दालों को प्रोटीन का सबसे बढ़िया स्रोत माना जाता है। अरहर दाल, मसूर दाल, चना दाल, मूंग दाल, उड़द दाल लगभग हर भारतीय घर में पाई जाती है। इनसे तरह-तरह की डिशेज तैयार होती हैं। हालांकि एक दाल ऐसी है जिसमें सबसे अधिक न्यूट्रिएंट्स हैं। यह है कुलथी दाल। शहरों में यह उतना पॉपुलर नहीं है जितना कि ग्रामीण इलाकों में। झारखंड, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के ट्राइबल इलाकों में दालों में सबसे अधिक कुलथी दाल ही खाई जाती है। इसका कारण है इसमें मौजूद पोषक तत्व। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन के साथ इसमें मिनरल्स और विटामिंस भी होते हैं।
किडनी स्टोन को यूरिन के रास्ते करती है बाहर
कुलथी दाल को दाल कम दवा के रूप में अधिक देखा जाता रहा है। डाइटीशियन डॉ. विजयश्री प्रसाद बताती हैं कि इस दाल में कई न्यूट्रिएंट्स के अलावा कम मात्रा में कई बायोएक्टिव पदार्थ पाए जाते हैं जैसे-फेनोलिक एसिड, फ्लैवोनॉड्स और टैनिंस। ये कई तरह की बीमारियों को खत्म या कम करती हैं।
कई शोधों में बताया गया है कि कुलथी की दाल किडनी में बने स्टोन को गलाने में मदद करती है। स्टोन गलकर यूरिन के रास्ते निकल जाता है। इसके नियमित सेवन से कांस्टिपेशन को दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि इससे गॉल ब्लाडर में जमे स्टोन को भी बाहर निकाला जा सकता है। जिन्हें यूरिक एसिड बढ़ने की शिकायत होती है वे कुलथी दाल का सेवन कर सकते हैं। रेगुलर कुलथी दाल खाने से कोलोन कैंसर का भी रिस्क कम रहता है।
100 ग्राम कुलथी दाल में ये हैं न्यूट्रिएंट्स
पाइल्स के रोगियों के लिए लाभदायक
कुलथी दाल पाइल्स के रोगियों के लिए भी अच्छा मानी जाती है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसे सलाद के रूप में कच्चा खा सकते हैं। इसे रात में भिगो कर रखें और सुबह इसके पानी को पी जाएं तो पाइल्स में काफी राहत मिलती है।
डिलीवरी के बाद महिलाएं करें सेवन
आयुर्वेद के अनुसार, महिलाओं को रेगुलर कुलथी दाल का सेवन करना चाहिए। हर दिन कुलथी दाल का एक चम्मच पाउडर भी न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होता है। खासकर डिलीवरी के बाद प्रसूता को कम से कम डेढ़ महीने तक इसका सेवन लाभ पहुंचाता है। कुलथी दाल का पानी या सूप पीने से महिलाओं को भरपूर आयरन की मात्रा मिलती है। जो माएं ब्रेस्ट फीडिंग कराती हैं उनमें दूध बढ़ाने में कारगर होती है।
कुलथी दाल में आयरन की अच्छी मात्रा रहती है। यह महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करने में मदद करती है। इसका उपयोग अनियमित और हेवी ब्लीडिंग रोकने के लिए भी किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार महिलाओं को नियमित रूप से प्रतिदिन 1 चम्मच कुलथी दाल के पाउडर का सेवन करना चाहिए।
कोलेस्ट्रॉल को रखे कंट्रोल में
कुलथी की दाल शरीर में LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। वहीं HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। डॉ. विजयश्री के अनुसार, डाइट में कुलथी दाल को शामिल किया जाए तो कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।
स्पर्म को पतला करना से रोके
कुलथी दाल में कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन और एमिनो एसिड होते हैं। इससे पुरुषों में स्पर्म बढ़ता है। आयुर्वेद में बताया गया है कि कुलथी की दाल स्पर्म को पतला होने से रोकती है। जिनमें स्पर्म की कमी होती है वे इसे औषधि के रूप में ले सकते हैं।
सर्दियों में शरीर रखे गर्म
आयुर्वेद में कुलथी की तासीर को गर्म बताया गया है। सर्दियों में लोगों को सर्दी-जुकाम, खांसी की शिकायत अधिक होती है। कुलथी दाल खाने से सीजनल फ्लू तो दूर होता ही है, शरीर को भी गर्म रखने में मदद मिलती है।
ब्लड ग्लूकोज भी रखे नियंत्रित
कुलथी की दाल में ऐसे न्यूट्रिएंट्स होते हैं जो ब्लड ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित रखते हैं। डायबिटीज रोगियों को कुलथी दाल खाने की सलाह दी जाती है।
डिस्क्लेमर- इस लेख में दी गई सूचनाओं को एक्सपर्ट की सलाह से लिखा गया है। उपयोग से पहले एक्सपर्ट से सलाह लें।
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