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सर्दियों में डैंड्रफ खतरनाक:70% भारतीय बाल झड़ने, पिंपल्स, आई इंफेक्शन, सफेद दाग से परेशान; रूसी में न तेल लगाएं न कंघी करें

नई दिल्ली3 महीने पहलेलेखक: ऐश्वर्या शर्मा
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ठंड ने 10 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। शीतलहर सर्दी-जुकाम के अलावा बालों के लिए भी खतरनाक साबित हो रही है। सर्दी की वजह से बालों में रूसी बढ़ जाती है, जो अपने साथ स्किन प्रॉब्लम और आंखों में इंफेक्शन भी लेकर आती है।

क्या है डैंड्रफ का स्किन और आंखों के साथ कनेक्शन, आइए बताते हैं। लेकिन पहले यह जानते हैं कि डैंड्रफ क्यों होता है?

ऑयली स्किन की वजह से पनपता डैंड्रफ

मैक्स मल्टी स्पेशिलिएटी सेंटर, नई दिल्ली के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. सोनी गुप्ता ने बताया कि डैंड्रफ को मेडिकल भाषा में पिटिरिएसिस कैपिटिस (Pityriasis Capitis) कहते हैं। यह एक तरह का फंगल इंफेक्शन है।

स्कैल्प और बाल दो अलग चीजें हैं। जिनकी स्किन ऑयली होती है, उनके स्कैल्प की ऑयल ग्लैंड्स ज्यादा एक्टिव होती हैं जिनसे ऑयल निकलता रहता है। स्कैल्प और बालों के साफ न होने पर फंगल इंफेक्शन बढ़ने लगता है। इससे स्कैल्प पर डैंड्रफ जमा होता है जिसे सिबोरहीक कैपिटिस (Seborrheic Capitis) कहते हैं।

सर्दियों में हेयरवॉश से बचना, डैंड्रफ को बुलावा

डॉ. गुप्ता कहती हैं कि अक्सर सर्दी में लोग बालों को धोना कम कर देते हैं। कई लोग हफ्ते में 1 बार ही सिर धाेते हैं। इससे बालों की गंदगी और ऑयल साफ नहीं हो पाते, जिससे डैंड्रफ डेवलप होता है। सर्दी में हफ्ते में 2 बार एंटी डैंड्रफ शैंपू से बाल जरूर धोएं।

बालों को धोने का सही तरीका है कि पहले बाल गीले कर लें। फिर शैंपू को थोड़े से पानी में घोलकर बालों पर 5 मिनट लगाकर रखें। इसके बाद हेयर वॉश कर लें।

डैंड्रफ का पिंपल कनेक्शन, दाढ़ी-मूंछ में भी आ सकता है डैंड्रफ

ऑयली स्किन की वजह से डैंड्रफ जल्दी डेवलप होता है। जब ऑयल ग्लैंड्स ज्यादा एक्टिव हों तो चेहर पर पिंपल्स भी होते हैं।

दाढ़ी-मूंछ रखने वाले लड़कों के चेहरे पर भी डैंड्रफ हो सकता है। ऐसे में उनके चेहरे पर ज्यादा पिंपल्स निकलते हैं।

आगे बढ़ने से पहले ग्राफिक्स के जरिए जानिए कितनी तरह का होता है डैंड्रफ:

झड़ता डैंड्रफ आई इंफेक्शन का रिस्क देता है

डैंड्रफ की पपड़ी झड़कर भौहों और पलकों पर भी जमने लगती है। इससे सिबोरहीक डर्माटाइटिस (Seborrheic Dermatitis) कहते हैं।

यह मलासीजिया (Malassezia) नाम के फंगस की वजह से होता है। इससे आंखें लाल, उनमें खुजली और जलन होने लगती है।

फंगल इन्फेक्शन से चेहरे पर सफेद धब्बे और रैशेज

डैंड्रफ बालों के साथ-साथ चेहरे की रंगत को भी फीका कर देता है। मलासीजिया फंगस की वजह से ही ऐसा होता है क्योंकि यह फंगस त्वचा के रंग को धीरे-धीरे खत्म कर देती है और चेहरे पर सफेद धब्बे दिखने लगते हैं।

