पिछले एक साल में वर्क फ्रॉम होम करने के दौरान महिलाओं के लिए जहां घर और ऑफिस के काम में संतुलन बैठाना मुश्किल हुआ, वहीं महिलाओं और अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को शोषण और हिंसा का सामना भी पहले से कई गुना ज्यादा करना पड़ा। टेक इंडस्ट्री का विश्वेलषण करने वाले एक प्रोजेक्ट ने 3000 महिलाओं पर सर्वे किया और ये जाना कि रिमोट कल्चर से महिलाओं की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा है। सर्वे से ये पता चला कि काम के बढ़ते घंटों और दबाव से जहां चिंता बढ़ी, वहीं उनके साथ होने वाले उत्पीड़न और हिंसा के मामलों में भी बढ़ोतरी हुई।
दुनिया भर में रिमोट वर्क की वजह से ये बदलाव छोटे से लेकर बड़े हर सेक्टर में देखने को मिला। वैसे भी रिमोर्ट वर्क के चलते महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके बावजूद महिलाओं की दिक्कतें उनके साथ होने वाले शोषण ने दोगुनी की हैं। रिमोर्ट वर्क करने से यह नुकसान एशियन, ब्लैक और 50 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को भी हुआ है। उन्हें होने वाले नुकसान को दो श्रेणी में बांटा जा सकता है। पहला शोषण जिसमें महिलाओं से एक बात बार-बार पूछना, शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालना, डेट पर चलने जैसे सवाल बार-बार पूछना शामिल है, वहीं दूसरी श्रेणी में उन्हें इस तरह अपमानित किया जाता है जो कंपनी रूल्स के अनुसार दुर्व्यवहार या अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं कहा जा सकता।
इस सर्वे में एक तिहाई से ज्यादा महिलाओं ने ये माना कि लैंगिक समानता को लेकर उनके अनुभव जितने खराब महामारी के दौरान रहे, उतने पहले कभी नहीं थे। यहां अल्पसंख्यक वर्ग में ऐसी महिलाओं की भी कमी नहीं रही जिन्हें रिमोट वर्क के साथ ही घर की जिम्मेदारी निभाने और बच्चों की देखभाल के चलते नौकरी छोड़नी पड़ी।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.