लॉकडाउन में सलोनी श्रीवास्तव ने अपने वेंचर हसल पोस्ट एकेडमी की शुरुआत की। वे लोगों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये बिजनेस के नए आइडियाज देती हैं। सलोनी ने कैसे इस स्टार्ट अप की शुरुआत की और किस तरह वे इससे दूसरों की मदद कर रही हैं। यहां जानिए :
2017 में सलोनी ने अपने पति से पूछा कि वह अपने डेली खाने के रूटीन को आईफोन पर किस तरह रिकॉर्ड कर सकती हैं। पति की सलाह पर इस काम के लिए उन्होंने फ्री सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया। साथ ही बेसिक एडिटिंग सीखकर ऑनलाइन वीडियो अपलोड करने लगीं। इसका परिणाम यह हुआ कि एक हफ्ते के अंदर उन्हें हजारों व्यूज मिलने लगे।
कंटेंट क्रिएटर के तौर पर उन्होंने पर्सनल फायनेंस से जुड़े टिप्स एंड ट्रिक्स के वीडियो भी तैयार किए और उसे अपलोड किया। सलोनी के वीडियो 18 से 30 साल के युवाओं को दैनिक जरूरतों की वो बातें भी सिखाते हैं जो आमतौर पर स्कूल या कॉलेज भी नहीं बताई जाती हैं। डिजिटल कंटेंट क्रिएटर के तौर पर जो शोहरत सलोनी को मिली, वहीं आज हसल पोस्ट एकेडमी की सफलता बनी है। यहीं से उन्हें इस एकेडमी की शुरुआत का आइडिया आया। सलोनी को हर दिन कई वाट्सएप ग्रुप पर लोगों से जुड़ते हुए और उन्हें आंत्रप्रेन्योरशिप स्किल सिखाते हुए देखा जा सकता है।
उसने बताया कि वाट्सएप पर उसका खुद का ग्रुप है जिसके माध्यम से वे लोगों को ऑनलाइन आंत्रप्रेन्योरशिप और मार्केटिंग के तरीके बताती हैं। वे अपने वाट़्सएप ग्रुप से लगभग 500 लोगों के साथ जुड़ी हुई हैं और उनके साथ कॉन्फ्रेंस कॉल के माध्यम से भी बातचीत करती हैं। उन्होंने लोगों को जॉब सिक्योरिटी दिलाने वाली हसल पोस्ट एकेडमी की शुरुआत उस वक्त की जब लॉकडाउन के चलते कई लोगों की नौकरी चली गई। महामारी की वजह से लोग घर में रहते हुए ऑनलाइन काम करना ज्यादा पसंद करने लगे। जिन लोगों के पास काम था, वे भी अपने खाली समय में कुछ नया बिजनेस शुरू करना चाहते थे।
सलोनी अपने 13 कोर्सेस के माध्यम से लोगों को बिजनेस के नए आइडिया देती हैं। वे हर महीने 12 मिनी कोर्सेस भी लॉन्च करती हैं। इस कोर्स के लॉन्च होते ही लगभग 100 लोग इसे साइन अप करते हैं और 24 घंटे के अंदर ही लगभग 600 लोग इसे जॉइन कर लेते हैं। फिलहाल इस एकेडमी से 3,500 लोग जुड़े हुए हैं। जल्दी ही वे फ्री एकेडमी की शुरुआत भी करना चाहती हैं ताकि भारत के छोटे शहरों में लोग बिजनेस के नए तरीके जानें और उनकी फायनेंशियल दिक्कतें दूर हो सकें।
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