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महिला ने फ्लाइट में उतार दिए कपड़े:नशे में धुत पुरुष ने किया यूरिन, यात्रियों में चले लात-घूंसे, क्या कानून से ऊपर है हवाई सफर

नई दिल्ली4 महीने पहले
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हाल ही में फ्लाइट में यात्रियों की कई हरकतों ने दुनिया भर के मीडिया में सुर्खियां बटोरीं। 4 दिन पहले की बात है। विस्तारा एयरलाइन की फ्लाइट में तो महिला यात्री ने सबके सामने अपने कपड़े तक उतार दिए। महिला इतने भर से ही नहीं रुकी उसने क्रू मेंबर के साथ मारपीट, गाली-गलौज और थूकने तक पर उतर आई। हालांकि, बाद में 45 वर्षीय इटली की इस यात्री को अबू धाबी से मुंबई जाने वाली विस्तारा एयरलाइन की उड़ान (यूके256) में एक केबिन क्रू सदस्य को कथित तौर पर मुक्का मारने और दूसरे पर थूकने के आरोप में अगले दिन गिरफ्तार किया गया।

फ्लाइट का सफर वैसे तो बेहद आरामदायक माना जाता है लेकिन पैसेंजर के दुर्व्यवहार से यह आराम हराम भी हो सकता है।
फ्लाइट का सफर वैसे तो बेहद आरामदायक माना जाता है लेकिन पैसेंजर के दुर्व्यवहार से यह आराम हराम भी हो सकता है।

इंटरनेशनल फ्लाइट में पैसेंजर का दुर्व्यवहार बढ़ा, कोई गिरफ्तार हुआ तो किसी पर लगा बैन
तीन और वाकए इंटरनेशनल फ्लाइट में सामने आए। पहली घटना पिछले साल 26 नवंबर की है। एयर इंडिया की न्यूयॉर्क-दिल्ली फ्लाइट में नशे में धुत एक शख्स ने बुजुर्ग महिला पर पेशाब कर दिया था। दूसरी घटना इसके कुछ दिन बाद की ही है। एयर इंडिया की पेरिस-दिल्ली फ्लाइट में एक पुरुष यात्री ने महिला यात्री की कंबल पर पेशाब कर दिया। तीसरी घटना 27 दिसंबर, 2022 की है। बैंकॉक से कोलकाता आ रहे एक प्लेन में कुछ भारतीय यात्रियों में लात-घूंसे चले।

अब सवाल उठता है कि पैसेंजर के इस तरह के व्यवहार पर नियंत्रण के लिए क्या कोई नियम कानून है या नहीं? चलिए समझते हैं-

पैसेंजर का शालीन व्यवहार अहम, पायलट के पास हैं खास अधिकार
पैसेंजर का फ्लाइट में शालीन व्यवहार बेहद अहम होता है। अगर आप फ्लाइट में शालीन व्यवहार करते हैं तो आपको भी सम्मान मिलता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप पर एक्शन भी हो सकता है। फिर आपकी एक अलग पहचान बन जाती है। एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड को कुछ खास अधिकार दिए हैं, जिसमें आपके गलत व्यवहार पर वह पैसेंजर को फ्लाइट से नीचे भी उतार सकते हैं।

एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड को कुछ खास अधिकार दिए हैं।
एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने फ्लाइट के पायलट-इन-कमांड को कुछ खास अधिकार दिए हैं।

आइए जानते हैं कि डीजीसीए के क्या हैं नियम।

क्रू मेंबर से गलत व्यवहार पर नहीं मिलेगी फ्लाइट में एंट्री
अगर कोई पैसेंजर फ्लाइट के क्रू मेंबर के साथ गलत व्यवहार करते हैं। उनके लिए धमकी भरे अपशब्द या अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते हैं तो आपको फ्लाइट में डिपार्चर से पहले उतार दिया जा सकता है और आप पर कार्रवाई भी हो सकती है।
इतना ही नहीं अगर आप फ्लाइट ऑपरेशन के दौरान क्रू मेंबर (चालक दल) के काम-काज में जानबूझकर अड़चन डालते हैं और रुखा व्यवहार दिखाते हैं तो पायलट इन कमांड आपको फ्लाइट में कह सकते हैं चलिए बाहर। यानी आपको सफर करने से रोक दिया जा सकता है।

हाल में हवाई जहाजों में यात्रियों के दुर्व्यवहार के चलते आपको नियमों को जान लेना चाहिए।
हाल में हवाई जहाजों में यात्रियों के दुर्व्यवहार के चलते आपको नियमों को जान लेना चाहिए।

