पहाड़ों पर हुई बर्फबारी ने मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ा दी है। बीते 2-3 दिनों में पारा अचानक से गिरा है। आने वाले समय में कोल्ड वेब यानी शीतलहर चल सकती है। गर्म और बरसाती मौसम के अभ्यस्त मैदानी लोगों के लिए शीतलहर किसी मुसीबत से कम नहीं होती।
शीतलहर की संभावना 40 दिन सबसे ज्यादा होती है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर जनवरी के दूसरे सप्ताह तक शीतलहर सबसे ज्यादा चलती है। इस मौसम में लोग बीमार भी काफी पड़ते हैं।
इस साल का शीतलहर शुरू ही होने वाला है ; ऐसे में कड़ाके की सर्दी के 40 दिनों में सेहत को जमने से बचाने के तरीकों को जान लेना जरूरी है।
कान, गला और सिर अच्छे से ढकें, मास्क भी जरूरी
कान, सिर और गला नाजुक अंग हैं। सर्दी सबसे पहले शरीर के इन हिस्सों को ही प्रभावित करती है। ऐसे में बाहर निकलने से पहले इन्हें अच्छे से ढंकना जरूरी है। कोल्ड वेब का असर सबसे ज्यादा इन्हीं अंगों पर होता है।
दूसरी ओर, कोल्ड वेब में कुहासे के चलते पॉल्यूशन लेवल भी बढ़ जाता है। ऐसे में सेहत बनाए रखने के लिए मास्क पहना भी जरूरी हो जाता है।
डाइट में शामिल करें विटामिन-सी
सर्दियों में सबसे ज्यादा बीमार वे लोग पड़ते हैं; जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसलिए इन दिनों इम्यूनिटी पर खास ध्यान देना चाहिए। विटामिन-सी इम्यूनिटी बूस्टर का काम करता है। ऐसे में विटामिन-सी से भरपूर फल जैसे नींबू, संतरा, आंवला का सेवन जमकर करना चाहिए।
खूब गर्म पानी पीएं और अल्कोहल को कहें बाय
ठंड में प्यास थोड़ी कम लगती है; जिसके चलते लोग पानी पीना कम कर देते हैं। लेकिन ठंड में भी बॉडी को पानी की बराबर जरूरत होती है। ऐसे में बॉडी को हाइड्रेटेड रखना जरूरी हो जाता है। डॉक्टर्स ठंड में ज्यादा से ज्यादा गर्म पानी पीने की सलाह देते हैं। साथ ही चाय, कॉफी और काढ़े से भी खुद को हाइड्रेटेड रख सकते हैं।
कई लोगों का ऐसा मानना है कि ठंड मे अल्कोहल से गर्म मिलती है। जिसके कारण वो शराब पीना शुरू कर देते हैं। लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। अल्कोहल बॉडी के टेम्प्रेचर को तेजी से कम करता है।
कोल्ड वेब से बाल और स्किन को भी बचाएं
कोल्ड वेब का बुरा असर बाल और स्किन पर भी पड़ता है।ऐसे में इस मौसम में इनका भी ख़याल रखना जरूरी हो जाता है। सर्द हवाएं बालों को रुखा और बेजान कर देती हैं। इससे बचने के अपने रेगुलर तेल में कुछ बूंद नींबू का रस मिला लें। इससे बालों को जरूरी पोषण मिलेगा।
ठंड में स्किन को रूखेपन से बचाने के लिए घी को मॉइस्चराइजर की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। देसी घी असल मॉइस्चराइजर का काम करता है। घी में फैटी एसिड होता है; जो स्किन की नमी को लॉक कर उसे फटने बचाता है। घी स्किन को हाइड्रेट कर उसके रूखेपन को दूर करता है। इसके लिए रात को सोने से पहले घी को फटी एड़ी और हथेली पर मलना चाहिए। सुबह उठने के बाद गुनगुने पानी से पैर घो लेना चाहिए। इससे स्किन मुलायम हो जाती है।
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