हालांकि यह समस्या कुछ समय के लिए ही रहती है। जब ट्रीटमेंट के बाद डैंड्रफ खत्म हो जाता है तो स्किन कॉम्प्लेक्शन नॉर्मल हो जाता है। डैंड्रफ से चेहरे, नाक, कान और भौहों पर रैशेज होने का भी डर रहता है। यही नहीं, समस्या बढ़ने पर डैंड्रफ और रैशेज पूरी बॉडी पर भी हो सकते हैं।

भारत में रूसी की समस्या बहुत आम है, ग्राफिक्स पढ़िए:

ऑयली स्किन वालों को स्कैल्प पर नहीं लगाना चाहिए तेल

डॉ. सोनी गुप्ता कहती हैं कि जिनकी ऑयली स्किन है, उन्हें बालों की जड़ों पर तेल लगाने की जरूरत नहीं है। तेल लगाने से रूसी बढ़ती है।

लेकिन अगर बालों का रुखापन दूर करना है तो वो बालों की जड़ों में तेल न लगाकर बालों के ऊपरी हिस्से पर तेल लगाएं। वो भी सिर धोने से सिर्फ 2 घंटे पहले। कंडीशनर भी हेयर लेंथ पर ही यूज करें।

डैंड्रफ को इग्नोर करने पर बाल ज्यादा झड़ते हैं

अगर लंबे समय से डैंड्रफ है तो बाल भी झड़ने लगते हैं। दरअसल, इससे माइक्रो इंफ्लेमेशन होता है। रूसी धीरे-धीरे बालों को नुकसान पहुंचाती है और बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं। रूसी होने से बालों को न्यूट्रिशन नहीं मिल पाता। वहीं स्कैल्प रूसी से इस कदर ढक जाती है कि सिर की त्वचा को हवा नहीं मिल पाती।

अगर डैंड्रफ के साथ खुजली भी हो तो ऐसे लोगों को हेयर कलर से बचना चाहिए क्योंकि केमिकल्स से स्कैल्प में सेंसिटिविटी बढ़ जाती है।

अगर डैंड्रफ है तो कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। ग्राफिक्स देखिए:

ड्राई स्किन और घुंघराले बाल वालों को भी दिक्कत

पारस हॉस्पिटल, गुरुग्राम की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. निधि अग्रवाल ने बताया कि डैंड्रफ ड्राई स्किन वाले लोगों के लिए भी सिरदर्द है। सर्दी में जब गर्म पानी से बाल धोए जाते हैं तो स्कैल्प ड्राई हो जाती है। इससे स्कैल्प का नेचुरल ऑयल खत्म हो जाता है और ड्राई डैंड्रफ बढ़ने लगता है।

यह दिक्कत रफ और घुंघराले बाल वाले लोगों में भी देखने को मिलती है। इसलिए ज्यादा गर्म पानी से सिर न धोएं।

डैंड्रफ है तो कंघी बन सकती है स्कैल्प की दुश्मन

कई बार लोग डैंड्रफ दूर करने के लिए स्कैल्प पर बार-बार कंघी करने लगते हैं। इससे सिर की त्वचा को नुकसान पहुंचता है। स्कैल्प छिल जाती है और घाव हो जाते हैं। बालों की जड़ें डैमेज होती हैं जिससे बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं।

अगर डैंड्रफ का समय रहते इलाज न हो तो यह एक्जिमा या सोरायसिस का कारण भी बन जाता है।

डैंड्रफ को खुद से दूर रखना है तो इन टिप्स को अपनाएं:

14-15 साल की उम्र से शुरू हो सकती है दिक्कत

‘जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड इन्वेस्टिगेटिव डर्माटोलॉजी’ के अनुसार डैंड्रफ प्यूबर्टी से शुरू हो जाता है जिसका असर सबसे ज्यादा 20 साल की उम्र में देखा जाता है।

यहीं नहीं, अगर किसी का ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ हो या जिन लोगों को हेपेटाइटिस-सी या एचआईवी एड्स हो, उनमें भी यह समस्या देखी जाती है। जो लोग एचआईवी से पीड़ित हैं, उनमें से 80% लोगों को डैंड्रफ होता है।