ग्राउंड पर किया गया गलत व्यवहार पड़ सकता है महंगा
ग्राउंड पर भी किया गया कोई गलत व्यवहार आपको महंगा पड़ सकता है। आपकी वजह से अगर फ्लाइट को इमरजेंसी में लैंड कराना पड़ा तो आपको लैंडिंग में अरेस्ट किया जा सकता है। इसलिए सफर के दौरान शालीनता बनाए रखें जिससे एयरलाइन बेहतर ऑपरेशन और पैसेंजर चैन से सफर कर सकें।

किस कानून के तहत है पायलट को अधिकार
पायलट-इन-कमांड को विमान नियम 1937 के नियम 141 (Rule 141 of the Aircraft Rules 1937) के प्रावधानों के तहत सभी उचित उपाय करने का अधिकार है, जिसमें शारीरिक रूप से रोकना या अनियंत्रित यात्री को उतारना शामिल हो सकता है।

तब आप अरेस्ट भी हो सकते हैं
अगर विमान और उसमें पैसेंजर्स की सुरक्षा को आप खतरे में डालने की कोशिश करते हैं। विमान में स्मोकिंग करते हैं तो आप डेस्टिनेशन पर अरेस्ट हो सकते हैं। साथ ही अगर पायलट इन कमांड के निर्देश आप नहीं मानते हैं तो आप पर एक्शन हो सकता है।

यात्रियों को लेकर एयरलाइंस अपनी-अपनी गाइडलाइंस जारी कर सकती हैं।
यात्रियों को लेकर एयरलाइंस अपनी-अपनी गाइडलाइंस जारी कर सकती हैं।

2017 की गाइडलाइंस में पायलट को रिपोर्ट दर्ज कराने का अधिकार
हवाई जहाज यात्रा के दौरान पैसेंजर के गलत व्यवहार को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 2017 में गाइडलाइन जारी की थी। गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कोई यात्री गलत व्यवहार करता है तो पायलट को रिपोर्ट दर्ज करानी होगी और उसकी आंतरिक जांच की जाएगी। जांच के दौरान विमान कंपनी के पास यह अधिकार है कि वो उस यात्री को 30 दिन के लिए नो-फ्लाय लिस्ट में डाल सकती है। अगर विमान कंपनी एक तय समय के अंदर ऐसा फैसला नहीं ले पाती तो इंसान विमान यात्रा जारी रख सकता है।

पैसेंजर को लेकर एयरलाइंस बना सकती हैं खुद की गाइडलाइंस
यात्रियों को लेकर एयरलाइंस अपनी-अपनी गाइडलाइंस जारी कर सकती हैं। अगर कोई यात्री शराब पीकर गलत व्यवहार करता है। उसके कारण विमान के अन्य यात्रियों को परेशानी होती है। या फिर पैसेंजर धूम्रपान करता है और जानबूझकर दूसरे यात्रियों पर सिगरेट का धुआं छोड़ता, गलत व्यवहार करता है, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है तो यह सब पैसेंजर के गलत व्यवहार की कैटेगरी में आता है। इन सबको लेकर नियम के मुताबिक एयरलाइंस खुद की गाइडलाइंस तय कर सकती हैं।

पैसेंजर भी कर सकते हैं एयरलाइंस के खिलाफ शिकायत
अगर यात्री को लगता है कि उसके साथ गलत हुआ है तो वह नागरिक उड्‌डयन मंत्रालय के तहत काम करने वाले जन शिकायत अधिकारी (Public Grievance Officer) और नोडल एपिलेट एथॉरिटी ऑफ पब्लिक ग्रेविएंस (Nodal Appellate Authority of public grievance) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

एयर इंडिया में यात्रियों की सुरक्षा निगरानी होगी चाकचौबंद
हालांकि, एयर इंडिया में हाल ही में हुईं तीन घटनाओं को लेकर टाटा समूह ने विमान की सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए कुछ कदम जरूर उठाए हैं। एयर इंडिया के विमान में अब किसी भी तरह की सुरक्षा कमी का पता कुछ ही मिनटों में लग जाएगा। दरअसल, कंपनी एक क्लाउड सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन कोरुसन का उपयोग करेगी जो रियल टाइम जानकारी प्रदान करेगा।

यह कदम सुरक्षा प्रबंधन बढ़ाने और उड़ान के दौरान होने वाली घटनाओं की रीयल-टाइम रिपोर्टिंग की सुविधा के लिए उठाया गया है। पिछले साल दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में यात्रियों द्वारा किए गए गलत व्यवहार की तीन घटनाओं को देखते हुए की गई है। इन घटनाओं को लेकर विमानन नियामक डीजीसीए ने कुछ रिपोर्टिंग खामियों के लिए एयरलाइन कैरियर पर जुर्माना लगाया था।