कभी जल्दी-जल्दी में आप भी सुबह ब्रश करना भूले हैं? इसके कारण पूरा दिन अजीब महसूस किया है? डेंटिस्ट डॉक्टर कविता दास का कहना है कि सेहतमंद रहना चाहते हैं तो ओरल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी है। दांतों का ख्याल रखने से गंभीर बीमारियां होने की संभावनाएं कम हो जाती हैं, साथ ही दांत और मसूड़े स्वस्थ रहते हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग 'ओरल हेल्थ' को प्राथमिकता नहीं देते हैं।
ब्रिटेन में 2,000 लोगों के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग आधे लोगों को दांतों को ठीक से ब्रश करने का सही तरीका नहीं पता था। एक स्टडी में पाया गया है कि 10 में से सिर्फ एक व्यक्ति सही तरीके से ब्रश करता है।
सही से ब्रश न करने से हो सकती है गंभीर बीमारी
जो लोग सही तरीके से ब्रश नहीं करते, उन्हें डिमेंशिया हो सकता है। ये अक्सर दांतों में सड़न और दांतों के खराब होने के कारण होता है। इस बीमारी के कारण दिमाग में सूजन, दांतों में इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। दांतों को सड़ने से बचाने के लिए रोज कम से कम एक बार ब्रश जरूर करें।
ओरल हेल्थ सही नहीं रखेंगे तो हार्ट डिजीज या डायबिटीज से परेशान हो सकते हैं। बहुत कम लोगों को ये बात पता होगी कि हार्ट हेल्थ आपके ओरल हेल्थ से कनेक्टेड है। जिन लोगों को दांतों और मसूड़ों की बीमारियां होती हैं, उन्हें हृदय रोग होने का खतरा ज्यादा होता है। इससे बचने के लिए नियमित रूप से अपने दांतों का चेकअप जरूर करवाएं। इसके अलावा कभी मसूड़ों में ऐंठन, जकड़न जैसी समस्या हो रही है, तो जल्द से जल्द हार्ट चेकअप करवाएं।
ब्रश करने का सही तरीका
कई लोगों को लगता है कि ब्रश करने मतलब भोजन के अवशेषों को हटाना और फ्रेश फील करना है। ऐसा नहीं है, दांतों से बैक्टीरिया को हटाना ज्यादा महत्वपूर्ण है। दिन में दो बार ब्रश करने के लिए कम से कम दो मिनट का समय जरूर लगाएं। स्टडी की मानें तो केवल 25% लोग ही सही दबाव और तरीके से दांतों को लंबे समय तक ब्रश करते हैं।
दांतों के साथ मसूड़ों को भी ब्रश करें। ये बैक्टीरिया को मुंह के अंदर बढ़ने से रोकते हैं और एक क्लैगी बायोफिल्म बनाते हैं। डॉक्टर कविता के अनुसार, कुछ बैक्टीरिया मुंह के चिपचिपी फिल्म में रहते हैं। इसे सिर्फ पानी से धोया नहीं जा सकता। इसे वास्तव में मैन्युअल तरीके से साफ करने की जरूरत होती है, इसलिए सही तरीके से ब्रश करना बेहद जरूरी है।
ब्रश बदलने और रखने का सही तरीका
हर व्यक्ति को कम से कम 1 महीने बाद अपना ब्रश बदल देना चाहिए। इसके अलावा जिस भीगे ब्रश को होल्डर में रखते हैं असल में उसमें बैक्टीरिया जमने लगते हैं। ब्रश और ब्रश होल्डर को हफ्ते में 1 बार गर्म पानी में डाल कर कुछ समय के लिए छोड़ दें, ताकि उनमें बैक्टीरिया न जमें। इसके अलावा कोशिश करें कि ब्रश होल्डर को ऐसी जगह पर रखें, जहां धूप आती हो।
आयुर्वेदिक चीजों से ब्रश करने के फायदे
दांतों की सफाई के लिए नीम, शीशम, आम और पीपल की टहनियों का प्रयोग कर सकते हैं। इनकी कड़वाहट से न सिर्फ मुंह की दुर्गंध दूर होती है बल्कि दांतों और मसूड़ों में भी मजबूती आती है। कड़वी जड़ी-बूटियां मुंह से बैक्टीरिया को बाहर निकालती हैं और सांसों की बदबू से भी लड़ती हैं।
पायरिया यानी दांतों और मसूड़ों की गंभीर समस्या जिसे पीरियोडोंटाइटिस भी कहा जाता है, उससे परेशान हैं तो नीम और अनार के पत्तों को रोजाना चबाएं।
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