World Oral Health Day:जीभ में दरारें और मुंह के छाले बताते हैं कि आपके शरीर में कोई और गड़बड़ चल रही है

एक वर्ष पहले
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आपने अक्सर देखा होगा कि शरीर में खून की कमी होने पर डॉक्टर सबसे पहले जीभ जांचता है, जीभ के रंग से मालूम होता है कि आप एनेमिक तो नहीं हैं। इसी तरह एचआईवी के भी लक्षण सबसे पहले मुंह से मालूम होते हैं। मुंह से आपकी सेहत के बारे में मालूम होता है। मुंबई के गवर्नमेंट डेंटल अस्पताल में डेंटिस्ट जयसिंह देशमुख का कहना है कि शरीर में किसी तरह की बीमारी का पता सबसे पहले मुंह से ही होता है। डॉ. देशमुख से जानते हैं कि मुंह से शरीर की किन बीमारियों के बारे में मालूम होता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में 3.5 बिलियन लोगों को ओरल डिजीज प्रभावित करती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में 3.5 बिलियन लोगों को ओरल डिजीज प्रभावित करती है।

जीभ का रंग और एनीमिया
डॉक्टर के पास जाने पर वह अक्सर जीभ की जांच करते हैं, जीभ के रंग से पता चलता है कि कहीं आप एनीमिक तो नहीं हैं यानी शरीर में खून की कमी तो नहीं है। सामान्य तौर पर जीभ का रंग गुलाबी होता है, लेकिन शरीर में खून की मात्रा कम होने पर जीभ पीली और चिकनी हो जाती है। जीभ पर अगर भोजन की परत जमी हुई और उसे साफ करने के बाद भी जीभ का रंग गुलाबी नहीं है तो इसका मतलब किसी अन्य तरह का इन्फेक्शन भी हो सकता है। मुंह में बार-बार छाले और मुंह का सूखना भी आयरन की कमी को बताता है।

शरीर में किसी भी समस्या का पता सबसे पहले मुंह से लगता है। बहुत से लक्षण सबसे पहले मुंह में दिखते हैं।
शरीर में किसी भी समस्या का पता सबसे पहले मुंह से लगता है। बहुत से लक्षण सबसे पहले मुंह में दिखते हैं।

सबसे पहले मुंह में दिखते हैं एचआईवी के लक्षण
डॉ. देशमुख का कहना है कि एचआईवी के लक्षण सबसे पहले डेंटिस्ट को ही मालूम पड़ते हैं। एचआईवी का इंफेक्शन सबसे पहले दांतों और मुंह में ही दिखता है। मुंह में अगर बार-बार बड़े छाले हो रहे हैं तो इसका मतलब है कि इंसान की इम्युनिटी कम हो चुकी है और उसे इम्युनोडेफिशियंसी सिंड्रोम हो गया है। सिर्फ छाले एचआईवी का लक्षण नहीं बताते बल्कि मुंह में फंगल इंफेक्शन, मसूड़ों में इंफेक्शन और जीभ में काले रंग के निशान दिखाई देने पर भी एचआईवी के बारे में मालूम होता है।

डॉ. मंजीता ने बताया कि अनियंत्रित मधुमेह होने पर पेशेंट को ओरल दवाएं दी जाती हैं, जिस वजह से मुंह में बैक्टीरिया ग्रोथ करता है और जीभ में दरारें पड़ जाती हैं। इस कारण जीभ फटने का एक कारण अनियंत्रित डायबिटीज भी है।
डॉ. मंजीता ने बताया कि अनियंत्रित मधुमेह होने पर पेशेंट को ओरल दवाएं दी जाती हैं, जिस वजह से मुंह में बैक्टीरिया ग्रोथ करता है और जीभ में दरारें पड़ जाती हैं। इस कारण जीभ फटने का एक कारण अनियंत्रित डायबिटीज भी है।

जीभ में दरारें और किडनी रोग
कोलंबिया एशिया अस्पताल में जनरल फिजियन डॉ. मंजीता नाथ दास का कहना है कि जीभ के फटने या दरारें पड़ने को फिशर्ड टंग कहा जाता है। यह परेशानी शरीर में विटामिन की कमी या इन्फेक्शन की वजह से हो सकती है।
डॉ. मंजीता के मुताबिक जिन लोगों को बचपन से फिशर्ड टंग की परेशानी है और जीभ में कोई दर्द नहीं है। तो उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि उन्हें अभी तक जीभ की उपरी सतह फटने से कोई परेशानी नहीं हुई है। लेकिन ऐसे लोग जो किडनी रोग, अनियंत्रित डायबिटीज, कीमोथेरेपी आदि के पेशेंट हैं, उनमें जीभ फटने की समस्या हो सकती है।
डॉ. मंजीता के मुताबिक, जो लोग ज्यादा हाइजीन का ध्यान देते हैं, टंग क्लीनर से रगड़कर देर तक जीभ साफ करते हैं। माउथ वॉश का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। जिससे जीभ पर माइक्रो इंजरीज होने लगती हैं। ये माइक्रो इंजरीज गहरा जाती हैं, जीभ पर गहरी दरारें पड़ जाती हैं।
मुंह के छाले और शरीर में पानी की कमी
डॉ. देशमुख का कहना है कि मुंह में छाले कई वजहों से हो सकते हैं। कई बार स्ट्रेस, नींद की कमी और सही मात्रा में पानी न पीने से मुंह में छाले होते हैं। शरीर में पानी की कमी कई अन्य बीमारियों को बुलावा देती है।

मसूड़ों में सूजन होने पर मसूड़ों से खून भी निकलता है। कई बार यह समस्या लोगों के बीच उपहास का कारण भी बनाती है।
मसूड़ों में सूजन होने पर मसूड़ों से खून भी निकलता है। कई बार यह समस्या लोगों के बीच उपहास का कारण भी बनाती है।

मसूड़ों की सूजन और इंफेक्शन का खतरा
डॉ. देशमुख के मुताबिक मुंह में किसी तरह के इंफेक्शन की जानकारी मसूड़ों की सूजन भी देती है। वे लोग जो बहुत ज्यादा स्मोकिंग करते हैं उनके मसूड़ों में खून की सप्लाई नहीं होती है औऱ इन लोगों को अगर कोई इंफेक्शन होता भी है तो बहुत खराब स्टेज तक जाने तक पता ही नहीं चलता। उनके मसूड़े हेल्दी नहीं होते।
मुंह से बदबू
दांतों में खाने के फंसे रह जाने से भी मुंह से बदबू आती है। ठीक से ब्रश करना और मुंह की सफाई रखना ही इस परेशानी से निजात दिला सकता है।