ग्राफिक्स से जानिए डैंड्रफ में किस तरह के शैंपू इस्तेमाल करें:

स्कैल्प की उम्र तेजी से बढ़ती है और बाल लंबे नहीं होते

स्कैल्प की उम्र शरीर के बाकी हिस्से की त्वचा से 12 गुना, जबकि चेहरे से 6 गुना तेजी से बढ़ती है। इसे स्कैल्प एजिंग कहते हैं।

एक नॉर्मल स्कैल्प पर हर महीने बालों की लंबाई 1.25 सेंटीमीटर तक बढ़ती है। वहीं, एजिंग स्कैल्प में यह रफ्तार 80% तक घटकर 0.25 सेंटीमीटर रह जाती है। स्कैल्प की उम्र तेजी से बढ़ने के कई कारण है। जब स्किन में कोलेजन की मात्रा कम हो जाए, शरीर में रक्त का बहाव कम हो, न्यूट्रिशन पूरा नहीं मिल रहा हो, किडनी या लिवर की दिक्कत हो, तब ऐसा होता है।

हेयर एक्सपर्ट मानते हैं कि जिस तरह से स्किन केयर पर ध्यान दिया जाता है, ठीक उसी तरह हेयर केयर के लिए स्कैल्प पर ध्यान देना जरूरी है।

हर तरह के बालों के लिए अलग-अलग शैंपू बनाए गए हैं। ग्राफिक्स पढ़िए:

हेयर ट्रीटमेंट से बाल बनेंगे मजबूत

बालों को हेल्दी, शाइनी और मजबूत बनाने के लिए आजकल कई तरह के हेयर केयर ट्रीटमेंट चल रहे हैं-

स्कैल्प फेशियल: स्किन को हेल्दी बनाने के लिए अक्सर चेहरे पर फेशियल करवाया जाता है ताकि चेहरे से डेड स्किन रिमूव हो जाए। इसी तरह स्कैल्प की डेड स्किन रिमूव करने के लिए स्कैल्प फेशियल होता है। यह शब्द भले ही नया हो लेकिन इसे आसान भाषा में समझाएं तो इसका मतलब है हेयर स्पा।

तेल लगाने, बालों को बांधने या कई बार ढककर रखने से बालों में पसीना आने लगता है। गंदगी भी स्कैल्प पर जमा हो जाती है। ऐसे हालात में अगर हेयर स्प्रे या जेल का इस्तेमाल किया जाए तो बालों की सेहत बिगड़ने लगती है। इससे बचने के लिए स्कैल्प फेशियल किया जाता है।

प्री ट्रीटमेंट स्कैल्प फेशियल का पहला स्टेप

डॉ. निधि अग्रवाल के मुताबिक, अगर स्कैल्प में खुजली और रूसी हो तो पेपरमिंट, टी ग्रीन या सिट्रस बेस ऑयल जैसे स्कैल्प मास्क, ऑयल और स्क्रब का इस्तेमाल करें।

अगर स्कैल्प ऑयली है तो ऐसे प्रोडक्ट चुनें जो बालों को ऑयली न बनाएं। जैसे मड बेस्ड प्रोडक्ट्स।

4-5 मिनट तक स्कैल्प की मसाज करनी चाहिए। इससे स्किन सेल्स सॉफ्ट होंगे और ब्लड सकुर्लेशन बढ़ जाएगा।

फिर शैंपू करें। 3 मिनट तक कंडीशनर लगाए रखने के बाद बाल धो लें। इससे बाल हाइड्रेट हो जाएंगे। बाल जब हल्के गीले हों तभी बालों पर हेयर सीरम लगाना चाहिए।

स्कैल्प डिटॉक्स: हेयर डिटॉक्स का मतलब है शैंपू और कंडीशनर से स्कैल्प की गंदगी, ऑयल और उन तमाम प्रोडक्ट बिल्डअप (जेल, ड्राई शैंपू, स्प्रे) को निकालना और बालों को हेल्दी, शाइनी और इंफेक्शन फ्री बनाना। इसके लिए मार्केट में खास तरह के डिटॉक्स प्रॉडक्ट आते हैं।

