जीरा और हल्दी में छिपा फैटी लिवर का समाधान:थकान, पेट में दाईं तरफ दर्द लिवर में गड़बड़ी का संकेत, जंक फूड से बचें

16 दिन पहलेलेखक: भाग्य श्री सिंह
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लिवर बॉडी का महत्वपूर्ण ऑर्गन है। लिवर 500 से भी ज्यादा बॉडी फंक्शन में मदद करता है, इसलिए इसका फिट और हेल्दी रहना जरूरी है। बिजी जीवनशैली और अनहेल्दी फूड से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं उन्हीं में से एक है फैटी लिवर।

अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है। फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है, जब लिवर की कोशिकाओं में गैरजरूरी फैट की मात्रा बढ़ जाती है और इससे लिवर को नुकसान पहुंचने का खतरा रहता है। डॉक्टर वाई पी सिंह बता रहे हैं फैटी लिवर के लक्षण और इसे कैसे ठीक किया जा सकता है।

दो प्रकार का होता है फैटी लिवर
फैटी लिवर दो तरह का होता है। पहला नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर और दूसरा अल्कोहॉलिक फैटी लिवर। जो लोग शराब नहीं पीते हैं या कम मात्रा में पीते हैं, उन्हें नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या हो सकती है।

वहीं, अल्कोहॉलिक फैटी लिवर की बीमारी उन लोगों को हो सकती है, जो बहुत शराब पीते हैं। फैटी लिवर से ग्रसित होने के बाद भी व्यक्ति शराब पीता है, तो यह अल्कोहल हेपेटाइटिस, लिवर फेल्योर, सिरोसिस और यहां तक कि लिवर कैंसर का कारण भी बन सकता है।

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पेट में ऊपर दाई तरफ दर्द फैटी लिवर का लक्षण

पेट में ऊपर की ओर दाईं तरफ दर्द, थकान और लिवर बढ़ने की परेशानी हो, तो यह फैटी लिवर का लक्षण हो सकता है, ध्यान दें | यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो प्रत्येक दिन खाने वाली कैलोरी की संख्या कम करें। यदि आपका आइडियल वेट है, तो हेल्दी फूड लें और एक्सरसाइज करके इसे बनाए रखने की कोशिश करें। सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करें। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें। किसी प्रकार का नशा ना करें।

संकेत से समझें फैटी लिवर की प्रॉब्लम

फैटी लिवर में बॉडी में स्पष्ट तौर पर कोई लक्षण नहीं दिखता। फिर भी यदि पेट में ऊपर की ओर दाईं तरफ दर्द, थकान और लिवर बढ़ने की परेशानी हो, तो यह फैटी लिवर का लक्षण हो सकता है। नॉन अल्कोहॉलिक स्टीटोहेपेटाइटिस और सिरोसिस होने के संभावित लक्षणों में हथेलियों का लाल होना, पेट में सूजन, त्वचा की सतह के नीचे बढ़ी हुए रक्त वाहिकाएं और त्वचा व आंखों का पीला होना (पीलिया बीमारी) आदि दिख सकता है।

फैटी लिवर के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जो इस तरह हैं-
अल्कोहल लेने से फैटी लिवर की प्रॉब्लम हो सकती है। अगर आप रेगुलर ड्रिंक करते हैं, तो फैटी लिवर है या नहीं यह जानने के लिए चेकअप कराते रहें।

मोटापा- मोटापा भी फैटी लिवर का एक प्रमुख कारण हो सकता है। शरीर में अत्यधिक वसा न केवल फैटी लिवर बल्कि उच्च रक्तचाप या अन्य सेहत समस्याओं के लिए जिम्मेदार है।

स्पेशल मेडिकेशन- कुछ दवाएं भी फैटी लिवर की समस्या को पैदा कर सकती हैं और उसे बढ़ा भी सकती है। शोध में यह सामने आया है कि एस्पिरिन जैसी दवाइयां इसका कारण बन सकती हैं।

अनहेल्दी फूड हैबिट्स- अधिक तेल-मसाले युक्त भोजन, फास्ट फूड अधिक खाना फैटी लिवर की समस्या का कारण हो सकता है।

जेनेटिक्स- फैटी लिवर के लिए कभी-कभी अनुवांशिकता भी जिम्मेदार हो सकती है। अगर आपके घर में किसी को, खास तौर से माता या पिता को पहले ये यह समस्या है, तो आपके लिए संभावना बढ़ जाती है।

फैटी लिवर के लिए घरेलू उपचार

लिवर की सूजन कम करने के लिए रोज ग्रीन टी पिएं। इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट्स इस समस्या को दूर करने में मदद करते हैं। फैटी लिवर की समस्या से ग्रस्त लोगों को दिन में कम से कम दो बार ग्रीन टी पीना चाहिए। लिवर की सूजन कम करने के लिए सुबह खाली पेट जीरा खाएं।

डाइट में शामिल करें हल्दी
हल्दी एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। इससे लिवर का स्वास्थ्य सुधरता है। एशियाई देशों में इस मसाले का इस्तेमाल खाना बनाने में ज़्यादा होता है और अब पश्चिमी देशों के लोग भी लिवर को सुरक्षित करने के लिए हल्दी का प्रयोग करने लगे हैं। कुछ स्टडी के अनुसार, हल्दी का एंटीवायरल एक्शन हेपेटाइटिस बी और सी के वायरस को बढ़ने से रोकता है। हल्दी को इस्तेमाल करने का सबसे आसान और अच्छा उपाय है कि इसे खाना बनाते वक्त मसालों के साथ मिलाकर खाएं या दूध में चुटकीभर हल्दी मिलाकर रोज पिएं। इससे आप लिवर संबंधी रोगों से बचे रहेंगे।

त्रिफला चूर्ण लिवर फैट करेगा दूर
आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण के कई फायदे बताए गए हैं। आंवला, बिभीतकी और हरीतकी को पीस कर त्रिफला चूर्ण तैयार किया जाता है। कब्ज की समस्या में गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन फायदेमंद है। लिवर प्रॉब्लम्स में भी त्रिफला का सेवन फायदेमंद है क्योंकि इसके सेवन से डाइजेस्टिव एंजाइम एक्टिव होते हैं और लिवर से टॉक्सिन्स रिलीज होते हैं।

अल्कोहॉलिक फैटी लिवर में मुलेठी गुणकारी
ज्यादा शराब पीने से अल्कोहॉलिक फैटी लिवर प्रॉब्लम होती है। मुलेठी के सेवन से अल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या से राहत मिलती है। मुलेठी में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण फैटी लिवर की समस्या दूर कर सकते हैं। इसमें मौजूद हेपटोप्रोटेक्टिव एलिमेंट लिवर को सुरक्षित रखता है। आधा छोटा चम्मच मुलेठी के बीज का चूर्ण बनाकर इसे गर्म पानी में डालकर 10 मिनट छोड़ें और फिर पी जाएं।

जंक फूड से करें परहेज
फैटी लिवर की समस्या से बचने के लिए जंक फूड का सेवन न करें। साथ ही खाना खाते वक्त अपना आधा पेट सलाद और सब्जियों से ही भरें। खाने से 30 मिनट पहले आधा घंटा पहले पानी पिएं।

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