मैरिटल रेप पर दिल्ली हाई कोर्ट के जजों की दो अलग-अलग राय के बाद देश भर में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है।
जस्टिस शकधर ने कहा कि यह IPC की धारा 375, संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। लिहाजा, पत्नी से जबरन संबंध बनाने पर पति को सजा दी जानी चाहिए। वहीं, जस्टिस सी हरिशंकर ने कहा कि मैरिटल रेप को किसी कानून का उल्लंघन नहीं माना जा सकता।
बेंच ने याचिका लगाने वालों से कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकते हैं।
हाईकोर्ट के बाद अन्य संस्थाओं में भी इस मुद्दे पर मिलीजुली राय सामने आ रही है, लेकिन सवाल यह है कि जिस मुद्दे पर बहस हो रही है, उस पर भारतीय महिलाएं क्या राय रखती हैं।
क्या हमारे आसपास की महिलाएं मैरिटल रेप को अपराध मानती हैं? वैवाहिक जीवन में जबरदस्ती बनाए जाने वाले शारीरिक संबंध को बलात्कार जैसे शब्द से जोड़ना सही है या गलत? क्या महिलाएं इस दर्द को कबूलने को तैयार हैं, अपनी चुप्पी तोड़ने को तैयार हैं? कहीं मुंह खोलना उनकी शादी को तो खतरे में डाल सकता है या उन्हें बदनाम तो नहीं करेगा? इस बारे में हमसे अपनी राय साझा कीजिए। हमसे अपनी राय इस पोल में साझा कीजिए।
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