इसके अलावा घर पर ही बालों के लिए डिटॉक्स मास्क भी बनाया जा सकता है।

इसके लिए बेंटोनाइट क्ले लें। ये क्ले ज्वालामुखी की राख से बनाई जाती है। इसमें आधा कप एलोसा जेल और आधा कप सेब का सिरका मिक्स कर लें। इसे बालों की जड़ों पर लगाएं और शॉवर कैप से बालों को 20-30 मिनट तक कवर करके रखें। इसके बाद बालों को धो लें।

हेयर बोटॉक्स: यूं तो बोटॉक्स स्किन एजिंग रोकने के लिए होता है लेकिन हेयर बोटॉक्स बालों को फ्रिज़ फ्री और हेल्दी बनाने के लिए किया जाता है। इसमें स्किन बोटॉक्स की तरह इंजेक्शन नहीं लगता।

इस ट्रीटमेंट से डैमेज हेयर को रिपेयर किया जाता है। इसमें शैंपू से बाल धोकर उन पर बोटॉक्स क्रीम अप्लाई की जाती है।

इसे 50 मिनट तक रखकर फिर हेयर वॉश किया जाता है। इससे बाल स्मूद और शाइनी हो जाते हैं क्योंकि इस थेरेपी में बालों की डीप कंडीशनिंग होती है।

ग्राफिक्स के जरिए जानिए हर दिन कितने बाल बढ़ते हैं और टूटते हैं:

कंडीशनर और सीरम से बाल बनते हैं स्मूद

शैंपू के बाद बालों पर कंडीशनर लगाना जरूरी है। कंडीशनर को हमेशा बालों के बीच से लगाना चाहिए, जड़ों से नहीं। 3-5 मिनट बाद बालों को पानी से धोना होता है।

इसके बाद उन पर सीरम लगना चाहिए। सीरम में सिलिकॉन होता है जो बालों को स्मूथ, फ्रिज़ फ्री और शाइनी बनाता है। इससे बाल मॉइचराइज्ड और हाइड्रेटेड रहते हैं।

बालों की स्टाइलिंग के लिए हेयर क्रीम

जिस तरह से स्किन के लिए तेल जरूरी है, उसी तरह बालों को भी ऑयलिंग चाहिए। लेकिन सब बालों में तेल लगाना पसंद नहीं करते। इसके लिए हेयर क्रीम ऑप्शन है। इसे स्टाइलिंग क्रीम भी कहा जाता है। ये रफ बालों में नेचुरल शाइन लाकर उन्हें स्मूद और फ्रिज फ्री बनाती हैं।

फलों से भी बाल हेल्दी बन सकते हैं। ग्राफिक्स देखिए:

बाल कब डैमेज होते हैं

केमिकल ट्रीटमेंट, हेयर स्टाइलिंग और कलर करने से बालों की क्वाॅलिटी और टेक्स्चर खराब होता है। ब्लोअर और स्ट्रेटनिंग मशीन से हाई हीट निकलती है। इसकी गर्मी से बालों को नुकसान पहुंचता है।

बाल धोने के बाद अगर आप बालों को सुखाने के लिए लगातार तौलिए से उन्हें पोंछते या झाड़ते हैं तो बालों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं।

वहीं, गीले बालों पर कंघी भी नहीं करनी चाहिए। हद से ज्यादा कंघी करने से भी बाल टूटते हैं और इससे दोमुंहे बाल भी बढ़ते हैं। दिन में 2 बार कंघी करना काफी रहता है।

कभी भी खुले बालों में नहीं सोना चाहिए। इससे बाल फ्रिज़ी होते हैं। कॉटन की जगह सैटिन कवर लगे तकिए पर सिर रखकर सोना चाहिए। इससे बाल स्मूद रहते हैं और सुलझाने में आसानी होती है।

हेयर केयर प्रोडक्ट्स का मार्केट

भारत में हेयर केयर प्रोडक्ट्स का मार्केट 22 हजार करोड़ रुपए का है। जो 2024 तक 38 हजार करोड़ रुपए का हो जाएगा। बाजार में सबसे ज्यादा शैंपू बिकता है। इसके बाद हेयर ऑयल, हेयर कलर जैसे प्रोडक्ट आते हैं।

ग्रैफिक्स: सत्यम परिडा

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