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आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल:खून की कमी कभी नहीं होगी अगर चबाएंगी काले तिल, गोमूत्र के अर्क से होगा एनीमिया दूर
नई दिल्ली7 महीने पहलेलेखक: निशा सिन्हा
- 'नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे 5’ की रिपोर्ट के अनुसार 15 से 49 उम्र में एनीमिया से ग्रस्त महिलाओं का प्रतिशत पहले से बढ़ा है।
- NFHS 4 की रिपोर्ट में इस उम्र की 53.1 % महिलाएं ही एनीमिया की शिकार थीं। NFHS 5 की रिपोर्ट में यह आंकड़ा बढ़कर 57% हो गया है।
- पिछली रिपोर्ट में टीनएज की 54.1% लड़कियों में खून की कमी थी, जिनकी आबादी बढ़कर 59.1% पाई गई है।
किशोरियों और महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर के गिरने से सेहत पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव से कैसा बचा जाए इस पर हमारे वीकली कॉलम आयुर्वेदिक लाइफस्टाइल में आयुर्वेदाचार्य डॉ. रवि कोठारी कुछ टिप्स दे रहे हैं। जानें, घर में मौजूद चीजों की मदद से खून की कमी को कैसे सुधारा जा सकता है।
कैसे पहचानें कि आपको एनीमिया है
अकसर महिलाओं को ब्लड टेस्ट कराने के दौरान एनीमिया का पता चलता है लेकिन इस समस्या के कुछ खास लक्षण है। लक्षणों से भी पहचानकर उसका इलाज शुरू कर देना चाहिए। एनीमिया होने पर महिलाएं थकान ज्यादा महसूस करती हैं।
एनीमिया होने पर हमेशा सिरदर्द बना रहता है।
इसके अलावा दिन भर आलस भी बना रहता है, किसी भी काम को करने की इच्छा नहीं होती, दिनभर नींद आती रहती है, हाथ-पैर में झनझनाहट महसूस होती है। ऐसे में पेट में कीड़े भी हो सकते हैं।
सीढ़ियां चढ़ने पर सांस फूलना भी इसके लक्षणों में शामिल है।
इस रोग की शिकार महिलाओं का शरीर फूला हुआ नजर आता है। इनको महसूस होता है कि इनका शरीर टूट रहा है और मालिश से ही राहत मिलेगी। सही मात्रा में पानी पीने के बावजूद भी यूरीन का रंग पीला होता है। ऐसे लक्षणों के लगातार बने रहने पर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। एनीमिया होने पर तुरंत इलाज शुरू कर देना चाहिए।
हीमोग्लोबिन का लेवल कितना हो
आर्युवेद में एनीमिया को पांडु रोग के नाम से जाना जाता है। महाभारत में पांडवों के पिता को इस रोग के होने का जिक्र मिलता है। इस रोग में शरीर पांडु यानी सफेद वर्ण का हाे जाता है इसलिए इसे पांडु रोग कहते हैं। टीनएज लड़कियों और महिलाओं में हीमोग्लोबिन का स्तर 12 से 16 और पुरुषों में 13 से 17 सही माना जाता है।
ब्यूटी के लिए चंद्रग्रहण जैसा है एनीमिया
- महिलाओं के शरीर में सही मात्रा में रक्त होने पर उनके चेहरे की रंगत गुलाबी होती है लेकिन खून की कमी होने पर महिलाओं का रंग पीला पड़ने पड़ता है। उनके चेहरे की रौनक चली जाती है।
- महिलाओं में एनीमिया होने का एक बड़ा लक्षण यह भी है कि बालों में हाथ डालते ही बाल टूटकर हाथ में आ जाते हैं। यह शरीर में आयरन और जिंक की कमी का इशारा करता है।
बालों का टूटकर गुच्छों में हाथों में आना भी खून की कमी का लक्षण होता है।
टेफ्लॉन के तवे को किचन से निकालें, लोहे के तवे पर बनाएं चपाती
- लोहे के तवे पर रोटियां बना कर खाएं, इस चपाती में लौह-तत्व समा जाते हैं। टेफ्लॉन के तवे को पूरी तरह से लाइफस्टाइल से बाहर करें। यह शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
- सब्जियां, छोले, राजमा, उड़द दाल सबको बनाने के लिए भी लोहे की कड़ाही का इस्तेमाल करें। खाना बनते ही इसे दूसरे बरतन में निकाल दें, लोहे की कड़ाही में नहीं रखें। एल्युमीनियम के बर्तन इस्तेमाल में न आएं।
