लिवर में एक्स्ट्रा फैट जमा हो जाने से फैटी लिवर की प्रॉब्लम होती है। फास्ट फूड खाने से फैट बढ़ता है जिससे लिवर में सूजन आ जाती है। ज्यादा मात्रा में अल्कोहल पीने से भी फैटी लिवर की समस्या बढ़ती है। ठीक समय पर फैटी लिवर का इलाज न शुरू करने पर लिवर फायब्रोसिस बन जाता है और हालत नाजुक हो सकती है। डॉक्टर श्लेष सिंह बता रहे हैं कि फैटी लिवर में किन चीजों का सेवन फायदेमंद है।
ग्रीन टी है फायदेमंद
ग्रीन टी पीने से फैटी लिवर का प्रॉब्लम कम होगा। National Center for Biotechnology Information में छपी रिसर्च में लिखा है कि नॉन -अल्कोहॉलिक फैटी एसिड की समस्या को कम करने के लिए ग्रीन टी का सेवन लाभदायक है। पॉलीफेनोलिक कैटेचिन से भरपूर ग्रीन टी में हाइपोलिपिडेमिक, थर्मोजेनिक, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी इफेक्ट होते हैं। इसमें हेपटोप्रोटेक्टिव यानी लिवर को सुरक्षित रखने का भी गुण भी होता है। दिन में एक या दो बार से ज्यादा ग्रीन टी न पिएं।
फैटी लिवर है तो पिएं हल्दी वाला दूध
लिवर से संबंधित बीमारियों की रोकथाम में हल्दी का सेवन फायदेमंद है। गोल्डन मिल्क यानी कि हल्दी वाला दूध पीने से भी इसमें आराम मिलता है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर की समस्या को कुछ हद तक कम कर सकता है। फैटी लीवर के लिए दवा के साथ, डॉक्टरी सलाह पर यह घरेलू नुस्खा आजमाया जा सकता है।
त्रिफला चूर्ण लिवर फैट करेगा दूर
आयुर्वेद में त्रिफला चूर्ण के कई फायदे बताए गए हैं। आंवला, बिभीतकी और हरीतकी को पीस कर त्रिफला चूर्ण तैयार किया जाता है। कब्ज की समस्या में गुनगुने पानी के साथ त्रिफला चूर्ण का सेवन फायदेमंद है। लिवर प्रॉब्लम्स में भी त्रिफला का सेवन फायदेमंद है क्योंकि इसके सेवन से डाइजेस्टिव एंजाइम एक्टिव होते हैं और लिवर से टॉक्सिन्स रिलीज होते हैं।
अल्कोहोलिक फैटी लीवर में मुलेठी गुणकारी
ज्यादा शराब पीने से अल्कोहोलिक फैटी लीवर प्रॉब्लम होती है। मुलेठी के सेवन से अल्कोहोलिक फैटी लिवर की समस्या से राहत मिलती है। मुलेठी में पाए जाने वाले एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण फैटी लिवर की समस्या दूर कर सकते हैं। इसमें मौजूद हेपटोप्रोटेक्टिव एलिमेंट लिवर को सुरक्षित रखता है। आधा छोटा चम्मच मुलेठी के बीज का चूर्ण बनाकर इसे गर्म पानी में डालकर 10 मिनट छोड़ें और फिर पी जाएं।
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