आयुर्वेद में हेल्दी बॉडी के लिए कई कॉम्बिनेशन और चीजें बताई गई हैं, जिनका सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। डॉक्टर अमित सेन बता रहे हैं ऐसी ही चटनी के बारे में जो खून की कमी दूर कर, शुगर, मोटापा, गैस, बदहज़मी, खून की कमी और लिवर के रोगों को भी दूर रखेगी।
करी पत्ता, पुदीना, हरा धनिया, जीरा, नींबू और सेंधा नमक की चटनी बेहद फायदेमंद है। डॉक्टर की सलाह लेकर इसे डेली डाइट में शामिल करें और रहें फिट एंड हेल्दी।
चटनी बनाने की विधि-
करी पत्ता, पुदीना, हरा धनिया बराबर मात्रा में लें। इसमें 1 टी-स्पून जीरा और आधा नींबू का रस, सेंधा नमक मिलाएं। इसमें आधा कप पानी भी डालकर मिक्सी में बारीक पीस लें।
करी पत्ते के फायदे
करी पत्ते को डेली डाइट में शामिल करने से आंखों की रौशनी बढ़ती है, आयरन की कमी दूर होती है, लिवर मजबूत होता है और डाइजेशन अच्छा होता है। यह शरीर में सूजन और दर्द को दूर करने में सहायक है। डाइक्लोरोमेथेन, एथिल एसीटेट और महानिम्बाइन से भरपूर करी पत्ता खाने से वजन भी कंट्रोल में रहता है।
करी पत्ता में एंटीऑक्सीडेटिव प्रभाव मौजूद होता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकता है। वहीं, इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) की मात्रा को बढ़ाने में जिम्मेदार हो सकते हैं।
करी पत्ते के सेवन के फायदे मॉर्निंग सिकनेस से राहत पाने में देखे जा सकते हैं। गर्भावस्था के आम लक्षणों में उल्टी या मतली भी शामिल है, जिसे आमतौर पर मॉर्निंग सिकनेस कहा जाता है । शोध की मानें तो गर्भावस्था में करी पत्ता का उपयोग उल्टी और मतली को ठीक करने में मददगार हो सकता है।
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बलगम निकाले, कोल्ड-कफ दूर करे पुदीना
पुदीना पाचन में मददगार है। यह पेट की मांसपेशियों को आराम पहुंचाने के साथ-साथ पाचन में सहायक बाइल्स (पाचक रस) के प्रवाह में सुधार का काम कर सकता है। कोल्ड और फ्लू की समस्या को दूर करने के लिए पुदीना का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। रिसर्च जनरल ऑफ मेडिसिनल प्लांट के अनुसार, पुदीना में पाया जाने वाला मेन्थॉल, बलगम को बाहर निकालने में मददगार हो सकता है। यह जमे हुए कफ को बाहर निकालने में मदद कर सकता है। एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण से भरपूर पुदीना स्किन प्रॉब्लम्स में भी हेल्पफुल है।
हरे धनिये के फायदे
धनिया की पत्तियों में विटामिन-C होता है। यह शरीर में आयरन का अवशोषण बढ़ा कर एनीमिया की रोकथाम में मदद कर सकता है। धनिया में आयरन भी होता है, जो सीधे तौर पर शरीर में खून की पूर्ति करने में मदद कर सकता है और एनीमिया की समस्या दूर कर सकता है। धनिया पत्ते के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। इसके ये गुण हानिकारक यूवी किरणों त्वचा की सुरक्षा करने व घाव भरने में मदद कर सकते हैं। साथ ही मॉइस्चराइजर के रूप में भी त्वचा पर धनिया के पत्तों का इस्तेमाल किया जा सकता है। धनिया के पत्तों का इस्तेमाल बवासीर (Piles) के इलाज में भी किया जाता है। धनिया के पत्ते का सेवन करने से पीरियड्स में होने वाले पेट दर्द से राहत मिलती है।
ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और वेट-लॉस में नींबू कारगर
नींबू में मौजूद पॉलीफेनॉल्स बढ़ते मोटापे को नियंत्रित कर सकते हैं। डिटॉक्स ड्रिंक के रूप में नींबू शरीर से फैट को कम करने में मदद कर सकता है । नींबू के रस का सेवन अगर गुनगुने पानी के साथ किया जाए, तो यह पाचन को बढ़ावा देता है और चयापचय दर (मेटाबोलिज्म रेट) में सुधार कर वजन कम करने में सहायक हो सकता है। नींबू में मौजूद विटामिन-सी ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने का काम काम कर सकता है। दमा, खांसी, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया या अन्य फेफड़ों से संबंधित बीमारियों में भी नींबू फायदेमंद है।
बदहजमी, कब्ज, सीने में जलन, खट्टी डकार दूर करे सेंधा नमक
सेंधा नमक में इलेक्ट्रोलाइट्स पर्याप्त मात्रा में होते हैं। अगर किसी को मांसपेशियों में दिक्कत है, तो वह एक टब पानी में सेंधा नमक मिलाकर उसमें कुछ देर बैठ सकता है। इसके अलावा, गुनगुने पानी में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाकर पीने से भी फायदा हो सकता है । बदहजमी, कब्ज, सीने में जलन, खट्टी डकार व गैस से राहत पाने के लिए भी सेंधा नमक फायदेमंद है। आयुर्वेद में सिरदर्द और माइग्रेन की समस्या दूर करने के लिए हिमालयन सॉल्ट यानी कि सेंधा नमक को गुणकारी बताया गया है। स्ट्रेस रिलीज करने के लिए लोग सॉल्ट थेरेपी लेते हैं। इसमें सेंधा नमक के पानी से नहाया जाता है जिससे तनाव दूर होता है।
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