सऊदी अरब के इतिहास में पहली बार महिलाएं अब बॉर्डर गार्ड्स का हिस्सा बनेंगी। सऊदी के आंतरिक मंत्रालय ने कहा कि इस पद के लिए महिलाएं भी अब रजिस्ट्रेशन करा सकती हैं। इस फैसले के बाद सरकारी और प्राइवेट फील्ड में भी महिलाएं आगे आएंगी। इससे पहले मक्का में महिला गार्ड की तैनाती हज यात्रियों की सुरक्षा और देखभाल के लिए की गई थी। इससे पहले कुवैत सेना में भी महिलाओं को शामिल होने की इजाजत मिली थी।
25 से 35 की उम्र वाली लड़कियों को ही मौका
सऊदी अरब ने पिछले साल फरवरी में पहली बार सेना में महिलाओं के लिए पोस्ट निकाली थी। बॉर्डर गार्ड में शामिल होने के लिए आवेदक सऊदी का होना चाहिए, जिसकी उम्र 25 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए, उसका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना चाहिए और वह जरूरी योग्यताओं को पूरा करती हो। सऊदी के अबशेर पोर्टल के माध्यम से आवेदन 26 मार्च से 31 मार्च तक खुले रहेंगे। महिलाओं के पास अब सेना, शाही वायु रक्षा, नौसेना, शाही सऊदी सामरिक मिसाइल बलों और सशस्त्र बलों की चिकित्सा सेवाओं में शामिल होने का अवसर मिलेगा है।
पहली बार ऊंटनी ब्यूटी क्वीन प्रतियोगिता में महिलाएं शामिल
सऊदी अरब में महिलाएं पहली बार ऊंटनी ब्यूटी क्वीन प्रतियोगिता में शामिल हुई थीं। ब्यूटी कॉन्टेस्ट के दौरान सऊदी महिलाओं ने "रेगिस्तान की जहाज" यानी ऊंटनियों की परेड की। पहले किंग अब्देलअजीज फेस्टिवल में सिर्फ पुरुष अपनी ऊंटनी के साथ हिस्सा लेते थे। यह पहली बार था जब महिलाओं के लिए इस इवेंट का आयोजन हुआ।
महिलाओं के लिए इन कदमों को मिला विजन 2030 नाम
इन सुधार प्रक्रियाओं को विजन 2030 नाम दिया गया है। इसके तहत सऊदी के प्रिंस ने महिलाओं पर लगे कई तरह के प्रतिबंधों को भी हटा दिया है। अब यहां वयस्क महिलाओं को बिना परिजनों की आज्ञा लिए कहीं भी आने-जाने की अनुमति दी गई है। पारिवारिक मुद्दों में भी महिलाओं को नियंत्रण का हक दिया गया है।
सऊदी अरब में महिलाओं के अधिकार
सऊदी अरब में महिलाओं के अधिकार पड़ोसी देशों की तुलना में सीमित हैं। यहां शरिया कानून का सख्ती से पालन किया जाता है। 2017 में, मोहम्मद बिन सलमान को क्राउन प्रिंस नियुक्त किया गया था। तब से, उन्होंने कई सामाजिक सुधार किये हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, महिला प्रशासनिक और सेवा मामलों की एजेंसी कमेलिया अल-दादी के नेतृत्व में लगभग 200 महिलाएं महिला वैज्ञानिक, बौद्धिक और मार्गदर्शन मामलों की एजेंसी के लिए काम करती हैं, जबकि बाकी महिला प्रशासनिक और सेवा मामलों की एजेंसी में काम करती हैं।
पिछले साल महिलाओं ने संभाली मक्का की कमान
पिछले साल सऊदी में महिला सैनिकों को इस्लाम के सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना में पहरा देने के लिए नियुक्त किया गया था। सैन्य खाकी वर्दी पहने महिलाओं ने पहली बार मक्का की ग्रैंड मस्जिद में सुरक्षा स्थिति की निगरानी की कमान संभाली। इस कदम को दुनिया भर में सराहा गया था। मक्का में ग्रैंड मस्जिद-खाना-ए-काबा में महिला तीर्थयात्रियों और आगंतुकों की सेवा के लिए सैकड़ों महिलाओं को भी नियुक्त किया गया था। इससे पहले, सऊदी रक्षा मंत्रालय ने घोषणा की थी कि पुरुष और महिला दोनों विभिन्न सैन्य पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं। पिछले साल दिसंबर में ही इरुहरम कार्यालय ने मस्जिद-उल-हरम के विभिन्न वर्गों में लगभग 1,500 महिलाओं की भर्ती की थी।
सऊदी की महिलाओं के पास अभी नहीं हैं ये अधिकार
सऊदी अरब में कई काम अब भी महिलाएं नहीं कर सकती हैं। सऊदी की महिलाएं अपने पुरुष अभिभावक की अनुमति के बिना बैंक अकाउंट नहीं खोल सकती हैं। अगर कोई भी महिला अपना पासपोर्ट बनवाने जाती है, तो उसे अपने पुरुष अभिभावक से मंजूरी लेनी होगी। इसके बिना पासपोर्ट नहीं बनेगा। शादी करने या तलाक लेने के लिए भी पुरुष अभिभावक की अनुमति आवश्यक है। अगर बेटा 7 साल से बड़ा और बेटी 9 साल से बड़ी हो तो तलाक की स्थिति में बच्चे की कस्टडी भी लेना भी मुश्किल है। सऊदी की महिलाएं रेस्तरां में अपने पुरुष दोस्त के साथ नहीं बैठ सकती हैं। यहां तक कि रेस्तरां महिला को महिला और पुरुष, पुरुष खाना परोसते हैं।
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