नहाते समय सबसे पहले पानी कहां डालें:बाथरूम में ही क्यों होते हैं अधिकतर ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

नई दिल्लीएक वर्ष पहले
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आपने किसी नदी या झील में कभी नहाया है। क्या इस बात पर कभी गौर किया है कि पानी में उतरने से पहले पैरों को इसमें डालते हैं। महसूस करते हैं कि पानी कितना ठंडा है। यानी पानी के टेंपरेचर को चेक करते हैं। फिर धीरे-धीरे पानी में जाना सहज हो जाता है। जब गर्दन तक पानी पहुंच जाता है तब बॉडी का टेंपरेचर पानी के साथ एडजस्ट हो जाता है। फिर हम पानी में डुबकी लगाते हैं। इस तरह नहाने की प्रक्रिया सबसे पहले पैरों से शुरू होकर सिर तक जाती है।

क्लिनिकल रिसर्च इंटिग्रेटेड एलौपैथी एंड आयुर्वेद, रांची के चिकित्सक डॉ. सुरेश अग्रवाल कहते हैं नहाते समय पानी को सीधे सिर पर डालना सही नहीं होता। भारत में सदियों से परंपरा रही है पहले पांव, फिर कमर, गर्दन और सबसे अंत में सिर पर पानी डालना। इसे हर कोई आजमा सकता है। साइंटिफिक रूप से देखें तो सीधे सिर पर ठंडा पानी डालने से ब्लड सर्कुलेशन डिस्टर्ब होता है। कैपलेरी वेन्स पहले सिकुड़ती हैं। फिर ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ जाता है।

दरअसल, ऐसी कंडीशन में पैरों से होते हुए पूरे शरीर का ब्लड सिर की ओर जाता है। इसलिए ब्लड सप्लाई कम होने से स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।

डॉ. अग्रवाल कहते हैं यह गौर करने वाली बात है कि अधिकतर ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक बाथरूम में भी होते हैं।

पहले से बीमारी है तो रिस्क अधिक

वैसे आमतौर पर नहाने के इस तरीके का पालन करना चाहिए। लेकिन जिन्हें पहले से दिल से जुड़ीं बीमारियां हैं वो इसकी चपेट में अधिक आते हैं। अभी तक यह देखा गया है कि ऐसे मामलों में पीड़ित को पहले से इनके लक्षण होते हैं।

बार-बार नहाना क्यों नहीं है ठीक

गर्मी में पसीना आना नेचुरल है। कई लोगों को बहुत पसीना आता है। ऐसे में बाहर के वातावरण से आकर नहा लेना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता। डॉक्टरों का कहना है कि दिन में कई बार नहाने से स्किन से ऑयल निकल जाता है। साथ ही हेल्दी बैक्टीरिया भी बाहर हो जाते हैं जो कि इंफेक्शन से बचाता है। इससे स्किन ड्राई हो जाती है और इसके दरारों में बाहर के बैक्टीरिया प्रवेश कर जाते हैं।