाल मिर्च में एंटी ओबेसिटी गुण और कैप्साइसिन नामक अल्कालॉयड होता है। इसे खाने में शामिल करने से बॉडी का मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है। वजन कम करना चाहते हैं तो डायटीशियन से सलाह लेकर सीमित मात्रा में लाल मिर्च खाने में शामिल करें। लाल मिर्च में एंटीहाइपरटेन्सिव पाया जाता है, यह हाई बीपी कंट्रोल करने में मदद करता है।

लाल मिर्च की चटनी सेहत के लिए नुकसानदायक होती है।
लाल मिर्च की चटनी सेहत के लिए नुकसानदायक होती है।

गैस्ट्रिक और अल्सर की वजह बन सकता है
लाल मिर्च ज्यादा खाने से पेट में जलन बढ़ सकती है, पेट खराब हो सकता है। एक्जिमा यानी स्किन पर चक्कते भी हो सकते हैं।

काली मिर्च है गुणों की खदान
काली मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे कई रोगों को दूर रखा जा सकता है। साथ ही कई रोगों के इलाज में मदद मिल सकती है। इसमें मुख्य रूप से एंटी-फ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं।

सफेद मिर्च इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर
सफेद मिर्च में ओलेओरिंस, अल्कलॉइड और पेपेरिन पाया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक पेपेरिन में एंटी इंफ्लेमेटरी , एंटीऑक्सीडेंट , एंटीम्यूटाजेनिक (डीएनए को सुरक्षित रखने वाला) प्रभाव होता है।