• Hindi News
  • Women
  • Banning In Schools And Colleges Around The World, Musk Considered The Most Dangerous AI So Far

छात्रों को बिगाड़ रहा ChatGPt:दुनिया भर के स्कूल-कॉलेजों में लग रहा बैन, मस्क ने माना अब तक सबसे खतरनाक AI

नई दिल्ली2 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

ओपन AI कंपनी का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलने वाला चैटबॉट- चैट जीटीपी आने के बाद से ही यूजर्स का फेवरेट बना हुआ है। यूजर्स के बीच इसकी पॉपुलैरिटी का अंदाजा इस बात से लगाइएगा कि बेंगलुरू के कई कॉलेजों में इसपर रोक लगाने की बात हो रही है। बेंगलुरु के आरवी यूनिवर्सिटी ने इस पर बैन भी लगा दिया है।

भारत के अलावा चैटजीपीटी दुनिया के अलग-अलग शहरों के स्कूलों में पहले ही बैन हो चुका है। न्यूयॉर्क सिटी डिपॉर्टमेंट ऑफ एजुकेशन, सिएटल पब्लिक स्कूल, फ्रांस की टॉप यूनिवर्सिटी में शामिल साइंस पो यूनिवर्सिटी ने इस पर रोक लगाई है। इन सारी ही यूनिवर्सिटीज का मानना है कि इससे स्टूडेंट्स की लर्निंग प्रभावित हो रही है।

एक जनवरी को बेंगलुरु के कॉलेजों में सर्कुलर निकाला गया है कि कोई भी छात्र फाइनल सबमिशन के लिए चैट जीपीटी और इसके जैसे किसी भी AI टेक्नोलॉजी का सहारा नहीं लेंगे।

ChatGPT है क्या?

चैट जीपीटी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ट सॉफ्टवेयर है। पूरा नाम चैट जेनरेटिव प्रीट्रेन्ड ट्रांसफॉर्मर। ओपन सोर्स की वेबसाइट पर जाकर यूजर्स को चैट जीपीटी का आइकॉन क्लिक करना होता है और चैट को जरिए अपना सवाल पूछना होता है।

लॉन्च होने के 5 दिन के अंदर 10 लाख यूजर

इसके फाउंडर टेस्ला-ट्विटर के मालिक एलन मस्क और ओपन एआई के मालिक सैम अल्टमैन हैं। इनदोनों ने इस पर साल 2015 में काम करना शुरू किया था। बाद में मस्क ने ओपन एआई कंपनी छोड़ दी थी। पिछले साल 30 नवंबर को इसे लॉन्च किया गया। लॉन्च होने के पांच दिन के अंदर ही इसके 10 लाख यूजर हो गए थे।

गूगल के लिए माना जा रहा है खतरा

कुछ महीनों में ही लोगों के बीच चैट जीपीटी काफी पॉपुलर हो गया है। इसकी सिंपल सी वजह है कम समय में बेहतरीन जवाब देना। यूजर्स इस पर एक शब्द लिखें या वो रिसर्च चाहते हैं तो ये डिटेल आंसर देता है। वो भी सिर्फ मिनटों में। यूजर्स इसका इस्तेमाल वीडियो स्क्रिप्ट, कविता, निबंध, कवर लेटर, लीव एप्लिकेशऩ के साथ ही किसी मुद्दों को गहराई समझने के लिए भी कर रहे हैं। इस वजह इसकी तुलना गूगल से की जाने लगी है। हालांकि, चैट जीपीटी औऱ गूगल में अंतर है। गूगल पर कुछ भी सर्च करने पर वो जानकारी के साथ ही वीडियो और संबंधित लिंक, ब्लॉग के ऑप्शन भी देता है, जबकि चैट जीपीटी चैट बॉक्स संबंधित जवाब।

गलत जवाब भी दे रहा है चैट जीपीटी

शशि थरूर वाली इंग्लिश में लीव एप्लीकेशन लिखने से लेकर और भी कई कठिन सवालों का जवाब देने वाला ये सॉफ्टवेयर कई बार गलत जवाब भी दे रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा क्योंकि इसकी जानकारी 2021 की वैश्विक घटनाओं तक सीमित है। इस वजह से यूजर्स को कभी-कभार गलत या बेमेल जवाब मिलता है। जैसे एक यूजर ने ऑस्कर को लेकर सवाल किया था। सवाल ये था कि कितने भारतीयों ने अब तक ऑस्कर जीता है? चैट जीपीटी ने गलत जवाब देते हुए 2021 तक सिर्फ भानु अथय्या का नाम लिखा।

वहीं, कुछ दिन पहले निशांत विजयन नाम के यूजर ने चैट जीपीटी से शशि थरूर स्टाइल में लीव एप्लीकेशन लिखने को कहा। चैटबोट ने ऐसी अंग्रेजी लिखी कि वो वायरल हो गई। लेकिन जब शशि थरूर ने निशांत के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कुछ लिखा उसके लिए लोगों को फिर डिक्शनरी का सहारा लेना पड़ा।

AI से लोगों की नौकरी जाने का भी खतरा

चैट जीपीटी जिस तरह से यूजर्स की मदद कर रहा वो अभी तो लोगों को काफी अच्छा लग रहा। लेकिन लोगों की नौकरी के लिए ये खतरे की घंटी भी बन सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंट्स पर जिस तरह से लगातार काम हो रहा और फ्यूचर बताया जा रहा, ये लोगों की नौकरी के लिए खतरा। चैट जीपीटी को लेकर एलन मस्क ने अपने एक ट्वीट में कहा था- ‘चैट जीपीटी बहुत अच्छा है। हम एक खतरनाक और मजबूत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से कुछ ही दूर हैं।’

AI दुनिया के लिए खतरनाक क्यों है?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से होने वाले खतरे को लेकर टेक कम्युनिटी में एक लंबी बहस चलती रहती है। उनका मानना है कि अभी चाहे जितना अच्छा और आसान लग रहा है। बाद में एआई लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर देंगे। एआई ऑटोमेशन के कारण लोगों की नौकरियां जाएंगी। राजनीति के लिए एआई एल्गोरिदम की वजह से समाज में गलत जानकारियां या नफरत फैल सकती है। ऐसा हुआ भी है।