गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। सर्दी का मौसम लोग खूब पसंद करते हैं। इस मौसम में अलग-अलग तरह के फल, सब्जियों का सेवन सेहत के लिए अच्छा रहता है। सर्दियों में सिंघाड़ा यानी वॉटर चेस्टनट का मजा लेना किसे नहीं पसंद है। पानी में पैदा होने वाली यह सब्जी स्वाद में मीठी होती है। आइए, इसके स्वाद के साथ ही फायदे के बारे में जानते हैं डायटीशियन डॉ. अनु अग्रवाल से।
कैलोरी में कम न्यूट्रिशन में अधिक
सिंघाड़ा की सबसे बड़ी खासियत है कि यह कैलोरी में कम और न्यूट्रिशन में हाई होता है। साथ ही यह फाइबर का अच्छा सोर्स है। इसका सेवन वजन कम करने के लिए भी फायदेमंद है। स्टडी के मुताबिक फाइबर डाइट लेने से ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल रहता है।
100 ग्राम कच्चे सिंघाड़े में न्यूट्रिशन
ब्लड प्रेशर का खतरा कम करे
हाई ब्लड प्रेशर, हाई ब्लड कोलेस्ट्रॉल, स्ट्रोक और हाई ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स जैसे जोखिमों से हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। हार्ट डिजीज को कम करने में पोटेशियम का काफी योगदान होता है। सिंघाड़ा पोटेशियम में काफी हाई होता है। पोटेशियम का सेवन करने से हाई ब्लड प्रेशर वालों को आराम मिलता है। हाई पोटेशियम के सेवन से स्ट्रोक और दिल की बीमारी दोनों के जोखिम कम होते हैं। आधे कटे हुए सिंघाड़े में 362 मिलीग्राम पोटेशियम होता है इसलिए आप इनका सेवन कर सकते हैं।
वजन कम करने में मददगार
सिंघाड़ा में 74% पानी होता है। इसलिए इसे हाई-वॉल्यूम फूड की कैटेगरी में रखा जाता है। हाई वॉल्यूम वाले फूड में न्यूट्रिशन ज्यादा और कैलोरी कम होती है। कैलोरी में कम होने के बावजूद, हाई-वॉल्यूम फूड भूख को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। यदि आप वजन कम करना चाहते हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं, ये भरने का अच्छा ऑप्शन है।
स्ट्रेस कम करता है
भारत में मेंटल हेल्थ के रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है जैसे, स्ट्रेस, एंग्जायटी, डिप्रेशन, पर्सनैलिटी डिसऑर्डर, यह एंटीऑक्सीडेंट में हाई होने के कारण शरीर को संभावित हानिकारक अणुओं के खिलाफ फ्री-रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है। यदि फ्री-रेडिकल्स शरीर में जमा हो जाते हैं, तो वे शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा को कम कर सकते हैं और ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ावा देते हैं।
कैंसर से बचाव करता है
वॉटर चेस्टनट में एंटीऑक्सीडेंट फेरुलिक एसिड अधिक होते हैं। स्टडी के मुताबिक ये एसिड कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं। एक टेस्ट-ट्यूब अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि फेरुलिक एसिड के साथ स्तन कैंसर की सेल्स का इलाज करने से उनकी वृद्धि को कम करने में मदद मिली।
सिंघाड़ा खाने का तरीका
सिंघाड़े का सेवन आसान है। कच्चे फल के अलावा इसका आटा किराना स्टोर में डिब्बाबंद भी मिलता है। इसे आप ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। सबसे सही फ्रेश सिंघाड़ा खरीदना और इसका सेवन करना है। इसे आप सब्जी बनाकर भी खा सकते हैं। लोग स्नैक्स के रूप इसके आटे के बने पराठे या हलवा भी खाना पसंद करते हैं। इसका सबसे हेल्दी रूप कच्चा सिंघाड़ा खाना ही होता है।
सिंघाड़े के बारे में यह भी जानें
सिंघाड़ा यानी वॉटर चेस्टनट जलीय पौधा है। यह दलदले इलाके, तालाबों, धान के खेत और उथली झीलों में उगता है। इसकी उत्पत्ति दक्षिण पूर्व एशिया, दक्षिण चीन, ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और भारतीय और प्रशांत महासागरों से मानी जाती है।
गहरा भूरा या गहरे हरे रंग में आने वाले सिंघाड़े को काफी लोग पानी में उबालकर भी खाते हैं। उबालने पर यह काले रंग का हो जाता है। कच्चे सिंघाड़े का इस्तेमाल सब्जी बनाने में किया जाता है। वहीं उबले हुए सिंघाड़े को सलाद या फिर ऐसे ही खाने के उपयोग में लाया जाता है। भारतीय, चीनी, यूरोपीय एवं एशियाई व्यंजनों में सिंघाड़े का प्रयोग होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन, मिनरल आदि से भरपूर होने के कारण शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाता है।
डिस्क्लेमर: आप समझ गए होंगे कि सिंघाड़ा यानी वॉटर चेस्टनट खाने के कितने फायदे हैं। जिन्हें इसे खाने से एलर्जी होती है, वे डॉक्टर से संपर्क करें।
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