प्रेग्नेंसी होने पर आम भारतीय घरों में यह धारणा होती है कि महिलाओं को एक नहीं बल्कि दो लोगों का खाना खाना चाहिए। लेकिन डॉक्टर इसे गलत मानते हैं। उनका कहना है कि इससे गेस्टेशनल डायबिटीज हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान सीक्रिट होने वाले हार्मोन ब्लड शुगर लेवल बढ़ाते हैं। नाइजेरियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च की कंस्लटेंट गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. ग्रेगरी के अनुसार, जो महिलाएं गर्भावस्था में जरूरत से ज्यादा खाना खाती हैं, उन्हें अपनी आदत बदलने की जरूरत है।
उन्होंने बताया कि इस समय अलग-अलग तरह के खाने की क्रेविंग होना सामान्य है क्योंकि प्रेग्नेंसी में भूख बढ़ती है। इसलिए जंक फूड खाने के बजाय हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट लें और ये बिल्कुल न सोचें कि एक साथ दो लोगों का खाना खाना सही है। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी में बिना सोचे-समझे ज्यादा खाती हैं, उनका वजन तेजी से बढ़ता है। इन महिलाओं को गेस्टेशनल डायबिटीज मेलिटस हो सकता है। डिलिवरी के समय इन्हें लेबर पेन भी अधिक होता है।
यूनाइटेड किंगडम नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार, प्रेग्नेंट महिलाओं को उस दौरान भी दो लोगों का खाना नहीं खाना चाहिए जब गर्भ में दो या तीन बच्चे ही क्यों न पल रहे हों। इसके लिए जरूरी है कि रोज सुबह हेल्दी नाश्ता करें ताकि दिन भर फैट और शुगर वाले स्नैक्स खाने का बार-बार मन न हो। साथ ही हेल्दी खाने की चीजों को बदलते रहें ताकि एक जैसे खाने से बोरियत न हो। उन्होंने ये भी माना कि गर्भावस्था में खाने की अधिकता नहीं बल्कि उसकी गुणवत्ता ज्यादा जरूरी है।
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