- टीनएजर्स लड़कियों को मीठा पसंद है। कुछ भी मीठा खाने से बेहतर है आयरन से भरपूर मीठा खाएं। रात को एक गिलास पानी में 2 चम्मच देसी गुड़ डालकर रख दें। सुबह इसको चम्मच से मसल दें और इसमें चुटकीभर सोंठ मिलाकर पिएं। महीनेभर में ही हीमोग्लाेबिन का स्तर बढ़ना शुरू हो जाएगा। ज्यादा आयरन लेने से कई बार लूज मोशन हो जाता है। सोंठ डालने से यह परेशानी नहीं होगी।
काले तिल का अच्छा असर देखने को मिलता है।
- सर्दियों में काले तिल को महिलाएं चबाकर खाएं और थोड़ा पानी पी लें। इससे विटामिन बी 12 और आयरन के साथ-साथ कैल्शियम और विटामिन डी भी बढ़ेगा। खाने के बाद दो-दो चम्मच जरूर लें। ध्यान रखें इसे चबाकर खाना है।
- मीठा खाने का दिल करे तो, कुछ भी खाने की बजाय काले तिल और गुड़ की चिक्की खाएं।
रंगीन फल और सब्जियां जादू की तरह असर करेंगी।
- एनीमिया होने की वजह केवल आयरन की कमी ही नहीं होती। यह विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड की कमी के कारण भी एनीमिया होता है। यह दोनाें तत्व रंगीन फलों और सब्जियों में भरपूर मात्रा में होते हैं। चुकंदर, आंवला, गाजर को काटकर खाएं। इसका जूस भी निकालकर दिया जा सकता है। किशोरियां दिन में एक बार एक कप जूस ले सकती हैं और महिलाएं दो कप ले सकती हैं। जूस तुरंत निकला हुआ ही पिएं।
- चुकंदर की तरह अनार में भी विटामिन बी 12 काफी मात्रा में पाई जाती है। अनार से आयरन भी अच्छी मात्रा में मिलता है। गुलाबी और सफेद की तुलना में लाल अनार लें। सर्दी के मौसम में लाल अनार खूब मिलते हैं इसलिए इसका जूस पीना फायदेमंद होता है।
गेहूं के ज्वारे के काफी फायदे मिलते हैं।
- गेहूं के ज्वारे को घर में उगाकर खाने से फायदा मिलेगा। इसे चबाकर या जूस निकालकर पिएं। एनीमिया पेशेंट को फायदा होगा।
- रात को सोने से पहले एक चम्मच मेथी दाना को पानी के साथ निगल लें। हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ेगा।
- लाइफस्टाइल के कारण टीनएजर्स के खाने में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है जैसे पो, उपमा। इस तरह के खाने में नींबू का चौथाई टुकड़ा निचोड़ दें। विटामिन सी से भरपूर नीबू की वजह से शरीर में आयरन अच्छी तरह पच जाता है।
बच्चों के पोहे में नीबू निचोड़ना न भूलें। इसके कई फायदे होते हैं।
- केले के अंदर आयरन बढ़ाने के बहुत अच्छे तत्व होते हैं। केले का अधिकतम फायदा लेना चाहते हैं, तो ऊपर से हरा दिखाई देनेवाला और अंदर से पका हुआ देसी केला ही लें। केमिकल का इस्तेमाल कर पकाए गए पीले केले न खाएं। हरे केले में जितने काले धब्बे होते हैं, वह उतना ही गुणकारी माना गया है। एक केला रोज खाएं।
- कच्चा आंवला सुखाकर खाया जा सकता है। इसका जूस भी पी सकते हैं।
- महिलाओं के पास बहुत काम होते हैं। कई बार उन्हें एक्सरसाइज का टाइम नहीं मिल पाता। ऐसे में वह 4-8 बार सूर्य नमस्कार कर लें। इससे शरीर फिट रहेगा। सुबह से लेकर सूर्यास्त तक कभी भी फुरसत के हिसाब से इसे करें।
सूर्य नमस्कार में शरीर के हर अंग की एक्सरसाइज हो जाती है।
- एनीमिया के लिए गोमूत्र का अर्क सबसे उत्तम दवा मानी जाती है। गोमूत्र की 10-10 मिली. मात्रा सुबह-शाम लें। इससे हीमोग्लोबिन तेजी से बढ़ेगा।
- कुछ दवाओं को एनीमिया की शिकार महिलाओं के लिए बहुत ही असरदार माना गया है। सप्तामृत लौह और पुनर्नवा मंडूर ये दो दवाएं केमिस्ट के पास आसानी से मिल जाती है। एक-एक गोली सुबह-शाम लें। इसे गाय के घी, पानी या जूस के साथ लिया जा सकता है। यह आयरन बढ़ाने का शानदार तरीका है।