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दो बीवियों ने किया पति का बंटवारा:हफ्ते में 3-3 दिन साथ रखने पर सहमत, कहीं 15-15 दिन पर हुई थी रजामंदी

ग्वालियर/रांची/पूर्णिया2 दिन पहले
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परिवार के सदस्यों में प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर तो आपने कई बार देखा, सुना और पढ़ा होगा। लेकिन क्या एक पुरुष की दो बीवियों के बीच पति को लेकर बंटवारे के बारे में सुना है। जी हां, इस तरह का एक मामला मध्य प्रदेश की ग्वालियर कुटुंब अदालत में 16 मार्च को आया। इस मामले में व्यक्ति ने पहली पत्नी होने के बावजूद दूसरी महिला से शादी कर ली थी।

ग्वालियर कुटुंब अदालत के वकील हरीश दीवान के अनुसार ,हिंदू कानून के तहत पहली पत्नी से बिना तलाक के दूसरा विवाह गैरकानूनी होने के बावजूद तीनों ने सहमति से समझौता किया है।

रविवार को चलेगी पति की मर्जी, बाकी 3-3 दिन बीवियों के लिए

वकील के अनुसार, व्यक्ति और उसकी दो पत्नियों के बीच आपसी सहमति यह हुई है कि पति सप्ताह में तीन-तीन दिन उनके साथ रहेगा और रविवार के दिन वह अपनी मर्जी से जिस महिला के साथ रहना चाहे, रह सकता है।

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फ्लैट अलग-अलग, सैलरी भी आधी-आधी

दोनों महिलाओं को उनके पति ने अलग-अलग फ्लैट भी दिया है। इतना ही नहीं वह अपनी सैलरी भी दोनों महिलाओं के साथ आधी-आधी बांटने का फैसला कर चुका है।

व्यक्ति की दो शादियों के पीछे ये थी कहानी

ग्वालियर की एक युवती की शादी गुरुग्राम में काम करने वाले इंजीनियर से वर्ष 2018 में हुई थी। दो साल तक दोनों साथ-साथ रहे। कोरोना महामारी के दौरान इंजीनियर अपनी पत्नी को ग्वालियर स्थित मायके में छोड़ गया। इसके बाद उसने गुरुग्राम में अपने साथ काम करने वाली दूसरी युवती के साथ शादी कर ली और उनके एक बेटी भी हो गई।

इसी बीच, ग्वालियर में रह रही पत्नी को संदेह हुआ और वह इंजीनियर पति के गुरुग्राम ऑफिस पहुंच गई। जहां पता चला कि उसने दूसरी शादी कर ली है। इस पर काफी विवाद हुआ और आखिर में महिला ने ग्वालियर के कुंटुब न्यायालय में भरण-पोषण का मामला दायर कर दिया।

कानूनी तौर पर गलत होने के बावजूद इस मामले में किसी भी पक्ष के शिकायतकर्ता न होने और दोनों पत्नियों और इकलौते पति के समझौते की वजह से इस मामले में कोई एक्शन नहीं होगा।
कानूनी तौर पर गलत होने के बावजूद इस मामले में किसी भी पक्ष के शिकायतकर्ता न होने और दोनों पत्नियों और इकलौते पति के समझौते की वजह से इस मामले में कोई एक्शन नहीं होगा।

हिंदू कानून के हिसाब से समझौता गैर-कानूनी

मामले से जुड़े वकील के मुताबिक, ‘‘यह समझौता तीनों लोगों ने आपसी सहमति से किया है। इसमें न तो कुंटुंब न्यायालय की भूमिका है और न ही काउंसलर की। बल्कि उन लोगों को समझाया गया था कि वे हिंदू हैं और हिंदू कानून के हिसाब से यह समझौता गैर-कानूनी है, क्योंकि जब तक पहली पत्नी से तलाक नहीं होता तो दूसरी शादी मान्य नहीं है। लेकिन उन्होंने आपस में समझौता कर लिया है।''

दो साल पहले दो पत्नियों ने थाने में किया था ऐसा ही बंटवारा

2 साल पहले इसी तरह का मामला रांची के सदर थाने में आया था। इस मामले में दूसरी पत्नी ने अपने पति राजेश पर इकरारनामे को तोड़ने की शिकायत दर्ज कराई तो अगले दिन पहली पत्नी ने भी ऐसी ही शिकायत कर दी। इस चक्कर में पुलिस भी परेशानी में पड़ गई। पुलिस ने पति राजेश कुमार को थाने बुलाया और समझाया। इसी दौरान दोनों महिलाओं ने समझौता किया कि राजेश सप्ताह में तीन दिन पहली पत्नी और तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा। एक दिन अपना काम करेगा।

6 बच्चों के पिता को परिवार परामर्श केंद्र ने दिया अजीबोगरीब निर्देश

पिछले साल मार्च में बिहार में भी एक ऐसा दिलचस्प मामला हुआ था। इस मामले में फैसला पूर्णिया पुलिस परिवार परामर्श केंद्र ने दिया था। इस परामर्श केंद्र ने पति को 15 दिन पहली पत्‍नी और महीने के आखिरी 15 दिन दूसरी पत्‍नी के साथ रहने का निर्देश दिया।

दरअसल, भवानीपुर थाना के गोडियारी निवासी एक महिला ने अपने पति पर आरोप लगाया था कि वह पहले से शादीशुदा होने के साथ ही 6 बच्चों का पिता भी है। महिला ने शख्‍स पर बरगला कर दूसरी शादी करने का आरोप लगाया था। उनका कहना है कि अब उनका पति उन्‍हें साथ नहीं रखना चाहता है।

दोनों पक्षों को सुनने के बाद पुलिस परिवार परामर्श केंद्र के सदस्यों ने फैसला दिया कि पति को दोनों पत्नियों को रखना होगा। साथ ही उनका भरण-पोषण भी करना होगा। परामर्श केंद्र ने इसके साथ ही दोनों को अलग-अलग घरों में रखने का भी निर्देश दिया। परिवार परामर्श केंद्र ने व्‍यवस्‍था दी कि पति 15 दिन पहली बीवी के साथ गुजारेगा तो अगला 15 दिन दूसरी बीवी के साथ रहेगा। इस फैसले से पति और दोनों पत्नियां सहमत हो गए। परिवार परामर्श केंद्र ने तीनों से बॉन्‍ड भी भरवाया, ताकि बाद में कोई इस व्‍यवस्‍था मुकर न सके।