कोरोना काल का बुरा दौर अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि लोग एक बार फिर अच्छी कमाई की उम्मीद में काम में जुट गए हैं। उन्हें आशा है कि दीवाली की वजह से बाजार में मंदी खत्म होगी और काम बढ़ेगा। इसी उम्मीद के साथ अगरतला की 25 महिलाएं मोमबत्तियां बनाने में जुटी हैं। इन महिलाओं को विश्वास है कि दीवाली पर मोमबत्तियों की मांग बढ़ने से उनकी कमाई भी बढ़ेगी।
इन्हीं में से एक महिला पूर्णिमा देब ने बताया कि ''दीवाली पर मोमबत्तियों की मांग ज्यादा होती है। हम सभी महिलाओं को उम्मीद है कि दीवाली पर हमारा बनाया सारा सामान बिक जाएगा। ग्राहकों की मांग के हिसाब से हमने अपने काम का समय भी बढ़ा दिया है''। इन महिलाओं में से कुछ इस काम को लंबे समय से कर रही हैं। तो कुछ ने ये काम अभी करना शुरू किया है।
अगरतला में 30 साल पहले इस मैन्यूफेक्चरिंग यूनिट की शुरुआत सुधान बैनर्जी ने की थी। पूर्णिमा को यहां काम करते हुए 20 साल हो गए हैं। वे कहती हैं- ''इसी कमाई से मुझे मेरी बेटी की शादी करना है। मेरे बेटे की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए भी मेरे पास इसके अलावा कोई और साधन नहीं है''।
यहां काम करने वाली एक अन्य महिला खूकु रानी दास के अनुसार, ''हर साल दीवाली पर मोमबत्तियां बनाने का काम बढ़ जाता है। इस साल लॉकडाउन की वजह से हमारा काम लंबे समय तक बंद रहा। इसलिए अभी इस सामान का अलग से स्टॉक नहीं है''। फिलहाल इस यूनिट की दो महिलाएं मार्केटिंग का काम भी कर रही हैं।
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